Russia Sanctions Impact : दुनिया के विभिन्न देशों के द्वारा लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन संघर्ष को रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके लिए रूस पर दबाव बनाया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही रूस को 50 दिन में संघर्ष खत्म करने की चेतावनी जारी कर चुके हैं तो वहीं अब दूसरी तरफ ब्रिटेन ने भी रूस पर बड़ी मात्रा में प्रतिबंध लगाए हैं। रूस की अर्थव्यवस्था की रीड हड्डी माने जाने वाले तेल सेक्टर पर ब्रिटेन के द्वारा यह प्रतिबंध लगाए गए हैं। बताया जा रहा है कि ऑयल सेक्टर और शैडो फ्लीट पर 137 नए प्रतिबंध ब्रिटेन के द्वारा लगाए गए हैं। ब्रिटेन के द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस को युद्ध में मिल रही फंडिंग पर शिकंजा कसना है। यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका मिलकर लगातार रूस पर 50 दिन में जंग खत्म करने को लेकर कोशिश कर रहे हैं।
लंबे समय बाद एक बार फिर रूस और यूक्रेन करेंगे शांति वार्ता; तुर्की में होगी बातचीत
लगातार जारी रहेगा परमाणु कार्यक्रम -ईरान; ईरान के विदेश मंत्री ने किया ऐलान
चौथे टेस्ट मुकाबले में खेलते दिखेंगे जसप्रीत बुमराह; प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिराज ने दी जानकारी
भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक दिया पद से इस्तीफा; स्वास्थ्य को बताया कारण
युद्ध फंडिंग पर पड़ेगा असर
ब्रिटेन के द्वारा रूस के ऊपर बड़ी मात्रा में प्रतिबंधों की घोषणा की गई है। सोमवार को रूस के खिलाफ ब्रिटेन के द्वारा प्रतिबंधों का एक सेट जारी किया गया। इसका मकसद रूस के प्रमुख तेल उद्योग को प्रभावित करना है। ब्रिटेन सरकार का दावा है कि इन प्रतिबंधों के द्वारा रूस की फंडिंग की क्षमता पर सीधा प्रहार होगा। युद्ध के लिए धन जुटाने की कोशिश में यह बड़ा रुकावट साबित होगा। रूस लंबे समय से अपने यहां पर मौजूद तेल उद्योग के जरिए आय प्राप्त कर रहा है और उसका उपयोग यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में कर रहा है। अमेरिका के द्वारा 50 दिनों में युद्ध खत्म करने के ऐलान को लगातार ब्रिटेन के द्वारा समर्थन दिया जा रहा है और इस समर्थन के तहत रूस पर इन प्रतिबंधों के द्वारा दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। ब्रिटेन के द्वारा रूस पर लगाए गए 137 प्रतिबंधों में रूस के ऊर्जा सेक्टर को निशाना बनाया गया है। ब्रिटेन के विकास कार्यालय, राष्ट्रमंडल और विदेश मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है। इसका उद्देश्य रूस को युद्ध में प्राप्त हो रही आय को कम करना है।
शैडो फ्लीट को कमजोर करने का दावा
ब्रिटेन के द्वारा 137 प्रतिबंध रूस के ऊपर लगाए गए हैं। इनमें से 135 ऑयल टैंकर बताये जा रहे हैं। यह तेल टैंकर रूस की शैडो फ्लीट में शामिल हैं। बताया जा रहा है कि 2024 से लगातार अब तक इन टैंकरों के द्वारा 24 बिलियन डॉलर की गैर कानूनी कार्गो सप्लाई की जा चुकी है। इन प्रतिबंधों के द्वारा रूस के शैडो फ्लीट को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। रूस लगातार अपनी तेल से प्राप्त हो रही इनकम का उपयोग यूक्रेन के खिलाफ चल रही जंग में कर रहा है। पुतिन के द्वारा बार-बार शांति वार्ता को लेकर अलग-अलग बयान दिए जाते रहे हैं। अलग-अलग देशों के द्वारा की जा रही शांति वार्ता की कोशिश को रूस के द्वारा नकार दी जाती है। ऐसे में ब्रिटेन का कहना है कि हम इस मुद्दे पर चुप नहीं रह सकते और पूरी ताकत का इस्तेमाल करते हुए रूस पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे।

सुरक्षा में योगदान देना चाहता है ब्रिटेन
ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक रूस के तेल सेक्टर पर वह लगातार हमला करता रहेगा। यूक्रेन में इस समय शांति स्थापित होना जरूरी है। पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए रूस और यूक्रेन जंग खत्म होना आवश्यक हो गया है। ब्रिटेन के द्वारा लगाए जाने वाले प्रतिबंधों के कारण रूस की आय पर बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा। ब्रिटेन का यह भी दावा है कि 2022 से हर साल रूस की तेल और गैस से प्राप्त हो रही आय कम होती जा रही है। पिछले तीन वर्षों में रूस को तेल से प्राप्त होने वाली आय का तीसरा हिस्सा खत्म हो चुका है।
युद्ध से प्रभावित हुई रूस की अर्थव्यवस्था
रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से युद्ध चल रहा है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध का असर दोनों ही देश की अर्थव्यवस्था पर दिखाई दे रहा है लेकिन यूक्रेन को लंबे समय से अमेरिका तथा पश्चिमी देशों के द्वारा सहयोग किया जाता रहा है। अमेरिका लगातार यूक्रेन को हथियार सप्लाई कर रहा है। एक बार फिर नाटो के माध्यम से अमेरिका यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने जा रहा है। दूसरी तरफ लंबे समय से चल रहे युद्ध के कारण रूस की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई है। बड़े स्तर पर लोग सुरक्षा के कारण रूस को छोड़कर पलायन कर रहे हैं।
रूस अपने बजट का बड़ा हिस्सा रक्षा के क्षेत्र में खर्च कर रहा है जिसके कारण शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा असंतुलन देखने को मिल रहा है। दुनिया के विभिन्न देशों के द्वारा लगातार रूस पर जंग खत्म करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। इसीलिए अमेरिका समय तो विभिन्न देशों के द्वारा रूस पर बड़ी मात्रा में प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। रूस धीरे-धीरे दुनिया में अलग-अलग पड़ता जा रहा है। हाल ही में नाटो और अमेरिका के द्वारा यह चेतावनी जारी की गई थी कि उसके द्वारा 50 दिनों में युद्ध समाप्त नहीं करने की स्थिति में रूस और उस से व्यापार करने वाले देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। यदि ऐसा होता है तो रूस की अर्थव्यवस्था के लिए यह खतरे की घंटी साबित होगी।