Operation Sindoor : भारतीय सेना प्रमुख के द्वारा पाकिस्तान और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा बयान दिया गया है। उन्होंने कारगिल विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान को जमकर घेरा। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई आतंकियों को सीधा संदेश था। आतंकवादियों के साथ-साथ आतंकवादियों के समर्थकों को अब भारत के द्वारा छोड़ा नहीं जाएगा। आने वाले समय में उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा।
आतंकी हमला कश्मीर के पहलगाम में होने के बाद भारतीय सेना के द्वारा ऑपरेशन सिंदूर इसका जवाब था। पहलगाम आतंकी हमले के द्वारा पूरे देश को गहरा आघात पहुंचा था। भारत ने न सिर्फ इस हादसे पर संवेदना व्यक्त की बल्कि इसके जिम्मेदार लोगों को करारा जवाब भी दिया। कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को नमन करते हुए कहा कि भारत के द्वारा सैनिकों को हमेशा याद किया जाएगा जिन्होंने भारत की सेवा में अपनी जान कुर्बान कर दी। मैं उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने दृढ़ संकल्प और बहादुरी से पाकिस्तान को हराया था।
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दुश्मन को जवाब देना अब न्यू नॉर्मल -सेना प्रमुख
भारतीय सेना प्रमुख के द्वारा कारगिल विजय दिवस पर लद्दाख के द्रास में आयोजित कार्यक्रम में कहा गया कि अब भारत के द्वारा दुश्मनों को जवाब देना न्यू नॉर्मल हो गया है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध की विजय के अवसर में आयोजित कारगिल विजय दिवस के 26 साल पूरे होने के उपलक्ष में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ-साथ तीनों सेना के प्रमुख भी दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल में मौजूद रहे। भारतीय रक्षा मंत्री के द्वारा कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
84 दिन चला था कारगिल युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में हुआ यह युद्ध लगभग 84 दिन तक चला था। भारतीय सेना के द्वारा दिखाई गई ताकत के आगे पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी और भारत इस युद्ध में विजयी हुआ था। पाकिस्तान के द्वारा 5 मई 1999 को घुसपैठ करने के बाद भारत के द्वारा पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया था। भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल की पहाड़ियों में लंबे समय तक युद्ध चला था। 26 जुलाई 1999 को आधिकारिक तौर पर भारत को विजेता घोषित किया गया। इस युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में 26 जुलाई को भारत के द्वारा कारगिल विजय दिवस का आयोजन किया जाता है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि देशवासियों को कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं। यह अवसर हमें मां भारती के उन वीर सपूतों के अप्रतिम साहस और शौर्य का स्मरण कराता है। जिन्होंने देश के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। मातृभूमि के लिए मर मिटने का उनका जज्बा हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। जय हिंद।

शहीदों की सेवा का सदैव ऋणी रहेगा भारत -रक्षा मंत्री
कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को नमन करते हुए कहा कि भारत के द्वारा सैनिकों को हमेशा याद किया जाएगा जिन्होंने भारत की सेवा में अपनी जान कुर्बान कर दी। मैं उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपने दृढ़ संकल्प और बहादुरी से पाकिस्तान को हराया था। कारगिल युद्ध के दौरान 3 मई 1999 को पाकिस्तान के द्वारा घुसपैठ की कोशिश की गई थी। जिसके बाद 5 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच पहली बार मुठभेड़ हुई थी। 10 मई को ऑपरेशन विजय की शुरुआत भारतीय सेना के द्वारा की गई। जिसमें भारतीय सेना 26 जुलाई को सफल हुई थी। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे जबकि पाकिस्तान के भी 400 से ज्यादा सैनिक इस युद्ध में मारे गए थे।
पाकिस्तान की घुसपैठ से शुरू हुई थी जंग
भारत और पाकिस्तान में कारगिल की लड़ाई की शुरुआत पाकिस्तान के सैनिकों के द्वारा भारत की सीमा में घुसपैठ से हुई थी। पाकिस्तान के सैनिकों के द्वारा अचानक कारगिल की चौकी पर कब्जा कर लिया गया। 8 मई 1999 को हुई इस घटना के बाद पाकिस्तान के सैनिकों के द्वारा ऊंची पहाड़ियों पर ठिकाने बना लिए गए थे। पाकिस्तान के द्वारा घुसपैठ को पहले गंभीर नहीं लिया गया था लेकिन जब पता चला कि इसमें पाकिस्तान की सेना भी शामिल है तो एक चरवाहे के द्वारा भारत की सेना को पाकिस्तान की घुसपैठ की सूचना दी गई। भारत के द्वारा जब इनको खदेड़ने के लिए सेना भेजी गई तो बड़ी मात्रा में उन पर पाकिस्तान के सैनिकों के द्वारा हमला किया गया। ऐसे समय में भारत के द्वारा पाकिस्तान के दुश्मनों से लड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया गया। भारतीय सैनिकों ने बहादुरी के साथ ऊंची पहाड़ियों पर बैठे पाकिस्तान के दुश्मनों से मुकाबला किया और न सिर्फ मुकाबला किया बल्कि 84 दिनों तक चली इस जंग में पाकिस्तान को हराया भी। दुश्मन से बचने के लिए भारत के सैनिकों के द्वारा रात के समय पहाड़ों में चढ़ाई की गई। भारतीय सेना को इस युद्ध में काफी नुकसान पहुंचा था लेकिन अंत में वह युद्ध में जीत दर्ज करने में सफल रही।