China US Conflict : कुछ समय पहले दुनिया के सभी देशों को tariff की धमकी देने वाला अमेरिका अब अपनी ही चाल में फसता हुआ नजर आ रहा है। अमेरिका के द्वारा लगातार दी जा रही इन धमकियों के जवाब में चीन ने ऐसा कदम उठाया है कि अमेरिका को उसके सामने नतमस्तक होना पड़ा है। भारत के पड़ोसी देश चीन ने रेयर अर्थ पदार्थ के दम पर न सिर्फ अमेरिका के द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ को कम कराया है बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चीन के साथ ट्रेड डील करने पर मजबूर किया है। चीन के द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों से दुनिया के सभी देशों पर प्रभाव पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है जिसमें भारत भी शामिल है।
इसलिए झुका अमेरिका
चीन के द्वारा वर्तमान प्रौद्योगिकी में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले पदार्थों पर प्रतिबंध बढ़ा देने के बाद अमेरिका को चीन के सामने झुकना पड़ा है। अमेरिका के मजबूर होने का कारण यह है कि पनडुब्बी, फाइटर जेट, हथियार, कार और अन्य सभी इलेक्ट्रॉनिक सामानों में इन पदार्थों का उपयोग होता है इनके बिना इन सभी का निर्माण कर पाना संभव नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण फाइटर जेट्स, रडार सिस्टम, मिसाइल आदि में उपयोग होने वाले इन पदार्थों की उपयोगिता को देखते हुए अमेरिका ने चीन के साथ ट्रेड डील करने को उचित समझा है।
वर्तमान की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं पर चीन ने दिखाई सख्ती
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगातार धमकी भरे बयान दिए जाने के बाद चीन ने एक ही झटके में बाजी पलट कर रख दी। चीन के द्वारा रेयर अर्थ पदार्थ को लेकर सख्ती बढ़ा दि गई। इसके बाद अमेरिका सहित सभी देशों को चीन से मिलने वाले आधुनिक तकनीक के सबसे आवश्यक के लिए चीन की तरफ जाना पड़ा। वर्तमान समय में स्मार्टफोन से लेकर फाइटर जेट तथा सभी अन्य तकनीकों में प्रयोग में आने वाले पदार्थों पर चीन का एक छत्र राज है। रियल अर्थ पदार्थ में शामिल पदार्थों के बिना आधुनिक तकनीकी संभव नहीं है।
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चीन के पास सबसे ज्यादा भंडार
रेयर अर्थ पदार्थ का भंडार दुनिया में बहुत ही कम पाया जाता है। इन आवश्यक तत्वों का भंडार कम होने के साथ-साथ ही इनको शुद्ध अवस्था में प्राप्त कर पाना बहुत कठिन और महंगा है। वर्तमान में रेयर अर्थ पदार्थों के प्रति में चीन दुनिया के सभी देशों से बहुत आगे नजर आ रहा है। यह सभी पदार्थ पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत क्रस्ट में पाए जाते हैं। इन पदार्थों को प्राप्त करना और अयस्क से शुद्ध धातु प्राप्त करना बहुत मुश्किल भरा काम है।
440 लाख मैट्रिक टन के भंडार के साथ चीन इस मामले में दुनिया में सबसे आगे है तो वहीं चीन के बाद वियतनाम 220 लाख मैट्रिक टन के भंडार के साथ दूसरे नंबर पर बना हुआ है। रेयर अर्थ पदार्थ के भंडार विश्व के सभी देशों में पाए जाते हैं लेकिन इनको धरातल से प्राप्त करना बहुत मुश्किल और खर्चीला है। भारत में इसका केवल एक प्रतिशत प्रोडक्शन किया जाता है। भारत के तटीय राज्यों में रेयर अर्थ पदार्थ के भंडार पाए जाते हैं। रेयर अर्थ पदार्थ में टेरबियम, सैमेरियम, गडौलीनियम, लुटटियम, डिस्प्रोजियम,स्कैंडियम आदि तत्वों को शामिल किया जाता है।

ट्रंप ने की थी चीन और अमेरिका में ट्रेड डील की घोषणा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चीन और अमेरिका के बीच एक ट्रेड डील की घोषणा की थी। हालांकि अभी चीन की तरफ से इस समझौते को लेकर मंजूरी नहीं दी गई है और जब तक चीन की तरफ से इस डील को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आ जाता है जब तक इस समझौते को लेकर असमंजस बना रहेगा। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा की गई ट्रेड डील की घोषणा को चीन के द्वारा उठाए गए सख्त कदमों का परिणाम बताया जा रहा है। एक समय दुनिया के सभी देशों को ट्रेड वॉर की धमकी देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के आगे समर्पण करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
चीन पर निर्भरता कम कर रहे अन्य देश
रेयर अर्थ पदार्थ को लेकर अन्य देशों के प्रति कठोर रुख अपनाने वाले चीन को लेकर अब दुनिया भी अपना रवैया बदलती हुई नजर आ रही है। दुनिया के सभी देश अब इस कोशिश में लगी हुई हैं कि इन पदार्थों का उत्पादन अपने देश में अधिक से अधिक किया जा सके। भारत अमेरिका सहित अन्य देश अब इन पदार्थों को लेकर चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहते हैं। हालांकि इन पदार्थ को न केवल धरातल से प्राप्त करना मुश्किल है बल्कि अयस्क से शुद्ध पदार्थ प्राप्त करना भी बहुत चुनौती पूर्ण माना जाता है। कठिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न देश अब प्रौद्योगिकी का सहारा लेते हुए इस दिशा में आगे बढ़ाना चाह रहे हैं।
चीन लगातार बढ़ा रहा अपना साम्राज्य
एक समय था जब अमेरिका का पूरी दुनिया पर एक छत्र राज हुआ करता था लेकिन अब स्थिति बदलती हुई नजर आ रही है। वर्तमान परिस्थितियों में अमेरिका को लगातार अन्य देशों से विभिन्न क्षेत्रों में चुनौती मिलती हुई दिख रही है। भारत का पड़ोसी मुल्क चीन लगातार सभी क्षेत्रों में नए आयाम प्राप्त करते हुए अपने साम्राज्य में विस्तार करता जा रहा है। प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था के दम पर चीन लगातार अमेरिका को टक्कर दे रहा है। पिछले कुछ समय से लगातार चीन की प्रगति तेज गति से बढ़ रही है। यही कारण है कि चीन धीरे-धीरे संसार में एक महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है।