BRICS Summit 2025 : ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा ले रहे हैं। ब्रिक्स देशो के द्वारा जारी किए गए साझा घोषणा पत्र में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई। पहलगाम आतंकी हमले के साथ-साथ इस घोषणा पत्र में ईरान पर इजरायल के हमले की भी निंदा की गई है। आपको बता दे की ब्राजील में आयोजित हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में इसके सदस्य देशों के द्वारा संयुक्त रूप से 31 पेज का 126 पॉइंट वाला घोषणा पत्र जारी किया गया है।
पहलगाम हमला इंसानियत पर चोट -मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे को उठाते हुए कहा की पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ भारत के ऊपर ही हमला नहीं था बल्कि यह पूरी इंसानियत के ऊपर चोट था। आतंकवाद पर सभी का एक स्टैंडर्ड होना चाहिए। आतंकवाद की हमेशा निंदा की जानी चाहिए बल्कि इसकी सुविधा नहीं। आतंकवाद को लेकर उन्होंने पूरे विश्व से एक नई व्यवस्था की मांग भी की। इससे पहलेअमेरिका में आयोजित हुए क्वॉड सम्मेलन में भारत की तरफ से आतंकवाद को लेकर निंदा की गई थी। जिसे सभी देशों ने समर्थन किया था। शंघाई सहयोग संगठन में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा गया था।
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मोदी ने रखे सम्मेलन में अपने विचार
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार व्यक्त किए हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स देशो की विशेषताओं का बखान करते हुए कहा कि अलग-अलग सोच और विविधता ब्रिक्स की असली ताकत है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स देशों की बैठक में ब्रिक्स रिसर्च सेंटर खोलने का प्रस्ताव रखा जिसमें सभी सदस्य देश विज्ञान और टेक्नोलॉजी से संबंधित मुद्दों पर कार्य कर सके। साथ ही उन्होंने विभिन्न बैंक को ऐसे प्रोजेक्ट में पैसा लगाने के लिए कहा जिसमें लंबे समय तक फायदा हो और बैंक की वैल्यू बनी रहे।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने दी थी एक्स्ट्रा टैरिफ की धमकी
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स संगठन से जुड़ने को लेकर विभिन्न देशों को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका के विरोध में कार्य कर रहे ब्रिक्स संगठन से जुड़ने की इच्छा रखने वाले सभी देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इसमें किसी को किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दी गई इस धमकी के विरोध में ब्रिक्स के द्वारा घोषणा पत्र में चिंता व्यक्त की गई है। घोषणा पत्र में सीधे तौर पर अमेरिका का नाम नहीं लिया गया है लेकिन टैरिफ को वैश्विक व्यापार के लिए खतरा बताया।
विभिन्न देशों से मोदी की होगी द्विपक्षीय वार्ता
ब्रिक्स सम्मेलन में पहली बार 11 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्राज़ील पहुंच चुके हैं। मोदी ब्रिक्स से सम्मेलन में शामिल होने के साथ-साथ दुनिया के दूसरे सदस्य देशों के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं। ब्रिक्स संगठन के सदस्य देशों के साथ विभिन्न समझौते को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी चर्चा करेंगे। ब्राज़ील पहुंचने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारतीय मूल के लोगों के द्वारा भव्य स्वागत किया गया था।

उभरती अर्थव्यवस्थाओं का संगठन है ब्रिक्स
ब्रिक्स संगठन वर्तमान में उभरती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है। इस समूह में 11 देश शामिल हैं जिनमें इंडोनेशिया सऊदी अरब ब्राजील रूस चीन भारत मिश्रा दक्षिण अफ्रीका ईरान इथोपिया संयुक्त अरब अमीरात शामिल है। इस संगठन का उद्देश्य इसके सदस्य देशों के बीच सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। ब्रिक्स संगठन की शुरुआत के समय इसके चार देश सदस्य थे। इस संगठन के संस्थापक देश में चीन ब्राजील भारत और रूस शामिल हैं। इसके बाद लगातार दूसरे देश भी इस संगठन से जुड़ते चले गए।
पश्चिमी देशों से मुकाबले के लिए बना ब्रिक्स
ब्रिक्स संगठन की शुरुआत पश्चिमी देशों से मुकाबला करने के लिए की गई थी। 2000 के शुरुआती दौर में दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पूरी तरह से पश्चिमी देशों का एकाधिकार था। पश्चिमी देशों के एकाधिकार के कारण सभी प्रमुख फैंसलों को इन्हीं के द्वारा किया जाता रहा था। सोवियत संघ के पतन के बाद लगातार पश्चिमी देशों के द्वारा विश्व की अर्थव्यवस्था पर दबदबा बनाया हुआ था। इस दबदबे को कम करने के लिए ही ब्राजील चीन भारत और रूस के द्वारा ब्रिक्स संगठन का निर्माण किया गया। शुरुआत में ब्रिक्स संगठन को ब्रिक के नाम से ही जाना जाता था। गरीब देशो की आवाज को मजबूती देना तथा ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों को मजबूत करना इस संगठन का उद्देश्य था।
दुनिया की आदि जनसंख्या ब्रिक्स देशों में
पश्चिमी देशों से मुकाबला करने के लिए बनाए गए ब्रिक्स संगठन में शामिल सदस्य देशों की जनसंख्या वर्तमान में पूरी दुनिया की आधी है। इस समूह में शामिल सभी देशों की जनसंख्या काफी अधिक है। जिसमें ब्राजील रूस चीन भारत शामिल है। भारत और चीन दुनिया के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश हैं। दूसरी तरफ क्षेत्रफल की दृष्टि से कुल क्षेत्रफल का 31% ब्रिक्स संगठन के सदस्य देशों के हिस्से में है। यही कारण है कि पश्चिमी देशों से मुकाबला करने के लिए ब्रिक्स संगठन को काफी अहम माना जाता है। जिस समय पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही थी और वहां आर्थिक संकट का सामना किया जा रहा था उस समय भी ब्रिक्स संगठन के सदस्य देश तेजी से अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे थे।