Thailand Cambodia Conflict : थाईलैंड और कंबोडिया में चल रहा संघर्ष अब भीषण होता हुआ नजर आ रहा है। एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दोनों देशों को संघर्ष विराम के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ट्रंप का कहना है कि यदि थाईलैंड और कंबोडिया ने संघर्ष विराम पर सहमति नहीं दी तो उनके साथ व्यापार समझौता नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ अब चीन भी थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे संघर्ष के बीच सक्रिय हो गया है। बताया जा रहा है कि चीन थाईलैंड और कंबोडिया के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष लगातार तेज होता हुआ नजर आ रहा है। इसमें 30 के लगभग नागरिकों की मौत हो चुकी है।
चीन दोनों का पड़ोसी और साझेदार
कंबोडिया और थाईलैंड में चल रही जंग को रोकने की कोशिश अमेरिका के साथ चीन के द्वारा भी की जा रही है। चीन थाईलैंड और कंबोडिया दोनों का ही पड़ोसी देश है। इसके साथ-साथ चीन के थाईलैंड और कंबोडिया दोनों से ही बड़े स्तर में व्यापारिक रिश्ते हैं। ऐसे में चीन नहीं चाहता कि थाइलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा संघर्ष आगे बढ़े। चीन की राजदूत ने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे संघर्ष को कम करने या समाप्त करने के लिए बीजिंग की भूमिका मध्यस्थ के रूप में बताई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत स्थापित करने के लिए चीन भूमिका बना रहा है। जल्द से जल्द स्थिति स्थिर करने की कोशिश है।
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चीन के द्वारा दोनों देशों से शांति रखने और संयम बरतने का आग्रह किया गया है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत का कहना है कि कंबोडिया और थाईलैंड चीन के सिर्फ पड़ोसी ही नहीं है बल्कि दोनों मित्र देश भी हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रीय संघ के महत्वपूर्ण सदस्य होने के नाते भी हम इन दोनों में युद्ध को जल्दी से जल्दी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। आसियान संगठन में शांतिपूर्ण तरीके से मतभेदों को सुलझाने की लंबे समय से परंपरा रही है। हमें उम्मीद है कि एक बार फिर हम दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने में सफल होंगे।
युद्ध से चीन होगा प्रभावित
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे युद्ध से बड़े स्तर पर चीन के प्रभावित होने के आसार हैं। रक्षा क्षेत्र में चीन के द्वारा थाईलैंड और कंबोडिया से बड़े स्तर पर व्यापार किया जाता है। दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण चीन के हथियारों की बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। चीन और कंबोडिया के बीच मजबूत रक्षा संबंध है। ऐसे में चीन के हथियारों का खरीददार होने के साथ-साथ आने वाले समय में इन संबंधों को और मजबूती मिल सकती है। चीन और कंबोडिया की सेना के द्वारा 2018 में संयुक्त अभ्यास भी किया गया था। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहा संघर्ष यदि बढ़ता है तो चीन का रक्षा निर्यात बढ़ जाएगा। अगर चीन के द्वारा शांति के क्षेत्र में बढ़ाये जा रहे कदम के बाद थाईलैंड और कंबोडिया संघर्ष विराम पर सहमत हो जाते हैं तो चीन का कद बढ़ जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र से युद्ध रोकने की मांग
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कंबोडिया के राजदूत ने अपील करते हुए कहा कि हम शांति चाहते हैं और बातचीत के जरिए इस समस्या का समाधान निकालना चाहते हैं। जल्द से जल्द संघर्ष को खत्म करते हुए क्षेत्र में शांति स्थापित की जानी चाहिए। बताया जा रहा है कि थाईलैंड भी बातचीत करने के लिए तैयार है। थाईलैंड की तरफ से यह भी दावा किया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष अब कम हो गया है। थाईलैंड की तरफ से कंबोडिया को मलेशिया की मदद से बात करने के लिए कहा गया है।
संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने की आपात बैठक
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से अमेरिका की न्यूयॉर्क में एक आपात बैठक का आयोजन किया गया। न्यूयॉर्क में आयोजित हुई इस बैठक में लगभग 15 सदस्य देशों ने हिस्सा लिया और थाईलैंड और कंबोडिया दोनों से वर्तमान समय में चल रहे संघर्ष के दौरान संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान निकालने की अपील की। संयुक्त राष्ट्र में कंबोडिया के राजदूत के द्वारा कहा गया कि हम बिना किसी शर्त के थाईलैंड के साथ संघर्ष विराम चाहते हैं। छोटा देश होने के कारण हमारे पास वायु सेना भी मौजूद नहीं है। ऐसे में हमारी कभी भी आक्रमण की मंशा नहीं रही है। इसी बीच भारत की तरफ से अपने नागरिकों को दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण एडवाइजरी जारी की गई है। भारतीय दूतावास का कहना है कि थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा से लगे हुए इलाकों में यात्रा करने से लोगों को बचाना चाहिए। किसी भी आपातकालीन स्थिति में दूतावास से संपर्क करते हुए हालातो पर नजर बनाए रखने की अपील की गई।
दो मंदिरों से पैदा हुआ विवाद
पड़ोसी मुल्क थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद का कारण दो मंदिरों को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि दो शिव मंदिरों को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया में तनाव पैदा हुआ है। यह दोनों मंदिर थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर स्थित हैं। दोनों देशों के बीच 1960 में सीमा का निर्धारण हुआ था। सीमा के निर्धारण से लेकर वर्तमान तक लगातार इनको लेकर विरोध चल रहा है। शिव मंदिर को लेकर दोनों ही देश के द्वारा अपनी-अपनी सीमा में होने का दावा किया जाता रहा है। जिस स्थान पर मंदिर बना हुआ है वहां पर सीमा का निर्धारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इसी कारण दोनों देशों में तनाव पैदा होता है। थाईलैंड के द्वारा यह दावा किया जाता रहा है कि मंदिर कंबोडिया का हो सकता है लेकिन मंदिर के आसपास की जमीन पर थाईलैंड का अधिकार है। इसी कारण थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ही देश की सेनाओ के द्वारा इस मंदिर के आसपास गस्त की जाती है। ऐसे कई मौके देखने को मिले हैं जब थाईलैंड और कंबोडिया की सेना एक दूसरे के आमने-सामने हो जाने के कारण झड़प हो गई थी।