Vice President Resignation : भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद भारतीय राष्ट्रपति ने उनके इस्तीफे को मंजूर कर दिया है। राज्यसभा में पीठासीन घनश्याम तिवारी के द्वारा यह जानकारी दी गई है। इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज राज्यसभा की कार्रवाई में भी शामिल नहीं हुए थे। उनके द्वारा 21 जुलाई को राज्यसभा की कार्रवाई में अंतिम बार शामिल हुए थे। जगदीप धनखड़ की अनुपस्थिति में सदन की कार्रवाई की शुरुआत सांसद हरिवंश के द्वारा की गई। जगदीप धनकड़ के द्वारा इस्तीफा देने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया था कि जगदीप धनखड़ अब इस्तीफा वापस नही लेंगे। उपराष्ट्रपति के द्वारा इस्तीफा दिए जाने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है। इसी के साथ यह भी खबर मिल रही है कि जगदीप धनखड़ विदाई समारोह में शामिल नहीं होंगे।
विपक्ष खड़े कर रहा इस्तीफा पर सवाल
भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य का हवाला दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टर की सलाह का पालन करने के लिए उनके द्वारा भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल इस्तीफा दिया जा रहा है। दूसरी तरफ विपक्ष के द्वारा इसे लेकर सवाल खड़ा किया जा रहा है। विपक्ष कहना है कि उपराष्ट्रपति के द्वारा किसी दूसरे मुद्दे को लेकर इस्तीफा दिया गया है। यह भी खबर सामने आ रही है कि राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक 21 जुलाई को आयोजित की गई थी। जिसकी अध्यक्षता जगदीप धनकड़ के द्वारा की गई थी। इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू और जेपी नड्डा भी मौजूद थे। थोड़ी देर चर्चा करने के बाद इस बैठक को स्थगित कर दिया गया था। एक बार फिर इस बैठक को शाम 4:30 बजे शुरू किया गया लेकिन किरण रिजिजू और जेपी नड्डा का इंतजार करते रहे। लंबे समय तक इंतजार करने के बावजूद यह दोनों मंत्री बैठक में नहीं पहुंचे। बताया जा रहा है कि जगदीप धनखड़ को भी उनके नहीं पहुंचने की जानकारी नहीं दी गई। विपक्ष लगातार इस बात को मुद्दा बनाते हुए सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है।
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राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा
भारतीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय करने के बाद राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने इस्तीफे में अपने स्वास्थ्य की प्राथमिकता पर ध्यान देने और डॉक्टरों की सलाह का पालन करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। राज्यसभा में जगदीप धनकड़ के द्वारा 21 जुलाई 2025 को दी गई स्पीच उनकी आखिरी राज्यसभा स्पीच बन गई है। राष्ट्रपति को भेजे गए त्यागपत्र में उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धनखड़ की तरफ से धन्यवाद दिया गया। साथ ही साथ मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री को लेकर भी उपराष्ट्रपति के द्वारा आभार जताया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद भी राष्ट्रपति की मंजूरी इस्तीफे के लिए आवश्यक है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही उनका इस्तीफा प्रभावी होगा।
11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति बने थे धनखड़
जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 2027 में खत्म होने वाला था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने स्वास्थ्य कारणो का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ 11 अगस्त 2022 को ली थी। उपराष्ट्रपति के चुनाव में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार को हराते हुए यह पद हासिल किया था। जगदीप धनखड़ और मार्गरेट आल्वा के बीच हुए चुनाव में जगदीप धनकड़ को 528 वोट मिले थे जबकि आल्वा को 182 वोट प्राप्त हुए थे।

चलते सत्र में दिया उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा
वर्तमान में भारतीय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। ऐसे में चलते सत्र में इस्तीफा देने वाले जगदीप धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति बन गए हैं। किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी कि जगदीप धनकड़ अपने पद से इस्तीफा दे देंगे लेकिन उन्होंने इस्तीफा देते हुए सभी को चौंका दिया। कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले जगदीप धनगढ़ तीसरे उपराष्ट्रपति बने हैं। उनसे पहले वीवी गिरी के द्वारा भी 2 जुलाई 1969 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया गया था। भैरव सिंह शेखावत ने प्रतिभा पाटिल से चुनाव हारने के बाद 21 जुलाई 2007 को उपराष्ट्रपति पद त्याग दिया था।
हरिवंश हो सकते हैं भारत के नए उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद लगातार उनकी जगह लेने वाले नए व्यक्ति के नाम की चर्चा छिड़ गई है। संभावना जताई जा रही है कि उनके उत्तराधिकार के रूप में बिहार से सांसद हरिवंश को चुना जा सकता है। जेडीयू सांसद हरिवंश वर्तमान में 2020 से लगातार राज्यसभा के उपसभापति पद पर कार्य कर रहे हैं ।उनका कार्यकाल इसी महीने खत्म होने वाला है लेकिन यदि जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति के द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो आने वाले समय में भारत को नया उपराष्ट्रपति मिलेगा। हालांकि उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति बनने का संविधान में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
खराब स्वास्थ्य के कारण दिया धनकड़ ने इस्तीफा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा था। हाल ही में 25 जून को उत्तराखंड में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। जिसके बाद उन्हें तुरंत राज भवन ले जाया गया था। इस कार्यक्रम के खत्म होने के बाद भी वह दूसरे लोगों का सहारा लेकर बाहर निकले थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान उनके सीने में अचानक तेज दर्द हुआ था और सुरक्षा कर्मियों और उनके साथियों के द्वारा उन्हें संभाला गया था। इससे पहले 9 मार्च 2025 को भी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सीने में दर्द की शिकायत थी।
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 में 1951 में हुआ था। झुंझुनू राजस्थान के रहने वाले जगदीप धनकड़ राजस्थान यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए हैं। भारत का उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और जगदीप धनखड़ को लेकर लंबे समय तक चर्चा बनी रही थी। भारत के चौथे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इससे पहले कांग्रेस पार्टी में भी रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी से रहते हुए अजमेर से लोकसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद राजस्थान के किशनगढ़ से वह विधायक भी रह चुके हैं। 2003 में जगदीप धनखड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।