Geeta Mahotsav USA : लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन अमेरिका में किया जाता रहा था लेकिन हरियाणा के कुरुक्षेत्र के गीता ज्ञान संस्थान की ओर से होने वाले गीता महोत्सव को लेकर अबकी बार बढ़ा निर्णय लिया गया है। इसके आयोजकों का कहना है कि अमेरिका में आ रही विभिन्न समस्याओं के कारण इसका आयोजन अमेरिका में नहीं किया जाएगा। अमेरिका में लगातार वीजा तथा दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। गीता ज्ञान संस्थान के प्रमुख के द्वारा यह जानकारी दी गई कि अमेरिका में गीता महोत्सव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई थी। वहां की विभिन्न संस्थाओं के साथ आयोजन को लेकर बातचीत हो गई थी। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन को लेकर आधिकारिक स्तर पर भी हरी झंडी मिल गई थी। इसके बावजूद अमेरिका में गीता ज्ञान महोत्सव का आयोजन नहीं किया जाएगा। अमेरिका में इस समय वैश्विक कूटनीति के कारण वीजा समस्या तथा आंतरिक अशांति होने को इसका कारण माना जा रहा है।
फिलहाल अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन को स्थगित कर दिया गया है। अमेरिका के विभिन्न शहरों में इस समय विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी नीतियों के खिलाफ लोग सड़कों पर है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के 1600 से भी अधिक शहरों में लोगों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रदर्शन शिकागो में देखने को मिल रहा है क्योंकि शिकागो प्रदर्शन का केंद्र माना गया है। गीता ज्ञान संस्थान के प्रमुख मनीष स्वामी के द्वारा इस आयोजन को लेकर की गई बातचीत में बताया गया कि इस वर्ष भले ही अमेरिका में इसका आयोजन नहीं किया जा रहा हो लेकिन अगले साल इसकी पूरी संभावना है कि गीता ज्ञान महोत्सव अमेरिका में मनाया जाए। लेकिन इसके लिए परिस्थितियों अनुकूल होने का इंतजार किया जाएगा। परिस्थिति अनुकूल होने पर ही यह आयोजन संभव हो पाएगा।
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दूसरे देशों में हो सकता है आयोजन
अमेरिका में होने वाले गीता महोत्सव को स्थगित करने के बाद इसके आयोजकों के द्वारा दूसरे देशों में जगह का निर्धारण किया जा रहा है। विभिन्न मापदंड और सुरक्षात्मक पहलू पर संतुष्ट होने के बाद संस्था के द्वारा यह निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल इतना तय हो गया है कि अमेरिका में गीता महोत्सव का आयोजन इस वर्ष नहीं किया जाएगा। अमेरिका के द्वारा लगातार भारतीय छात्रों और दूसरे नागरिकों पर वीजा सख्ती को बढ़ाया जा रहा है। जिस कारण विभिन्न छात्र भी अपने अध्ययन के लिए अमेरिका नहीं जा पा रहे हैं। अमेरिका में लंबे समय से स्थानीय लोगों के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी नीतियों का विरोध किया जा रहा है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। इसी कारण गीता ज्ञान महोत्सव को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

अगले वर्ष हो सकता है अमेरिका में आयोजन
गीता ज्ञान संस्थान के प्रमुख मनीष स्वामी के द्वारा इस आयोजन को लेकर की गई बातचीत में बताया गया कि इस वर्ष भले ही अमेरिका में इसका आयोजन नहीं किया जा रहा हो लेकिन अगले साल इसकी पूरी संभावना है कि गीता ज्ञान महोत्सव अमेरिका में मनाया जाए। लेकिन इसके लिए परिस्थितियों अनुकूल होने का इंतजार किया जाएगा। परिस्थिति अनुकूल होने पर ही यह आयोजन संभव हो पाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका में आयोजन नहीं होने की स्थिति में फिलहाल संस्था के द्वारा दूसरे देशों के साथ संपर्क किया जा रहा है। जिन देशों में आसानी से लोगों को वीजा उपलब्ध हो सके। आसानी से वीजा उपलब्ध होने पर कम समय में अधिक लोग महोत्सव में पहुंच सकेंगे। साथ ही साथ उन देशों में किसी भी तरह की अशांति नहीं हो इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
कुरुक्षेत्र और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी के साथ हुआ MOU
गीता ज्ञान संस्थान के प्रमुख गीता मनीषी स्वामी के द्वारा यह जानकारी दी गई कि इस आयोजन को लेकर जिओ गीता के द्वारा दो यूनिवर्सिटी से समझौता किया गया है। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी और हिसार की गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी के साथ जियो गीता के द्वारा MOU कराया गया है। इसके तहत भागवत गीता पर विभिन्न डिप्लोमा और डिग्री कोर्स शुरू किए जाएंगे। यूनिवर्सिटी के साथ किए गए समझौता के तहत डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शुरू होने की संभावना है जबकि दूसरी तरफ जिओ गीता की तरफ से अपने स्तर पर भी शॉर्ट कोर्स कराए जाने की बात कही जा रही है।
अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शन
अमेरिका के विभिन्न शहरों में इस समय विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी नीतियों के खिलाफ लोग सड़कों पर है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के 1600 से भी अधिक शहरों में लोगों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रदर्शन शिकागो में देखने को मिल रहा है क्योंकि शिकागो प्रदर्शन का केंद्र माना गया है। डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उनके द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी इसे लेकर अपना बयान दे चुके थे। उनके द्वारा एक आयोजन में कहा गया था कि अमेरिका लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों से भटकते हुए तानाशाह की तरफ अग्रसर है।