India China flights अगले महीने से शुरू हो सकती हैं, पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन समिट में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे।

पहलगाम हमले की चीन ने की निंदा; भारत में उठाया था शंघाई सहयोग संगठन में आतंकवाद का मुद्दा

Pahalgam Terror Attack : भारत के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे को लगातार उठाए जाने का असर अब दुनिया के दूसरे देशों पर भी दिखने लगा है। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर के द्वारा अलग-अलग वैश्विक मंचों पर लगातार आतंकवाद के मुद्दे को उठाया जा रहा है। इसी बीच चीन के द्वारा पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया दी गई है। चीन ने पहलगाम हमले की निंदा की है। चीन की तरफ से चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को हुई  पहलगाम आतंकी हमले की चीन कड़ी निंदा करता है। इससे पहले चीन में आयोजित हुए शंघाई सहयोग संगठन में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तथा भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी आतंकवाद को लेकर सभी देशों से एक जुट होने की अपील की थी। भारत का कहना है कि आतंकवाद के मुद्दे पर सभी देशों को मिलकर लड़ना चाहिए। शंघाई सहयोग संगठन का निर्माण भी इसी उद्देश्य से हुआ था।

पाकिस्तान और संगठन का नहीं लिया चीन ने नाम

चीन के द्वारा कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर निंदा तो की गई लेकिन इस दौरान चीन की तरफ से एक बार भी पाकिस्तान या पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन का जिक्र नहीं किया गया। कुछ दिनों पहले ही अमेरिका के द्वारा इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया था। अमेरिका के द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद ही चीन का यह बयान सामने आया है लेकिन उसने पाकिस्तान और संगठन का नाम लेने से अपने आप को बचाया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के द्वारा कहा गया कि चीन आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों से सहयोग बढ़ाने की लगातार अपील करता है। क्षेत्रीय शांति व स्थिरता के लिए आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना जरूरी हो गया है। ऐसे में भारत के नेतृत्वकर्ताओं के द्वारा वैश्विक मंचों पर उठाए जा रहे आतंकवाद के मुद्दे का असर अब विश्व के दूसरे देशों पर भी स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है।

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3 महीने बाद भी कश्मीर के पर्यटन पर दिख रहा पहलगाम हमले का असर

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टीआरएफ ने ली थी हमले की जिम्मेदारी

कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद लश्कर ए तैयबा के सहयोगी संगठन TRF के द्वारा इस हमले की जिम्मेदारी ली गई थी हमला हो जाने के बाद बयान जारी करते हुए इस संगठन की तरफ से कहा गया था कि भारत सरकार के द्वारा लंबे समय से कश्मीर में मुसलमानों को बहुसंख्यक से अल्पसंख्यक बनाने का कार्य किया जा रहा है। हालांकि इसके कुछ दिनों बाद ही संगठन के द्वारा इस बयान से पलट जाने की भी खबर सामने आई थी।

संगठन का कहना था कि उनकी वेबसाइट को हैक करते हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली गई थी। टीआरएफ एक आतंकी संगठन है जो लंबे समय से जम्मू कश्मीर में सक्रिय है। यह ऐसे लोगों को अपने संगठन में शामिल करता है जो दिखने में आम नागरिक होते हैं लेकिन लगातार आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेते हैं। इसीलिए ऐसे आतंकवादियों को हाइब्रिड आतंकवादियों के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार के द्वारा इस संगठन को 5 जनवरी 2023 को आतंकी संगठन घोषित किया गया था। हाल ही में अमेरिका के द्वारा भी इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया गया था।

Pahalgam Terror Attack के बाद चीन ने की निंदा, लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। हमले के बाद कश्मीर के पर्यटन पर बुरा असर पड़ा है।
Pahalgam Terror Attack के बाद चीन ने की निंदा, लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। हमले के बाद कश्मीर के पर्यटन पर बुरा असर पड़ा है।
धारा 370 हटाने के बाद पैदा हुआ TRF

जिस संगठन के द्वारा कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर जिम्मेदारी ली गई वह संगठन कश्मीर में ज्यादा पुराना नहीं है। बल्कि इस संगठन की उत्पत्ति 2019 के बाद हुई। जब भारत सरकार के द्वारा कश्मीर में लंबे समय से चली आ रही धारा 370 को हटाने का निर्णय लिया गया। उसके बाद लगातार यह संगठन जम्मू कश्मीर में सक्रिय नजर आया। भारत सरकार के द्वारा यह दावा किया जाता रहा है कि यह संगठन लश्कर ए तैयबा का प्रोक्सी आतंकी संगठन है। इस संगठन के ऊपर सीमा के उस पार से ड्रग्स और हथियार की तस्करी के भी आरोप है। आम नागरिकों की हत्या के साथ-साथ सेना के जवानों को इस संगठन के द्वारा निशाना बनाया जाता है।

 

कश्मीर के पर्यटन पर दिख रहा पहलगाम हमले का असर

कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों के द्वारा पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया गया था। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी। लगातार इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच भी तनाव पैदा हो गया था। आतंकियों का उद्देश्य पर्यटकों पर हमला करते हुए कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन को कमजोर करना था। लगभग 3 महीने बाद भी पहलगाम मामले के कारण कश्मीर की रौनक अपने पुराने स्तर पर नहीं पहुंच पा रही है। पर्यटक अब ऐसी जगह जाने से बच रहे हैं जहां पर आतंकियों का प्रभाव हो। पहले जहां अप्रैल मई जून के महीने में पर्यटकों के द्वारा सर्वाधिक यात्रा की जाती थी अब वहां जाने के लिए कोई तैयार नहीं है।

होटल और टैक्सी वालों पर बढ़ रहा कर्ज

कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हुम्ला हो जाने के बाद पर्यटकों की संख्या पर भारी प्रभाव देखने को मिल रहा है। पहले जहां बड़ी मात्रा में दर्शक और पर्यटक कश्मीर की वादियों में घूमने के लिए पहुंचते थे। वहां अब सभी स्पॉट सूने पड़े हुए हैं। पर्यटकों की उम्मीद में टैक्सी और होटल वालों ने कर्ज लगाकर अपना धंधा शुरू किया था लेकिन पर्यटकों के नहीं आने से उनकी उम्मीद पर बारिश हो गई है। कई होटल और टैक्सी ड्राइवर कर्ज लेकर अपने इस धंधे में पर्यटकों से उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन उनकी उम्मीद अधूरी ही रहती हुई नजर आ रही है। कश्मीर में आय का बड़ा स्रोत टूरिज्म को माना जाता है। लंबे समय से पर्यटकों के ऊपर निर्भर कश्मीर के स्थानीय रोजगार को बड़ा धक्का लगा है।

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