Iran Israel Conflict : ईरान और इजरायल के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर पिछले कुछ समय में युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। दोनों देशों के बीच लगभग 12 दिनों तक युद्ध चला था जिसके बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हो गए थे। दोनों देशों के बीच हालत बिगड़ जाने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अंडरग्राउंड हो गए थे और बंकर में रह रहे थे। इसके बाद वह पहली बार अब सार्वजनिक जगह पर नजर आए हैं। एक धार्मिक समारोह में ईरान के सुप्रीम लीडर के शामिल होने की खबर ईरान के मीडिया के द्वारा जारी की गई है। इससे पहले 13 जून के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर किसी भी सार्वजनिक जगह पर नजर नहीं आए थे।
भीड़ ने किया ईरान के सुप्रीम लीडर का स्वागत
ईरान और इजरायल के बीच चले संघर्ष के बाद पहली बार ईरान के सुप्रीम लीडर एक धार्मिक समारोह में नजर आए। धार्मिक समारोह में शामिल होने पर वहां मौजूद लोगों के द्वारा ईरान के सुप्रीम लीडर का स्वागत किया गया। ईरान की सुप्रीम लीडर खामनोई ने भी काले कपड़ों में भीड़ का अभिवादन स्वीकार किया। लंबे समय बाद अपने सुप्रीम लीडर को सामने देखकर उनके प्रशंसक उत्साहित नजर आए। प्रशंसकों के द्वारा ईरान के सुप्रीम लीडर को लेकर जमकर नारेबाजी की गई।
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इसराइल बना सकता था खमनोई को निशाना
ईरान और इजरायल के बीच परमाणु परीक्षण को लेकर तनाव बढ़ गया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक युद्ध के हालात बने रहे थे। इसराइल तथा अमेरिका के द्वारा किए गए हमले में ईरान के कई महत्वपूर्ण सैन्य अधिकारी तथा प्रमुख वैज्ञानिक मारे गए थे। ऐसे में यह अंदेशा जताया जा रहा था कि इजरायल ईरान के सुप्रीम लीडर को भी निशाना बना सकता है। इसराइल के प्रधानमंत्री भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि इजरायल ईरान के सुप्रीम लीडर को जान से खत्म करना चाहता था लेकिन वह उनके ठिकाने तक नहीं पहुंच पाया। इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा था कि यदि हमें उनका ठिकाना पता होता तो हम ईरान के सुप्रीम लीडर को मौत के घाट उतार सकते थे। यही वजह है कि ईरान के सुप्रीम लीडर ईरान और इजरायल के बीच युद्ध शुरू होने के बाद अज्ञात जगह पर जाकर छुप गए थे। ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम हो जाने के बाद पहली बार वह सार्वजनिक जगह पर नजर आए हैं।
ट्रंप बोले थे मैंने बचाई सुप्रीम लीडर की जान
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी ईरान के सुप्रीम लीडर को लेकर बयान दे चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि ईरान और इजरायल के बीच चले संघर्ष के दौरान इसराइल तथा अमेरिका की सेना ईरान के सुप्रीम लीडर को खत्म करने की योजना बना चुकी थी। लेकिन मैंने उन्हें ऐसा करने से रोका। ईरान के सुप्रीम लीडर की अपमानजनक और दर्दनाक मौत होने से मैंने उन्हें बचाया है। ट्रंप का कहना था कि ईरान के सुप्रीम लीडर के द्वारा बंकर में छिपने के बावजूद उन्हें उनका ठिकाना पता था लेकिन वह उसे अपमानजनक मौत नहीं देना चाहते थे।

12 दिन चला था संघर्ष
ईरान और इजरायल के बीच परमाणु परीक्षण को लेकर तनाव पैदा हो गया था जिसके बाद दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक युद्ध की स्थिति बनी रही थी। बड़े स्तर पर लड़ाकू विमान मिसाइल और ड्रोन आदि से हमले किए गए थे। ईरान और इसराइल दोनों ने ही एक दूसरे के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाने के साथ-साथ बड़े स्तर पर हमले किए थे। इसराइल के द्वारा किए गए हमले में ईरान की सेना के प्रमुख अधिकारी तथा प्रमुख वैज्ञानिक जो परमाणु परीक्षण में लगे हुए थे मौत का शिकार बने। जबकि ईरान ने भी बड़ी मात्रा में मिसाइल तथा ड्रोन से इजरायल के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया।
युद्ध में सैकड़ो लोगों की हुई मौत
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन चले संघर्ष में दोनों ही देश को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ था। बताया जा रहा है कि इस युद्ध के कारण इसराइल को बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान होने के साथ-साथ लगभग 30 नागरिकों की भी मौत का नुकसान हुआ था। जबकि इजरायल के द्वारा किए गए हमले में ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक मारे जाने की खबर सामने आई थी। दोनों देशों ने एक दूसरे के आधारभूत संरचना को भी निशाना बनाया था। लंबे समय बाद ईरान और इसराइल संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे।
अमेरिका ने किए थे ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन चले संघर्ष के दौरान अमेरिका भी इस युद्ध में शामिल हो गया था। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण करने की कोशिश के बीच अमेरिका ने b2 बॉम्बर्स विमान के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे। अमेरिका का दावा है कि उसके द्वारा किए गए हमले से ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो गए जबकि ईरान अमेरिका के इन दावों को झूठा करार दे रहा है। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु परीक्षण कार्य लगातार जारी रहेगा।