बांग्लादेश चुनाव 2026 : भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में काफी लंबे समय से उथल-पुथल मची हुई है| बांग्लादेश में राजनीतिक रूप से चल रही उथल-पुथल के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है| बांग्लादेश में अब आम चुनाव अप्रैल 2026 में होंगे| बांग्लादेश की वर्तमान सरकार में सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने जानकारी दी कि बांग्लादेश चुनाव 2026 अप्रैल 2026 में आयोजित किए जाएंगे| हालांकि उन्होंने बताया कि चुनाव का पूरा कार्यक्रम अभी जारी नहीं किया गया है| यह जानकारी चुनाव आयोग के द्वारा बाद में जारी की जाएगी|
बांग्लादेश में पिछले साल तख्ता पलट हो गया था| बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाकर मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का चीफ एडवाइजर बनाया गया है| शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटाने के बाद से लगातार बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद खाली चल रहा है और वहां अंतरिम सरकार ही कार्य कर रही है| एक चुनी हुई सरकार के लिए अब बांग्लादेश में अप्रैल में बांग्लादेश चुनाव 2026 होंगे|
आर्मी मुखिया ने की थी चुनाव की मांग
बांग्लादेश में जब से शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटाया गया है उसके बाद से कार्य कर रही अंतरिम सरकार और सेना के बीच लगातार टकराव् देखा जा रहा है| इसी टकराव के बीच बांग्लादेश की आर्मी के मुखिया जनरल वकार UJ जमा ने बांग्लादेश में आम चुनाव कराने की मांग की थी|
उन्होंने 22 MAY को बांग्लादेश की सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि आगामी समय में होने वाले आम चुनाव इस साल के अंत तक अर्थात दिसंबर से आगे नहीं जाने चाहिए| बांग्लादेश में कार्य कर रही अंतरिम सरकार और सेना के मध्य टकराव का अनुमान आर्मी चीफ के इस बयान से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अंतिम सरकार को चेतावनी दी कि वह देश के संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर निर्णय लेने से दूर रहे|
यूनुस ने पहले भी दिए थे संकेत
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से इस्तीफा देने के बाद अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में आम चुनाव को लेकर पहले भी संकेत दिए थे| उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में आम चुनाव 2025 के अंत में या 2026 के शुरुआती 6 महीना में कर लिए जाएंगे| ऐसा माना जा रहा है कि अंतरिम सरकार पर आम चुनाव को लेकर सेना के साथ-साथ उसकी सहयोगी पार्टियों का भी लगातार दबाव बढ़ता जा रहा था|
सहयोगी पार्टी लगातार दबाव बना रही थी कि दिसंबर तक आम चुनाव नहीं होने की स्थिति में वह अपना समर्थन सरकार से वापस ले सकते हैं| इस स्थिति को देखते हुए अंतरिम सरकार और चुनाव आयोग ने चर्चा कर अप्रैल 2026 तक बांग्लादेश में आम चुनाव करवाने का निर्णय लिया है| हालांकि चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम चुनाव आयोग के द्वारा बाद में जारी किया जाएगा|बांग्लादेश में आम चुनाव होने की घोषणा के साथ ही अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर कौन बांग्लादेश में नई सरकार बनाएगा |
बांग्लादेश में चुनाव की प्रक्रिया लगभग भारत के समान ही है| बांग्लादेश की संसद में कुल 350 सीट है| जिस तरह भारत में राष्ट्रपति सिर्फ देश का औपचारिक प्रमुख होता है उसी तरह बांग्लादेश में भी राष्ट्रपति देश का सबसे प्रमुख व्यक्ति होता है लेकिन सरकार पर वास्तविक नियंत्रण भारत में जिस तरह प्रधानमंत्री के पास होता है ठीक उसी तरह पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी सरकार पर नियंत्रण प्रधानमंत्री का ही होता है|
लंबे समय बाद बांग्लादेश को मिलेगा नया प्रधानमंत्री, बांग्लादेश चुनाव 2026
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश को लगभग दो दशक बाद नया प्रधानमंत्री मिल सकता है| ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आगामी अप्रैल 2026 में बांग्लादेश में आम चुनाव आयोजित होंगे जिसमें नई सरकार चुनी जाएगी और बांग्लादेश को एक नया व्यक्ति प्रधानमंत्री के रूप में मिलेगा| अब तक की बात की जाए तो बांग्लादेश में पिछले साल प्रधानमंत्री पद से हटाई गई सेख हसीना लंबे समय तक इस पद पर कार्यरत रही थी|
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना लगभग 20 साल तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री रही| शेख हसीना पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री 23 जून 1996 को बनी थी| पहले कार्यकाल के बाद शेख हसीना 6 जनवरी 2009 को बांग्लादेश की एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गई| पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना 2014 में एक बार फिर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनी और देश की बागडोर संभाली| शेख हसीना और बांग्लादेश की राजनीति का नाता यही नहीं टूटा बल्कि 2019 में शेख हसीना एक बार फिर भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित हुई| इसके बाद जनवरी 2024 में शेख हसीना बांग्लादेश की पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनी| इससे यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में शेख हसीना ने लंबे समय तक शासन किया और लगभग दो दशक तक उन्हें की अगुवाई में देश तरक्की करता रहा|
हालांकि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का प्रधानमंत्री पद से हटना स्वाभाविक नहीं बल्कि एक आंदोलन इसका कारण बना|बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री से एक हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थी और उन्होंने भारत में ही शरण ली थी| इसके बाद भारत पर बांग्लादेश की राजनीति में अस्थिप करने का आरोपी लगा था|
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बांग्लादेश चुनाव 2026 : आरक्षण आंदोलन के कारण हसीना ने दिया इस्तीफा
लगभग दो दशक तक बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद पर कार्य करने वाली शेख हसीना की इस पद से विदाई काफी विवादित रही| बांग्लादेश में पैदा हुए आरक्षण आंदोलन के कारण उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा |यह आरक्षण आंदोलन नया नहीं था लेकिन उग्र रूप धारण करने के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था| विभिन्न छात्र संगठन ने शेख हसीना सरकार के खिलाफ आरक्षण आंदोलन की बागडोर संभाली थी और उन्होंने इस आंदोलन को इतना उग्र बना दिया कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को आखिर में इस्तीफा देना ही पड़ा|
लंबे समय से चले आ रहे आरक्षण आंदोलन के दबाव के कारण 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा| लगभग 20 साल और पांच बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही शेख हसीना कि प्रधानमंत्री पद की विदाई इस तरह एक आरक्षण आंदोलन के कारण हुई| बांग्लादेश में हुआ आरक्षण आंदोलन काफी हिंसक रूप में था| इस आरक्षण आंदोलन में काफी ज्यादा संख्या में लोगों की मौत हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री आवास में विभिन्न सरकारी दफ्तरों को हिंसा का शिकार बनाया था| इस आरक्षण आंदोलन में लोगों ने सरकारी दफ्तर यहां तक की प्रधानमंत्री कार्यालय तक में तोड़फोड़ की थी|