Palestine Recognition को लेकर ब्रिटेन पर दबाव बढ़ा है। फ्रांस के बाद ब्रिटेन भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की दिशा में अग्रसर है।

फ्रांस की बड़ी घोषणा : फिलीस्तीन को देगा आजाद देश की मान्यता

France Palestine Recognition : फ्रांस के द्वारा बड़ी घोषणा की गई है। फ्रांस का कहना है कि उसके द्वारा जल्द ही फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी जाएगी। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा यह ऐलान किया गया है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फ्रांस के द्वारा औपचारिक रूप से फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाएगी। सोशल मीडिया पर यह जानकारी देते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि मिडिल ईस्ट में स्थाई शांति की तरफ कदम बढ़ाते हुए फ्रांस की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाए। फ्रांस की प्रतिबद्धता के तहत उन्होंने यह फैसला लिया है। गाजा में लंबे समय से चल रही जंग को रोकना जरूरी हो गया है ताकि नागरिकों की जान बचाई जा सके। फ्रांस के द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद फिलिस्तीन में बड़े स्तर पर खुशी जताई जा रही है। दूसरी तरफ इजरायल के द्वारा इस फैसले का विरोध किया जा रहा है।

इजराइल ने बताया फैसले को आतंकवाद का इनाम

फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने की घोषणा करने के बाद लगातार इस पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक तरफ फिलिस्तीन के द्वारा इसका समर्थन करते हुए खुशी जताई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसराइल इसे आतंकवाद को इनाम बता रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री के द्वारा फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की गई। इसराइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला गाजा और ईरान के समर्थन से प्राप्त प्रोक्सी को जन्म देगा। फ्रांस के द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद फिलिस्तीन एक राष्ट्र की भांति कार्य करने के बजाय इसराइल को मिटाने के लिए कार्य करेगा।

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फिलीस्तीन ने किया फ्रांस के फैसले का स्वागत

फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने का ऐलान किए जाने के बाद फिलीस्तीन ने फ्रांस के इस कदम को प्रशंसा योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्णय की हम प्रशंसा करते हैं जो लगातार लंबे समय से फिलिस्तीन की जनता के लिए आवश्यकता थी। अंतरराष्ट्रीय कानून और फिलिस्तीन जनता के अधिकारों के प्रति फ्रांस की यह प्रतिबद्धता को दिखाता है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति के द्वारा इसे लेकर एक औपचारिक पत्र भी सोपा गया है। फिलिस्तीन लंबे समय से अपने आप को स्वतंत्र देश के रूप में दुनिया के सामने पेश कर रहा था।

France Palestine Recognition को लेकर फ्रांस ने ऐलान किया कि वह फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देगा, इजरायल ने फैसले का विरोध किया।
France Palestine Recognition को लेकर फ्रांस ने ऐलान किया कि वह फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देगा, इजरायल ने फैसले का विरोध किया।
1967 में इजरायल ने किया था कब्जा

फिलिस्तीन लंबे समय से अपने आप को स्वतंत्र देश के रूप में दुनिया के सामने पेश करता रहा है। अब तक दुनिया के 140 से अधिक देश फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश का दर्जा दे चुके हैं लेकिन फ्रांस के द्वारा ऐलान कर देने के बाद अब एक बड़े पश्चिमी देश के द्वारा यह मान्यता प्राप्त हो जाएगी। फिलीस्तीन को अब तक स्वतंत्र देश की मान्यता देने वाले देशों में कई यूरोपीय देश भी शामिल है। आपको बता दे की फिलिस्तीन पर 1967 के मिडिल ईस्ट युद्ध के दौरान इजरायल के द्वारा कब्जा किया गया था। फिलिस्तीन में गाजा पट्टी पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक का क्षेत्र शामिल है। गाजा में लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। दोनों के बीच चल रहे इस युद्ध के कारण गाजा में हालत काफी खराब हो चुके हैं और आने वाले समय में यदि यह संघर्ष नहीं रुक तो भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है।

 

युद्ध रोकने के लिए फ्रांस करेगा बैठक

लंबे समय से गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए फ्रांस के द्वारा कोशिश की जा रही है।  आने वाले समय में जर्मनी और ब्रिटेन के साथ फ्रांस के द्वारा एक बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक लंबे समय से गाजा में बिगड़ रहे हालातो को लेकर होगी। भूख से जूझ रहे विभिन्न पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाने और युद्ध रोकने को लेकर मंथन किया जाएगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के द्वारा हाल ही में यह कहा गया था कि फिलीस्तीन की जनता का जन्म सिद्ध अधिकार राज्य का दर्जा प्राप्त करना है। दोनों के बीच संघर्ष विराम हो जाने पर फिलिस्तीन राष्ट्रीय मान्यता की दिशा में आगे बढ़ेगा जबकि दो पक्षों में चल रहे संघर्ष का भी समाधान निकलेगा।

 

मिडिल ईस्ट में तनाव का असर फ्रांस पर

मिडिल ईस्ट में लंबे समय से तनाव देखने को मिल रहा है। गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण फ्रांस पर भी इसका असर देखने को मिलता है क्योंकि फ्रांस में यूरोप की सबसे बड़ी यहूदी और मुस्लिम आबादी निवास करती है। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा इससे पहले भी इसे लेकर बयान दिया जा चुका है लेकिन इसराइल के द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर अब फ्रांस के राष्ट्रपति इसराइल से नाराज बताए जा रहे हैं। अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में होने वाले टू स्टेट सॉल्यूशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन फ्रांस और सऊदी अरब के द्वारा किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही कि इसमें गाजा और हमास के बीच चल रहे संघर्ष का मुद्दा उठाया जा सकता है।

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