Israel Iran Conflict; इजराइल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष आने वाले समय में और लंबा खींचता हुआ दिखाई दे रहा है| एक तरफ इजराइल लगातार ईरान के ऊपर एयर स्ट्राइक कर रहा है तो इसके जवाब में ईरान भी इसराइल को आंख दिखाने की कोशिश करता हुआ नजर आ रहा है| संघर्ष की स्थिति में दोनों ही देश झुकने को लिए तैयार नहीं है| अब आने वाले समय में यह देखना रोचक हो गया है कि विश्व की दूसरी शक्तियां किस-किस को अपना समर्थन देते हुए इस युद्ध में भूमिका निभाती हैं|

अमेरिका की ईरान को चेतावनी
परमाणु परीक्षण को लेकर उत्पन्न हुई संघर्ष की स्थिति के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ईरान ने समय रहते परमाणु परीक्षण पर समझौता नहीं किया तो उसे और गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा| डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर ईरान को पहले ही चेताते हुए 60 दिन की समय सीमा दी थी लेकिन ईरान के द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया| जिसके जवाब में 61वें दिन ईरान को करारा जवाब मिला है| अगर समय रहते ईरान ने उचित कदम नहीं उठा तो ईरान में तबाही और बढ़ेगी|
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टेक्नोलॉजी में इजरायल ईरान से बहुत आगे
इसराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के बीच अब दोनों देशों की सैन्य ताकत की तुलना होने लगी है| यदि दोनों देशों के बीच यह संघर्ष लंबा खींचता है तो इसमें एडवांस्ड हथियारों का उपयोग भी होते हुए नजर आ सकता है| सैनिकों की गिनती में ईरान भले ही इजराइल से आगे नजर आ रहा हो लेकिन अत्याधुनिक तकनीकी हथियारों में इजरायल ईरान से काफी आगे है| दुनिया का सबसे बेहतरीन माना जाने वाला डिफेंस सिस्टम आयरन डोम इसराइल के पास मौजूद है| आयरन डोम को इसकी कार्य शैली के कारण इजरायल सेना का सबसे प्रमुख भाग माना जाता है| इजराइल अपने ऐरो सिस्टम से लगभग 2400 किलोमीटर तक दुश्मन देश के द्वारा दागी गई मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता रखता है| आयरन डोम इजराइल का मजबूत डिफेंस सिस्टम है| इस बात का अंदाजा इसकी सफलता रेट से लगाया जा सकता है इसराइल के डिफेंस सिस्टम की सफलता दर 90% से ऊपर बताई जा रही है|
इजरायल की ताकत हवाई क्षमता
इसराइल और ईरान के बीच लगभग 2100 किलोमीटर की दूरी होने के कारण दोनों देशों के बीच जमीनी संघर्ष होने की संभावना बहुत कम है| जमीनी संघर्ष में उलझने के बजाय इजरायल ईरान पर हवाई हमले करने को ज्यादा वरीयता देगा| इसराइल अपनी वायु सेवा के दम पर एडवांस हथियारों का उपयोग करते हुए ईरान को धूल चटा सकता है| यही कारण है कि इसराइल परमाणु परीक्षण को लेकर उत्पन्न हुए तनाव के बीच ईरान पर लगातार लड़ाकू विमान के द्वारा एयर स्ट्राइक का कर रहा है|
इजराइल को मिलेगा अन्य देशों का भी समर्थन
परमाणु परीक्षण को लेकर उत्पन्न हुए तनाव में अब दोनों देशों के अतिरिक्त अन्य देशों की भूमिका भी अहम् होती नजर आ रही है| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुले में इजरायल की तरफ दिख रहे हैं| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को भी लगातार परमाणु समझौता करने को लेकर दबाव बना रहे हैं| विपरीत परिस्थितियों के लिए ईरान को गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी डोनाल्ड ट्रंप दे रहे हैं| अमेरिका के अलावा जर्मनी, यूके, फ्रांस और अन्य पश्चिमी देश भी ईरान के परमाणु परीक्षण कार्यक्रम के खिलाफ इजराइल का समर्थन करते हुए दिखेंगे| दुनिया के ताकतवर देश में शामिल चीन और रूस इस संघर्ष की स्थिति में ईरान की तरफ जा सकते हैं| चीन और रूस दोनों ही अमेरिका से मतभेद होने के कारण ईरान का समर्थन इस जंग में कर सकते हैं| ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं विश्व के अनेक देशों की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि ईरान और इजरायल के बीच चल रहे हैं संघर्ष में ईरान की तुलना में इजराइल को अधिक देशों का समर्थन प्राप्त होगा| युद्ध की स्थिति में भारत लगातार दोनों देशों से शांति की अपील करता हुआ नजर आ रहा है| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री से इस मुद्दे को लेकर फोन पर बातचीत भी की है नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों को विवाद सुलझाने की सलाह देते हुए कहा है कि लड़ाई के बजाय दोनों देश बातचीत के जरिए विवाद को हल करने की कोशिश करें।
कौन किस पर पड़ेगा भारी?
इजराइल और ईरान के बीच चल रहे हैं संघर्ष में यदि दोनों देशों की वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो सक्रिय जवानों के नजरिया से ईरान इजरायल पर भारी नजर आता है| ईरान के पास 6 लाख से भी ज्यादा सक्रिय जवान मौजूद है जबकि इजराइल के पास 170000 सक्रिय सैनिक मौजूद हैं| सक्रिय सैनिकों के मामले में भले ही इजरायल ईरान से पीछे नजर आता हो लेकिन अन्य आधुनिक हथियार, लड़ाकू विमान और टेक्नोलॉजी में वह ईरान से काफी आगे है| टेक्नोलॉजी के सहारे इजरायल ईरान को इस युद्ध में मात दे सकता है|