Iran Nuclear Tensions : पिछले महीने ईरान अमेरिका और इजरायल के बीच परमाणु परीक्षण को लेकर तनाव पैदा हो गया था। ईरान और इजरायल के बीच इस कारण 12 दिनों तक संघर्ष की स्थिति बनी रही थी। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका के द्वारा भी सक्रिय भागीदारी निभाई गई थी। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे और दावा किया था कि उसने ईरान के परमाणु परीक्षण को बहुत पीछे कर दिया है। इसी बीच ईरान की तरफ से बड़ा दावा किया गया है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि उनके परमाणु परीक्षण कार्यक्रम लगातार जारी रहेगा। इसराइल और अमेरिका के हमले के कारण ईरान के परमाणु ठिकानों को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचा था। इसके बावजूद ईरान के द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने की बात कही जा रही है।
ईरान करेगा यूरोपीय देशों से परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत
ईरान के द्वारा यह ऐलान कर दिया गया है कि वह परमाणु परीक्षण जारी रखेगा। इसी बीच यह भी कहा जा रहा है कि इजरायल के साथ सैन्य संघर्ष विराम होने के बाद ईरान के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि वह परमाणु परीक्षण को लेकर यूरोपीय देशों के साथ बातचीत करेगा। यूरोपीय देशों के साथ होने वाली इस बातचीत में तुर्की मेजबानी करेगा। ईरान के अधिकारियों के द्वारा जर्मनी ब्रिटेन और फ्रांस के अधिकारियों से मिलकर परमाणु परीक्षण पर बातचीत की जाएगी। यह भी खबर मिल रही है कि परमाणु परीक्षण पर होने वाली यूरोप के देशों की बैठक में यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख भी हिस्सा लेंगे। बातचीत के मुद्दे को लेकर ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटाना और ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम से जुड़े मुद्दों को लेकर बातचीत की जाएगी।
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अमेरिका दे रहा परमाणु ठिकाने नष्ट करने की चेतावनी
एक तरफ ईरान के द्वारा अपने परमाणु परीक्षण जारी रखने को लेकर ऐलान कर दिए गए हैं। दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान को पहले ही चेतावनी जारी कर चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि यदि ईरान के द्वारा परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कदम उठाए गए तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। परमाणु हथियार बनाने वाले ईरान के परमाणु ठिकानों को एक बार फिर नष्ट कर दिया जाएगा। अमेरिका लगातार ईरान के द्वारा किए जा रहे परमाणु परीक्षण का विरोध कर रहा है। अमेरिका और इसराइल यह नहीं चाहते कि किसी भी हालत में ईरान के पास परमाणु हथियार तैयार हो। इसी वजह से लगातार उनके द्वारा ईरान के परमाणु परीक्षण का विरोध किया जा रहा है।

इजराइल और अमेरिका कर रहे लगातार विरोध
ईरान के द्वारा किए जा रहे परमाणु परीक्षण का विरोध लगातार इसराइल और अमेरिका के द्वारा किया जा रहा है। इजराइल और अमेरिका का दावा है कि ईरान परमाणु परीक्षण का उपयोग परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कर रहा है। अमेरिका और इजरायल लगातार इस कोशिश में है कि किसी भी सूरत में ईरान के द्वारा परमाणु हथियार नहीं बनाए जाने चाहिए। यदि ईरान परमाणु हथियार बनाने में सफल हो गया तो वह इसराइल और अमेरिका पर भारी पड़ सकता है।
ईरान और इजराइल में चला था 12 दिन संघर्ष
अमेरिका और इजरायल के द्वारा ईरान पर यह आरोप लगाया गया था कि वह लगातार परमाणु परीक्षण के आड़ में परमाणु हथियार तैयार कर रहा है। इसे लेकर ही इजरायल के द्वारा ईरान पर हमले किए गए थे जिसके बाद दोनों देशों में युद्ध की स्थिति पैदा हो गई थी। लगभग 12 दिनों तक चले इस संघर्ष के दौरान बड़ी मात्रा में दोनों ही देश को नुकसान पहुंचा था। इस संघर्ष में इजरायल के 28 नागरिक मौत का शिकार हुए थे जबकि इजरायल के द्वारा किए गए हमले में ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक मारे गए थे। इजरायल की सेना के प्रमुख अधिकारी तथा वैज्ञानिक भी इस हमले में मौत का शिकार हुए थे। ईरान और इजरायल के बीच हुए संघर्ष में अमेरिका के द्वारा भी सक्रिय हिस्सेदारी ली गई थी।
अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इसके बाद यह दावा किया गया था कि ईरान के परमाणु ठिकाने अमेरिका के द्वारा नष्ट कर देने के बाद ईरान का परमाणु परीक्षण बहुत पीछे चल जाएगा लेकिन ईरान के द्वारा एक बार फिर ऐलान कर दिया गया है कि उसका परमाणु परीक्षण कार्यक्रम लगातार जारी रहेगा।ईरान और इजरायल के बीच चले संघर्ष के बाद दुनिया के देश भी दो गुटों में बंटे हुए दिखाई दे रहे थे। एक तरफ अमेरिका तथा कुछ देश इजराइल का समर्थन करते हुए ईरान पर परमाणु हथियार बनाने का आरोप लगा रहे थे। दूसरी तरफ इसराइल पैर आरोप है कि वह खुद परमाणु हथियार तैयार कर चुका है और इसके बावजूद हुए दूसरे देशों पर परमाणु हथियार बनाने पर पाबंदी लगा रहा है। अमेरिका और इजरायल के द्वारा ईरान पर हमला कर देने के बावजूद ईरान ने डटकर इनका मुकाबला किया था। ईरान के द्वारा अमेरिका के सैन्य एयरबेस को भी निशाना बनाया गया था।