पहलगाम हमले के बाद दो पड़ोसी देश भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही आपसी तनातनी अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है| दोनों देशों के बीच खुली जंग भले ही रुक गई हो लेकिन रणनीतिक और आंतरिक जंग अभी भी जारी है| दोनों देश एक दूसरे की घेराबंदी करने में पीछे नहीं रह रहे हैं|
इसी बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को धमकी देते हुए कहा कि भारत पारंपरिक युद्ध में जिस तरह Pakistan से हारा है| इस तरह जल्द ही भारत को जल युद्ध में भी पाकिस्तान हरा देगा| पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मीडिया से की गई बातचीत में कहां की भारत जानबूझकर चिनाब नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित करते हुए पाकिस्तान में पानी की कमी लाना चाहता है लेकिन उसके यह इरादे पूरे नहीं होने देंगे|
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत सिंधु नदी जल समझौता को स्थगित कर चुका है और लगातार पाकिस्तान की ओर जाने वाली नदियों के पानी को नियंत्रित करते हुए पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झकझोर करने पर तुला हुआ है|
जल समझौता रद्द होने से तड़प रहा पाकिस्तान
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में भारत ने जब से सिंधु जल समझौता को रद्द किया है उसी दिन से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में खलबली मची हुई है| भारत ने लंबे समय से चली आ रही सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है और वह अब पाकिस्तान को इस संधि से जुड़ी हुई कोई भी जानकारी साझा नहीं कर रहा है और साथ ही साथ पाकिस्तान की ओर जाने वाली नदियों के पानी को भारत में स्थित बांधों में एकत्रित करने लगा है|
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारतीय कैबिनेट में सिंधु जल समझौते को रद्द करने का कठोर फैसला लिया गया था| भारत और पाकिस्तान के मध्य सिंधु जल समझौता लगभग 65 साल से चला रहा था| सिंधु जल समझौता से सर्वाधिक फायदा पाकिस्तान को मिल रहा था| यही कारण है कि जब से सिंधु जल समझौते को भारत ने रद्द किया है तो पाकिस्तान लगातार इसको बहाल करने की मांग करने लगा है|
पानी के बिना पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतो में जल संकट पैदा हो गया है और आने वाले समय में यह संकट और गहरा सकता है| पाकिस्तान लगातार कोशिश कर रहा है कि सिंधु जल समझौते को उन्हें बहाल किया जाए| इसके लिए लगातार पाकिस्तान सरकार भारत सरकार से इसकी गुहार लगा रही है| रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के जल संसाधन विभाग ने भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क करते हुए इसे बहाल करने की मांग की है|
क्या है सिंधु जल समझौता?
जिस सिंधु जल समझौते के रद्द होने से पाकिस्तान लगातार भारत के आगे गिड़गिड़ा रहा है| आखिर उस समझौते में क्या है उसे हम जानने की कोशिश करते हैं| सिंधु जल समझौता भारत और पाकिस्तान के मध्य बहने वाली नदियों को लेकर एक समझौता है| दोनों देशों के बीच इन नदियों के जल का बंटवारा इसी समझौते के तहत किया जाता है|
इस संधि में झेलम सतलज चुनाव रवि व्यास सिंधु नदी के पानी का बंटवारा भारत और पाकिस्तान के मध्य किया जाता है| भारत को इस संधि के तहत सिंधु, झेलम, चिनाब अर्थात पश्चिमी नदियों के पानी का उपयोग करने की सीमित ही अनुमति है| इन तीनों नदियों के पानी का अधिकतर उपयोग पाकिस्तान करता है तो वहीं दूसरी तरफ रावी, सतलज और व्यास नदी के पानी का इस्तेमाल करने का अधिकार भारत के पास है| सिंधु नदी जल प्रणाली में 6 नदियों को लेकर समझौता किया गया था|
जानकारों का मानना है कि सिंधु जल समझौते से भारत से ज्यादा फायदा पाकिस्तान को होता आ रहा है| सिंधु जल समझौते से भारत को लगभग कुल पानी का केवल 20% पानी की उपयोग करने का अधिकार था तो वहीं पाकिस्तान को इस संधि से लगभग 80% पानी प्राप्त होता था| दोनों देशों के मध्य लंबे समय से चली आ रही यह संधि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में भारत सरकार के द्वारा रद्द कर दी गई है|
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बिना सिंधु जल समझौते के पानी को तरसेगा पाकिस्तान
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौते को रद्द करते हुए पाकिस्तान को जाने वाली नदियों के पानी को प्रभावित करने वाले कदम उठाने शुरू कर दिए हैं| इसके तहत भारत ने पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी से संबंधित जानकारी को साझा करना बंद कर दिया है| पाकिस्तान की और प्रवाहित होने वाली नदियों के जल को भारत विभिन्न बांधों में एकत्रित करते हुए पाकिस्तान की नदियों में जल स्तर को कम करने का कार्य कर रहा है|
पाकिस्तान की नदियों में भारत के द्वारा पानी नहीं छोड़े जाने से पाकिस्तान में जल संकट पैदा होने के आसार उत्पन्न हो गए हैं| अगर ऐसा लंबे समय तक रहा तो यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए तगड़ा झटका हो सकता है ऐसा माना जा रहा है कि सिंधु जल समझौते के रद्द होने के बाद पाकिस्तान की नदियों के पानी में 20% से भी अधिक कमी आई है|
पाकिस्तान में स्थित प्रमुख बांधों में भी पानी का स्तर बहुत कम रह गया है| पाकिस्तान सिंधु जल समझौते से ने केवल पानी को तरसेगा बल्कि इससे संबंधित आंकड़े साझा नहीं होने की स्थिति में उसे कभी-कभी जल संकट तो कभी बाढ़ की स्थिति से सामना करना पड़ेगा| जल प्रवाह के आंकड़े दोनों देशों के मध्य साझा नहीं होने की स्थिति में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है|
आखिर क्यों आई यह स्थिति?
दो पड़ोसी मुल्क भारत और पाकिस्तान में वैसे तो लगातार लंबे समय से तनाव जारी है लेकिन वर्तमान में स्थिति और बिगड़ी हुई नजर आ रही है| दोनों देशों ने एक दूसरे पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं| जब से कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है| उसके बाद लगातार दोनों देशों के बीच तनाव उबाल ले रहा है|
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने मासूम लोगों की हत्या कर दी थी| कश्मीर के पहलगाम को एक टूरिस्ट स्थल के तौर पर जाना जाता है| यहां पर घूमने गए मासूम लोगों की पाकिस्तान से आए हुए आतंकियों ने फायरिंग से हत्या कर दी| इस खतरनाक मंजर का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछ पूछ कर लोगों की हत्या की| इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई|
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के उद्देश्य से कई कठोर निर्णय लिए| उसी का नतीजा है कि भारत ने लंबे समय से चली आ रही भारत और पाकिस्तान के मध्य की सिंधु जल संधि को रद्द करने का एक साहसिक फैसला लिया और उसके बाद सबसे चर्चित ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया|