India NATO Warning :
कुछ समय पहले ही अमेरिका और नाटो के द्वारा रूस के साथ व्यापार करने वाले विभिन्न देशों को लेकर धमकी जारी की गई थी। नाटो ने कहा था कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। इसके बाद भारत की तरफ से इसे लेकर जवाब दिया गया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा की इस मामले में दोहरे मापदंड रखने वाले लोगों के खिलाफ सावधानी बरतने की जरूरत है। भारत अपने लोगों की ऊर्जा जरूरत की प्राथमिकता को ध्यान में रखेगा। हम लगातार इस मामले से जुड़ी खबर और घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। हमारी एनर्जी पॉलिसी ग्लोबल परिस्थितियों पर निर्भर करती है। ऐसे में यह स्पष्ट हो गया है कि भारत नाटो और अमेरिका के दबाव के बावजूद झुकने वाला नहीं है बल्कि वह स्व विवेक से इसे लेकर निर्णय लेगा।
नाटो ने दी थी धमकी
इससे पहले नाटो के द्वारा रूस पर दबाव बनाए जाने को लेकर दुनिया के विभिन्न देशों को धमकी जारी की गई थी। ब्राजील, चीन और भारत का नाम लेकर नाटो ने कहा था कि यदि इन देशों ने रूस के ऊपर यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने को लेकर दबाव नहीं बनाया तो इन देशों पर सेकेंडरी टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने कहा था कि रूस से तेल और गैस का व्यापार करने वाले देशों पर हमारी नजर है और आने वाले समय में इन देशों पर 100% टैरिफ लगाया जा सकता है।
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नाटो का कहना था कि रूस के साथ व्यापार समझौते इस स्थिति में रह सकते हैं जब रूस पर युद्ध को खत्म करने को लेकर दबाव बनाया जाए। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भारत को 100% टैरिफ की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यदि भारत ने रूस के साथ तेल और गैस का व्यापार किया तो भारत को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर अमेरिका के द्वारा रूस पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसी को देखते हुए अमेरिका के द्वारा यूक्रेन को एक बार फिर हथियार सप्लाई करने की घोषणा की गई थी।
रूस पर बनाये दबाव नहीं तो लगेगा भारत पर 100% टैरिफ -नाटो
एक तरफ अमेरिका के द्वारा लगातार रूस को यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। अमेरिका के साथ-साथ नाटो भी अब सक्रिय नजर आ रहा है। नाटो यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के लिए अमेरिका को 100% भुगतान करेगा। इसी बीच नाटो के महासचिव ने भारत और चीन को चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि यदि रूस को युद्ध रोकने के लिए भारत और चीन के द्वारा दबाव नहीं बनाया गया तो इनके ऊपर 100% टैरिफ लगाया जाएगा। नाटो के महासचिव ने भारत के साथ-साथ ब्राजील और चीन के लिए भी चेतावनी जारी की है। नाटो और अमेरिका मिलकर लगातार रूस के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी के तहत नाटो के महासचिव के द्वारा यह बयान दिया गया था ।

रूस से व्यापार करने पर हो सकता है नुकसान -नाटो
नाटो के महासचिव का कहना है कि यदि चीन भारत और ब्राजील ने रूस के साथ अपने व्यापार को जारी रखा तो आने वाले समय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि चीन, भारत और ब्राजील को यह समझना होगा। नाटो के महासचिव के द्वारा अमेरिका के सीनेटरों से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से की गई बातचीत में यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव बनाने के लिए यह कदम जरूरी है ताकि वह शांति वार्ता को गंभीरता से स्वीकार करें। नाटो के महासचिव ने कहा कि यदि तीनों देशों ने रूस से तेल और गैस खरीदना जारी रखा तो आने वाले समय में इन पर 100% सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
अल्टीमेटम नहीं है मंजूर रूस
अमेरिका और नाटो के द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव के बीच रूस ने भी अपना मत स्पष्ट कर दिया है। रूस ने कहा कि हम अपनी नीतियों को बदलने वाले नहीं है। इस तरह की अल्टीमेटम रूस को मंजूर नहीं है। रूस के उप विदेश मंत्री के द्वारा नाटो के द्वारा दी गई धमकी को खारिज किया गया। उन्होंने कहा कि आर्थिक दबाव बनाने के बावजूद रूस अपनी नीतियां बदलने वाला नहीं है बल्कि इसके विकल्प के तौर पर दूसरा बिजनेस रूट तलाशने की तैयारी करेगा। नाटो के महासचिव से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों को बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। अब यह देखने लायक होगा कि नाटो और अमेरिका के द्वारा चेतावनी जारी करने के बावजूद रूस के साथ कौन-कौनसे देश व्यापार जारी रखते हैं।
सेकेंडरी प्रतिबंध की दी गई चेतावनी
अमेरिका और नाटो के द्वारा रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों को सेकेंडरी प्रतिबंध की चेतावनी जारी की गई है। सेकेंडरी प्रतिबंध उन देशों या कंपनियों पर लगाया जाता है जो सीधे तौर पर प्रतिबंध नहीं होते है लेकिन ऐसे देश के साथ व्यापार करते हैं। प्रतिबंधित देश के साथ व्यापार करने वाले दूसरे देश और कंपनियों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लागू होता है। सेकेंडरी प्रतिबंध को इसलिए लागू किया जाता है ताकि उस देश पर दबाव बनाया जा सके। सेकेंडरी प्रतिबंध लागू करने के डर से ऐसे देशों से व्यापार करने में दूसरे देश और कंपनी झिझकते हैं।