Trump India Conflict : ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार भारत और पाकिस्तान को लेकर देश-विदेश में इसकी चर्चा बनी हुई थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव को खत्म करने में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे। एक बार फिर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के द्वारा अमेरिका के द्वारा पाकिस्तान के साथ किए जा रहे रवैए पर सवाल उठाए गए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की है।
भारतीय कूटनीति को अमेरिका ने दिए झटके – जयराम रमेश
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अमेरिका को लेकर बयान देते हुए कहा कि अमेरिका के द्वारा लगातार भारत की कूटनीति के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं। जयराम रमेश ने कहा कि पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर को अमेरिकी सरकार के द्वारा अमेरिकी आर्मी डे के लिए आमंत्रित करना, पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की सेंट्रल कमांड के जनरल माइकल द्वारा साझेदारी बताना और एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के तनाव को खत्म करने में ट्रंप की भूमिका बताना इन बातों का सबूत है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा उठाए जा रहे यह कदम भारत अमेरिका संबंधों पर सवाल खड़े करने के साथ-साथ भारत की विदेश नीति को भी प्रभावित करते हैं। आतंकवाद को समर्थन करने वाले पाकिस्तान के लिए अमेरिका के द्वारा इस तरह साथ दिया जाना ठीक नहीं है।
सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है प्रधानमंत्री – कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी की तरफ से जयराम रमेश ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान है। अमेरिका के द्वारा उठाए गए कदम हमारे लिए चुनौती भी हैं और साथ ही साथ चेतावनी भी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मांग करते हुए कहा कि इस परिस्थिति में सर्वदलीय बैठक बुलाकर सरकार को बात करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने विभिन्न देशों के दौरे पर गए भारतीय नेताओं से मुलाकात की थी। उन्हें सभी विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर भी राय जाननी चाहिए।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड चीफ ने पाकिस्तान को बताया था आतंकवाद विरोधी साझेदार
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिका की तरफ से सेंट्रल कमांड के जनरल माइकल ने आतंकवाद को पोषित करने वाले पाकिस्तान को शानदार आतंकवाद विरोधी साझेदारी बताया था। जिस पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन जैसा आतंकवादी लंबे समय तक शरण लेकर छिपा रहा था इस पाकिस्तान को अब अमेरिका शानदार आतंकवाद विरोधी साझेदारी बता रहा है। उन्होंने अमेरिकी अधिकारी के द्वारा दिए गए इस बयान की निंदा करते हुए इसे भारत की रणनीति के खिलाफ बताया।
आतंकियों को समर्थन करने वाले आर्मी चीफ को दिया अमेरिका ने न्योता
कांग्रेस नेता ने कहा कि पाकिस्तान आर्मी के मुखिया ने आतंकियों को समर्थन करते हुए भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए थे। उनके द्वारा दिए गए बयान आतंकवादियों के हौसलों को बुलंद कर रहे थे। अमेरिका के द्वारा पाकिस्तान आर्मी के मुखिया को अमेरिका सेना की वर्षगांठ पर परेड के लिए आमंत्रित करना भारत की विदेश नीति के खिलाफ है। 14 जून को अमेरिका सेना अपनी वर्षगांठ मनाने जा रही है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा एक बार फिर यह दोहराया जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चले संघर्ष को रुकवाने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री के द्वारा बार-बार दिए जा रहे इन बयानों पर भारतीय सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए। भारतीय कूटनीति और विदेश नीति के खिलाफ लगातार उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वदा लिए बैठक बुलानी चाहिए।
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कांग्रेस लगातार उठाती रही है सवाल
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पैदा हुए भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने से पाकिस्तान के साथ चल रहे संघर्ष को रोक देना भारत की संप्रभुता के खिलाफ है। उन्होंने भारत सरकार से ट्रंप के बयान को लेकर सवाल खड़े किए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच चल रहे संघर्ष के बीच ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी थी कि उनके द्वारा की गई कोशिशें के बाद भारत और पाकिस्तान सीजफायर पर राजी हुए थे। ट्रम्प ने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान पर व्यापार को लेकर दबाव बनाने पर दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा ट्वीट किए जाने के कुछ घंटे बाद ही भारत और पाकिस्तान दोनों लंबे समय से चल रहे संघर्ष को रोकने पर सहमत हो गए थे। इसके बाद भारत की सभी विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि अमेरिका के दबाव में आकर केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। विपक्षी पार्टियों ने अमेरिका के द्वारा आंतरिक मामलों में दखल देने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
भारतीय विदेश मंत्री ने भी दी थी दूसरे देशों को नसीहत
हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दूसरे देशों को नसीहत देते हुए कहा था कि उनके द्वारा उठाए जाने वाले कदमों को लेकर अन्य देश सलाह नहीं दे सकते। एस जयशंकर ने कहा था कि किस परिस्थिति में कौन सा कदम उठाना है यह निर्णय भारत खुद करने में सक्षम है किसी दूसरे देश के कहे अनुसार भारत की विदेश नीति संभव नहीं है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान को भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को लेकर बार-बार अमेरिका के द्वारा दिए जा रहे बयानों से जोड़कर देखा जा रहा है। उनका कहना स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद में तीसरे की मध्यस्थता भारत को स्वीकार नहीं है।