इज़राइल की सैन्य कार्रवाई : शांति का नोबेल पुरस्कार विजेता ग्रेटा थन वर्ग और उनके कार्यकर्ताओं के जहाज को इजरायल ने अपने कब्जे में ले लिया है। बताया जा रहा है कि यह सभी जहाज में राहत सामग्री लेकर गाजा तक जा रहे थे। समुद्र से होकर गुजर रहे जहाज को इजरायल की सेना ने घेर कर अपने कब्जे में ले लिया। फिलहाल यह जहाज इजरायल की सेना के कब्जे में बताया जा रहा है। ग्रेटा थन वर्ग स्वीडन की रहने वाली है और उनकी ख्याति पर्यावरण कार्यकर्ता और शांति की नोबेल पुरस्कार विजेता के रूप में है।
गाजा के लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहा था जहाज
इजराइल ने जिस जहाज को अपने कब्जे में लिया है वह जहाज राहत सामग्री लेकर गाजा के लिए जा रहा था। इस जहाज का नाम मेडलिन बताया जा रहा है। गाजा के लिए जा रहे जहाज में अनाथ और पीड़ित लोगों के लिए दवा, अनाज, बच्चों के लिए दूध आदि सामग्री थी।जिस वक्त इस जहाज को इजरायल की सेना के द्वारा कब्जे में लिया गया है उसे वक्त जहाज में कुल 12 लोग सवार थे। सभी 12 लोगों को इजरायल की सेना ने हिरासत में ले लिया है। गाजा में लंबे समय से भुखमरी चल रही है और वहां पर बच्चे और लोग भूख से तड़प तड़प कर अपनी जान गवा रहे हैं।
वीडियो जारी कर दी गई जानकारी
इजराइल के द्वारा जहाज को कब्जे में लेने की जानकारी नोबेल पुरस्कार विजेता ग्रेटा थन वर्ग और उसके साथियों ने वीडियो जारी करते हुए दी है। उनका कहना है कि इंटरनेशनल वाटर से गुजरते समय इजरायल के सैनिकों ने उन्हें और उनके साथियों को अगवा कर लिया है। आपको बता दे की सभी लोगों से अपील करते हुए कहा था कि हमें फिलिस्तीन के लिए आवाज उठानी चाहिए अगर हमारे अंदर इंसानियत बची है तो हमें मदद करनी चाहिए। उन्होंने रवाना होने से पहले कहा था कि यह सफर उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है लेकिन चुप रहना उसे भी ज्यादा खतरनाक होगा। वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ राहत सामग्री लेकर 1 जून को इटली के सिसली दीप से रवाना हुई थी।
गाजा में लोग कर रहे भुखमरी का सामना
लंबे समय से इजरायल ने गाजा को जाने वाली सभी तरह के राहत सामग्री पर पाबंद लगा रखा है। लंबे समय से कोई सहायता नहीं मिल पाने के कारण वहां पर भुखमरी के हालात बने हुए हैं और बहुत से लोग और बच्चे भुखमरी का शिकार भी हो चुके हैं। जिस मेडेलिन जहाज को इजराइल के द्वारा कब्जे में लिया गया है वह राहत सामग्री लेकर गाजा जा रहा था। इसराइल नहीं चाहता कि कोई भी और किसी भी तरह की मदद गाजा को प्राप्त हो।
Freedom fluteela नामक संगठन ने शुरू की थी यात्रा
गाजा को विभिन्न तरह की सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से यह यात्रा एक संगठन फ्रीडम फ्लोटिला ने शुरू की थी। संगठन का कहना था कि उनका यह कार्य शांतिपूर्वक और अहिंसा के सहारे पूरा होगा। जिस जहाज को इजराइल के द्वारा कब्जे में लिया गया है उस जहाज पर सवार सभी कार्यकर्ता और चालक इसी संगठन के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। एक तरफ इजराइल ने गाजा पर सभी तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं और वह नहीं चाहता कि गाजा को किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त हो तो वही नोबेल पुरस्कार विजेता ग्रेटा थन वर्ग और उसके साथी इजरायल की इस रणनीति का लगातार विरोध करते नजर आ रहे हैं।
इसराइल ने मेडेलिन जहाज को इसलिए कब्जे में लिया है ताकि गज को किसी भी तरह की सहायता न पहुंच सके। इसी के साथ-साथ यह भी बताया जा रहा है कि अगर मेडेलिन जहाज को छोड़ दिया जाता है तो भविष्य में और दूसरे संगठन भी इस तरह की सहायता करने की कोशिश कर सकते हैं जो इजरायल के लिए सही नहीं होगा। इस स्थिति में इसराइल के समुद्री प्रतिबंध कमजोर पड़ सकते हैं और इजराइल को अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है। साल 2025 में इससे पहले एक और जहाज ने भी गाजा पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन इजराइल ने इसकी अनुमति नहीं दी थी।
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लंबे समय से गज की घेरे बंदी किए हुए हैं इजरायल
गाजा पट्टी को लेकर इजरायल की यह रणनीति नई-नई है बल्कि लंबे समय से इजरायल ने गाजा पट्टी को घेर कर रखा है। हमास के द्वारा 2007 में गाजा पर कब्जा कर लेने के बाद से लगातार सुरक्षा कारणों और अन्य चीजों को ध्यान में रखते हुए इसराइल ने भूमि सीमाओं समुद्री सीमाओं और हवाई रास्तों पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं। इजरायल की घेराबंदी इस प्रकार की है कि बिना अनुमति गाजा तक कोई भी जहाज नहीं पहुंच सकता। एक तरफ अन्य देश और संगठन इस मानवता के खिलाफ बता रहे हैं तो वही इजराइल इसे अपने नागरिकों की सुरक्षा बताते हुए आतंकियों से बचाव का रास्ता बता रहे हैं।
साल 2023 से लगातार इजरायल फिलिस्तीन पर हमला करता रहा है जिसमें हजारों की संख्या में लोग मारे जा चुके हैं। गाजा की हालत इस समय बहुत दयनीय है और वहां पर भुखमरी फैली हुई है। लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। आने वाले समय में यदि इस स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो स्थिति और भी भयानक हो सकती है।