India Maldives Relations : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिटेन पहुंचने के बाद यह संभावना जताई जा रही थी कि दोनों देशों के बीच कई समझौते हो सकते हैं। उसी के अनुसार भारत और मालदीव के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। भारत ने बड़ी मात्रा में मालदीव को कर्ज देने की घोषणा की है। साथ ही साथ विभिन्न मुद्दों पर भारत और मालदीव के बीच सहमति बन गई है। भारत के द्वारा मालदीव को 4850 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। इसके लिए लाइन ऑफ क्रेडिट पर दोनों देशों में सहमति बन गई है।
दोनों देशों के बीच हुए आठ समझौते
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात मालदीव के राष्ट्रपति से हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच आठ समझौते हुए। दोनों देशों के द्वारा इस पर सहमति जताई गई है जिसमें यूपीआई, डिजिटल परिवर्तन, वाटर, कृषि, मत्स्य पालन, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट आदि शामिल है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा मालदीव के नए रक्षा मंत्रालय के भवन का भी उद्घाटन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। दोनों देशों के संबंधों को 60 वर्ष पूरे हो जाने के उपलक्ष में मालदीव के द्वारा एक डाक टिकट जारी किया गया है। भारत की तरफ से मालदीव को घायल लोगों के इलाज करने के लिए भीष्म क्यूब सेट गिफ्ट किए हैं।
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भारत के लिए दोस्ती पहले -मोदी
भारत और मालदीव के संबंधों को 60 वर्ष पूरे हो जाने के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत लगातार अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्त के जैसा व्यवहार करता रहा है। भारत के लिए दोस्ती हमेशा सबसे पहले आती है जिसमें मालदीव भारत का सबसे करीबी पड़ोसी देश है। भारत नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत कार्य करते हुए आगे बढ़ रहा है। महासागर विज़न में मालदीव की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त होने का दावा किया गया। उन्होंने कहा कि चाहे महामारी हो या संकट भारत हमेशा मालदीव के लिए सहयोगी के रूप में कार्य करता रहा है। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को संभालना या आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराना इन सभी कार्यों में भारत के द्वारा मालदीव के साथ मिलकर कार्य किया गया है।
भारत और मालदीव के रिश्ते काफी मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर जल्द ही कार्य शुरू होने की उम्मीद है। दूसरी तरफ मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा भी इस दौरान भारत की प्रशंसा की गई। उन्होंने ग्रेटर हिमालय कनेक्टिविटी को भारत और मालदीव की दोस्ती का प्रतीक करार दिया। मालदीव की तरफ से भारत को नेशनल डिफेंस फोर्स के लिए 72 गाड़ी दी गई। मालदीव के राष्ट्रपति ने आश्वाशन दिया कि भारत को कॉप 33 की मेजबानी के लिए पूरा समर्थन मालदीव की तरफ से किया जाएगा। साथ ही साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हुई।

मोदी की यात्रा से होंगे कई उद्देश्य प्रभावित
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि इस मालदीव यात्रा से विभिन्न प्रभाव देखने को मिलेंगे। दोनों देशों के बीच 2022-23 में संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध मजबूत होने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है। ऐसे में समुद्री सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भी मजबूती मिलेगी। लंबे समय से आर्थिक संकट से गुजर रहे मालदीव को भारत के द्वारा समर्थन किया जा रहा है। लगातार मालदीव के साथ चीन की नजदीकी बढ़ने के कारण भारत के प्रधानमंत्री का दौरा चीन के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। भारत लगातार चीन के प्रभाव को कम करने की रणनीति पर कार्य कर रहा है। भारत और मालदीव के पर्यटकों के द्वारा लगातार एक दूसरे देश का भ्रमण किया जाता है। ऐसे में दोनों देशों के पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को इस दौरे से मजबूती मिलेगी।
स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के दौरे पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन दौरे से मालदीव पहुंचे। 25 और 26 जुलाई को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान उनके द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच इस यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण चर्चा हो सकती है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे।
इस दौरान समुद्री और आर्थिक सहयोग को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा होने की संभावना है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने बताया कि मालदीव की विदेश नीति हमेशा इंडिया फर्स्ट के रूप में रही है। चुनाव के कारण मालदीव की राजनीति में चीन का भी प्रभाव देखने को मिलता है लेकिन मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति के द्वारा अब ऐसा होने से स्पष्ट इनकार किया गया है। उन्होंने कहा कि मालदीव की पूरी राजनीति अब धीरे-धीरे इंडिया फर्स्ट पॉलिसी पर आती जा रही है। भारत भी लगातार मालदीव को महत्व देता आ रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा इस बात का सबूत है।