Pakistan Nuclear Statement : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सहबाज शरीफ ने भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम आक्रामकता के लिए नहीं बल्कि शांति के लिए है। पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव के हालात पैदा हो गए थे। इसके बाद पाकिस्तान के द्वारा बार-बार यह धमकी दी जा रही थी कि दोनों देशों के बीच स्थिति बिगड़ने पर परमाणु युद्ध हो सकता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा इस्लामाबाद में छात्रों को संबोधित करते हुए इसे लेकर पाकिस्तान का इरादा स्पस्ट किया गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कभी भी आक्रामकता के लिए अपने परमाणु परीक्षण का उपयोग नहीं करेगा। बार-बार परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान के सुर भारत का रवैया देखने के बाद बदले हुए नजर आ रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत ने भी आक्रामक तरीके से पाकिस्तान को जवाब दिया था।
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बार-बार भारत को मिलती थी परमाणु युद्ध की धमकी
भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव के दौरान पाकिस्तान की तरफ से बार-बार भारत को न्यूक्लियर ब्लैकमेल किया जाता रहा था। पाकिस्तान परमाणु युद्ध की धमकी देकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता था। भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद पैदा हुए तनाव के वक्त कहा गया था कि जापान में सिर्फ दो परमाणु बम गिरने से इतना विनाश हुआ था। भारत और पाकिस्तान के बीच 170 -170 से भी अधिक परमाणु हथियार है। ऐसे में युद्ध की कल्पना करना भी बहुत खतरनाक है। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए बयान से स्पष्ट हो रहा है कि भारत के द्वारा अपनाये जा रहे आक्रामक रवैया से पाकिस्तान की रणनीति में भी बदलाव दिखाई दे रहा है।
न्यूक्लियर धमकी नहीं सहेगा भारत -मोदी
इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी परमाणु युद्ध की धमकी को लेकर भारत का मत स्पष्ट कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान के द्वारा बार-बार न्यूक्लियर ब्लैकमेल करने की कोशिश अब नहीं चलेगी। पाकिस्तान की लंबे समय से यह आदत रही है कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा होता तो पाकिस्तानी नेताओं के द्वारा परमाणु धमकी का सहारा लिया जाता था। भारत के द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पाकिस्तान के प्रॉक्सी वार को अब जंग की शुरुआत के तौर पर देखा जाएगा। सीमा के उस पार से होने वाले आतंकी हमले को भी जंग की शुरुआत मानते हुए करारा जवाब दिया जाएगा। भारत के इसी जवाब के कारण पाकिस्तान के इरादे अब बदलते हुए नजर आ रहे हैं।
दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश
भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी मुल्क है लेकिन दोनों में हमेशा तनाव बना रहता है। दोनों ही देश के बीच सीमा तथा आतंकवाद को लेकर समय-समय पर संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है। पाकिस्तान के द्वारा लंबे समय से भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दी जाती रही है। लेकिन यहां यह जानना काफी रोचक है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश है। हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु हथियारों की संख्या में भारत ने पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले पाकिस्तान परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में भारत से आगे था लेकिन सीपरी के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में अब भारत परमाणु हथियारों के मामले में पाकिस्तान से आगे निकल गया है। पाकिस्तान के द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली परमाणु धमकियों के बाद भारत के विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री यह स्पष्ट कर चुके हैं कि अब भारत परमाणु युद्ध की धमकी सहन नहीं करेगा। पाकिस्तान के द्वारा किसी भी तरह की आतंकी घटना को अंजाम देने पर इसे युद्ध की शुरुआत के तौर पर माना जाएगा।

पहलगाम हमले के बाद पैदा हुए थे युद्ध के हालात
भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम में आतंकी हमले के बाद युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों के द्वारा पर्यटकों पर हमला कर देने के बाद भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने का निर्णय लिया था। भारतीय सेना के द्वारा इसके लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। भारतीय सेना के द्वारा की गई इस कार्रवाई में 100 से भी अधिक आतंकी मारे जाने की खबर सामने आई थी। इसके बाद पाकिस्तान की सेना के द्वारा भारत पर हमले करने की पूरी कोशिश की गई थी लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमलो को हवा में ही नष्ट कर दिया था।
दोनों देशों के बीच कई दिनों तक संघर्ष की स्थिति बनी रही थी लेकिन इसके बाद पाकिस्तान की गुजारिश पर भारत के द्वारा संघर्ष विराम पर सहमति दी गई थी। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम को लेकर भी मतभेद है। एक तरफ पाकिस्तान और अमेरिका का कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत और पाकिस्तान से बातचीत करने के बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री मोदी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम पाकिस्तान की गुजारिश पर किया था ना कि अमेरिका के कहने पर।
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से विभिन्न मुद्दों के कारण तनाव बना रहता है। भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान के साथ भारत का सीमा को लेकर विवाद बना हुआ है। सीमा विवाद के साथ-साथ पाकिस्तान के द्वारा लगातार आतंकवाद को समर्थन करना भी दोनों देशों के बीच तनाव का कारण माना जाता है। लंबे समय से आतंकवाद को पाकिस्तान सरकार के द्वारा समर्थन दिया जाता रहा है। हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन में भी इस मुद्दे को उठाया था जिसके बाद ब्रिक्स संगठन के सभी देशों ने आतंकवाद की निंदा की थी। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शंघाई सहयोग संगठन में आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान को घेरने का कार्य कर चुके हैं।