India Pakistan Tension पर एस जयशंकर ने कहा कि मोदी और ट्रंप के बीच संघर्ष विराम को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई, पाकिस्तान ने मांगा था युद्ध विराम।

आतंकवाद के खिलाफ जारी रहेगी भारत की जीरो टॉलरेंस नीति -एस जयशंकर

India Zero Tolerance : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर आतंकवाद को लेकर भारत का स्टैंड स्पष्ट किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को लेकर लंबे समय से भारत की जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है और आने वाले समय में भी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकी और आतंकवाद को समर्थन देने वाले लोग यह अच्छी तरह से समझ ले कि भारत के द्वारा आतंकवाद को करारा जवाब दिया जाएगा। भारतीय विदेश मंत्री के द्वारा यह बयान अमेरिका के वाशिंगटन में दिया गया।

भारत को बचाव का अधिकार- एस जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद पर बातचीत करते हुए कहा कि लंबे समय से भारत ने आतंकवाद का सामना किया है। आतंकवाद के कारण भारत को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है लेकिन भारत को आतंकवाद से बचाव का अधिकार है। इसीलिए वर्तमान में और आने वाले समय में हम इसका मजबूती से सामना करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के अपराधियों को कटघरे में लाने की कोशिश भारत के द्वारा लगातार की जा रही है। आतंकवादी हमले के जिम्मेदार लोगों को भी इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने आतंकवादी और आतंकवादियों का समर्थन करने वालों को भी चेतावनी जारी की।

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भारतीय विदेश मंत्री की अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत की है। भारत और अमेरिका के बीच विभिन्न समझौता तथा सहयोग को बढ़ाने के लिए दोनों देशों के द्वारा कोशिश की जा रही है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री के साथ विभिन्न बैठकों का रिव्यू किया। अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ मुलाकात में उन्होंने ऊर्जा व्यापार रक्षा तकनीक निवेश आदि को लेकर विस्तृत चर्चा की। अमेरिका के रक्षा सचिव के साथ भारतीय विदेश मंत्री ने अलग से मुलाकात करते हुए ऊर्जा तथा रक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्री के द्वारा अमेरिका के रक्षा सचिव से मुलाकात के साथ-साथ जापान के विदेश मंत्री और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री से भी बातचीत की गई।

India Zero Tolerance एस जयशंकर ने वाशिंगटन में आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति दोहराई, आतंकी समर्थकों को दी सख्त चेतावनी।
India Zero Tolerance एस जयशंकर ने वाशिंगटन में आतंकवाद पर भारत की जीरो टॉलरेंस नीति दोहराई, आतंकी समर्थकों को दी सख्त चेतावनी।
साल के अंत में होगा भारत में क्वाड सम्मेलन

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल के अंत में क्वॉड सम्मेलन का आयोजन भारत में किया जाएगा। क्वॉड देश के द्वारा विभिन्न दिशा में नई शुरुआत की गई है। क्वॉड संगठन में भारत-ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और जापान शामिल हैं। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बैठक को लेकर बातचीत करते हुए कहा कि विभिन्न मुद्दों पर एक दूसरे का सहयोग बढ़ाने। इंडो पेसिफिक में रणनीतिक स्थिरता को मजबूत करने तथा ईरान इजरायल संघर्ष को लेकर इस पर चर्चा हुई।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट का संकल्प

अमेरिका के वाशिंगटन में हुई क्वॉड देश के विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संकल्प लिया गया। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को भी आतंकी हमले की भी क्वॉड देशो के द्वारा कड़ी निंदा की गई है। इससे पहले शंघाई सहयोग संगठन में जारी किए गए साझा बयान में पहलगाम हमले का जिक्र नहीं होने के कारण भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। क्वॉड देश के द्वारा पहलगाम हमले की निंदा करने से भारत को समर्थन प्राप्त हुआ है। क्वॉड देश की इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जापान के विदेश मंत्री अमेरिका के विदेश मंत्री और भारत के विदेश मंत्री मौजूद रहे।

आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेर चुके राजनाथ सिंह

अमेरिका में क्वाड देशो की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के द्वारा आतंकवाद पर चर्चा किए जाने से पहले भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शंघाई सहयोग संगठन में इस मुद्दे को उठा चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन में आयोजित हुए शंघाई सहयोग संगठन में कहा था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद को शरण देने वाले देशों को भी चेतावनी दी थी। शंघाई सहयोग संगठन के साझा दस्तावेज में पहलगाम हमले का जिक्र नहीं होने पर भारत के द्वारा इसका विरोध किया गया था और हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था। भारत के द्वारा विरोध करने के बाद साझा बयान जारी नहीं किए गए थे। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा चीन में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से उपस्थित होने के बावजूद मुलाकात नहीं की गई थी।

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