Iran Nuclear Test : अमेरिका के द्वारा एक बार फिर ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने को लेकर बड़ा बयान दिया गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति का कहना है कि ईरान अभी भी परमाणु परीक्षण को रोकने के लिए तैयार नहीं है। परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करने या यूरेनियम का एनरिचमेंट रोकने को लेकर ईरान की तरफ से सहमति नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण को रोक दिया गया है लेकिन किसी दूसरे स्थान पर परमाणु परीक्षण को शुरू किया जा सकता है। अगर ऐसा किया तो यह बड़ी समस्या हो सकती है। कुछ समय पहले ईरान और इजरायल के बीच हुए युद्ध के दौरान अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
परमाणु परीक्षण से पैदा होगी समस्या- ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के द्वारा अपने परमाणु परीक्षण को फिलहाल तो रोक दिया गया है लेकिन यह संभावना है कि ईरान अपने परमाणु परीक्षण को किसी दूसरे स्थान पर एक बार फिर शुरू कर सकता है। यदि ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण को लेकर कदम बढ़ाया गया तो यह बड़ी समस्या होगी। ईरान के द्वारा परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करने या यूरेनियम के एनरिचमेंट को लेकर किसी भी तरह का सकारात्मक कदम नहीं बढ़ाया गया है।
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इजराइल के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे ट्रंप
ईरान के द्वारा यह स्पष्ट किया जा चुका है कि वह अपने परमाणु परीक्षण कार्यक्रम को लगातार जारी रखेगा। इजरायल के द्वारा यह अंदेशा जताया जा रहा है कि ईरान भविष्य में परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है। इसे देखते हुए ही इजरायल के प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात की जाएगी। दोनों देशों के बीच होने वाली इस मुलाकात में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चर्चा होगी। इसराइल के प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच होने वाले इस मुलाकात पर ईरान भी लगातार नजर बनाए हुए हैं।
अमेरिका का दावा- ईरान करना चाहता है बातचीत
अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण की संभावना पर बयान दिए जाने के बाद अमेरिका की तरफ से यह भी संभावना जताई जा रही है कि ईरान परमाणु परीक्षण पर अमेरिका के साथ बातचीत करने को लेकर तैयार है। हालांकि ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के बाद ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर बातचीत नहीं करेगा। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद ईरान ने अमेरिका के साथ होने वाली परमाणु बातचीत को रद्द कर दिया था तथा भविष्य में होने वाली परमाणु बातचीत में शामिल नहीं होने की बात भी कही थी।
परमाणु हथियार बनाने का नहीं कोई सबूत एजेंसी
अमेरिका की खुफिया एजेंसी के द्वारा भी यह स्पष्ट किया जा चुका है कि ईरान के द्वारा परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है या नहीं इसे लेकर कोई महत्वपूर्ण सबूत प्राप्त नहीं हुआ है। लगातार कोशिश करने के बावजूद ऐसा कोई सबूत प्राप्त नहीं हुआ है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। अमेरिका और इसराइल दोनों को अंदेशा है कि 12 दिन संघर्ष चलने के बावजूद ईरान अपने परमाणु परीक्षण को जारी रख सकता है और वह परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कदम जरूर बढ़ाएगा। ईरान के द्वारा अपने परमाणु परीक्षण को लेकर बार-बार यह बयान दिया जाता रहा है कि वह सिर्फ ऊर्जा तथा दूसरे क्षेत्र के लिए ही परमाणु परीक्षण कर रहा है जबकि इसराइल और अमेरिका का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार तैयार कर रहा है।

12 दिन चला था संघर्ष
ईरान और इजरायल के बीच परमाणु परीक्षण को लेकर तनाव पैदा हो गए थे। जिसके बाद दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक युद्ध की स्थिति बनी रही थी। बड़े स्तर पर लड़ाकू विमान मिसाइल और ड्रोन आदि से हमले किए गए थे। ईरान और इसराइल दोनों ने ही एक दूसरे के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाने के साथ-साथ बड़े स्तर पर हमले किए थे। इसराइल के द्वारा किए गए हमले में ईरान की सेना के प्रमुख अधिकारी तथा प्रमुख वैज्ञानिक जो परमाणु परीक्षण में लगे हुए थे मौत का शिकार बने। जबकि ईरान ने भी बड़ी मात्रा में मिसाइल तथा ड्रोन से इजरायल के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया।
युद्ध में सैकड़ो लोगों की हुई मौत
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन चले संघर्ष में दोनों ही देश को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ था। बताया जा रहा है कि इस युद्ध के कारण इसराइल को बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान होने के साथ-साथ लगभग 30 नागरिकों की भी मौत का नुकसान हुआ था जबकि इजरायल के द्वारा किए गए हमले में ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक मारे जाने की खबर सामने आई थी। दोनों देशों ने एक दूसरे के आधारभूत संरचना को भी निशाना बनाया था। लंबे समय बाद ईरान और इसराइल संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे।
अमेरिका ने किए थे ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन चले संघर्ष के दौरान अमेरिका भी इस युद्ध में शामिल हो गया था। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण करने की कोशिश के बीच अमेरिका ने b2 बॉम्बर्स को विमान के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे। अमेरिका का दावा है कि उसके द्वारा किए गए हमले से ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो गए जबकि ईरान अमेरिका के इन दावों को झूठा करार दे रहा है। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु परीक्षण कार्य लगातार जारी रहेगा।