China Population Policy : दुनिया के विभिन्न देशों के द्वारा अपनी जनसंख्या को बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की कोशिश की जाती रही है। एक समय था जब भारत और चीन के द्वारा जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कठोर कदम उठाए गए थे लेकिन अब चीन के द्वारा अपने जन्म दर को बढ़ाने के लिए योजना चलाई गई है। चीन में सोमवार को शुरू की गई एक योजना के मुताबिक 3 साल से छोटे बच्चों के माता-पिता को हर साल लगभग ₹40000 सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। चीन के द्वारा अपनी जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए वन वन चाइल्ड पॉलिसी लागू की गई थी लेकिन इस चाइल्ड पॉलिसी को बाद में चीन के द्वारा खत्म कर दिया गया था। इसके बावजूद लगातार चीन में जन्म दर घटती जा रही थी। चीन सरकार के द्वारा इसका समाधान करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य जन्म दर को बढ़ाते हुए चीन की जनसंख्या में वृद्धि करना है। चीन में अब वर्तमान में अधिकतम बच्चों की संख्या तीन कर दी गई है। इस तरह इस योजना के तहत एक दंपति को लगभग 130000 रुपए प्राप्त हो सकते हैं।
बच्चों की परवरिश में मिलेगी योजना से मदद
चीन के द्वारा जिस योजना की शुरुआत की जा रही है उस योजना के मुताबिक लगभग 2 करोड़ परिवार इससे लाभान्वित होंगे। इस योजना के द्वारा परिवार को अपने बच्चों की परवरिश करने में मदद होगी। लगभग तीन साल तक सरकार की तरफ से इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस योजना को कब से लागू किया जाएगा लेकिन संभावना जताई जा रही है कि इस साल की शुरुआत से यह योजना लागू की जाएगी और 2022 से 2024 के बीच पैदा हुए बच्चों को भी कुछ मात्रा में आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
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बढ़ती जनसंख्या के डर से लागू की थी वन चाइल्ड पॉलिसी
चीन के द्वारा वर्तमान में जनसंख्या को बढ़ाने को लेकर कोशिश की जा रही है। इसके लिए विभिन्न तरह की योजनाओं पर सरकार के द्वारा कार्य किया जा रहा है लेकिन एक समय था जब चीन के द्वारा वन चाइल्ड पॉलिसी लागू की गई थी। इस पॉलिसी को 1979 में इंट्रोड्यूस करने के बाद 1980 में लागू कर दिया गया था। चीन की जनसंख्या तात्कालिक समय लगभग 100 करोड़ पहुंच गई थी। चीन को डर था कि लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण देश के विकास में समस्या पैदा हो सकती है और संसाधनों पर दबाव पैदा हो सकता है। चीन के द्वारा परिवार नियोजन को लेकर सख्त नियम लागू किए गए। इस पॉलिसी के तहत एक से अधिक बच्चे होने पर चीन की सरकार ने सरकारी नौकरी से निकालने का नियम लागू कर दिया।
चीन सरकार के द्वारा महिलाओं का जबरन गर्भपात कराया गया और पुरुषों की जबरन नसबंदी कराई गई। चीन में 1980 से लागू हुई वन चाइल्ड पॉलिसी 2016 तक लागू की गई। इसके बाद इसे विरोध के कारण हटा दिया गया। वन चाइल्ड पॉलिसी को हटाने के पीछे यह तर्क दिया जाता है कि चीन में इस पॉलिसी के कारण 40 करोड़ बच्चों को जन्म होने से रोका गया। इसके परिणाम स्वरुप चीन में वृद्ध लोगों की जनसंख्या लगातार बढ़ती रही जबकि युवा आबादी लगातार कम होती गई। इसी कारण 2016 में वन चाइल्ड पॉलिसी की जगह टू चाइल्ड पॉलिसी लागू की गई।

दूसरे देश भी दे रहे जनसंख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन
जनसंख्या वृद्धि में बढ़ोतरी करने के लिए योजना चलाने वाला चीन पहला देश नहीं है बल्कि इससे पहले कई दूसरे देश भी इस योजना पर काम कर चुके हैं। कई देश ऐसे हैं जिनके द्वारा ज्यादा बच्चे पैदा करने पर ज्यादा पैसे प्राप्त करने का लालच दिया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में हर बच्चे के पैदा होने पर $5000 देने का प्रस्ताव पास किया गया था। रूस में 10 बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं को मदरहुड मेडल से सम्मानित किया जाता है और ऐसी महिलाओं को लगभग 10 लाख रुपए इनाम के तौर पर दिए जाते हैं। हंगरी में तीन से ज्यादा बच्चे वाले परिवार को टैक्स में छूट दी जाती है जबकि ऐसे परिवारों को कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाता है।
पोलैंड में दो से ज्यादा बच्चों वाले परिवारों को हर बच्चे के लिए हर महीने ₹11000 सरकार की तरफ से आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। सिंगापुर में तीसरे बच्चे के पैदा होने पर ₹600000 तक की आर्थिक मदद सिंगापुर सरकार के द्वारा प्रदान की जाती है। इसी तरह हर बच्चे के जन्म पर एक लाख रुपए तक की नगद आर्थिक मदद इटली के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।एक रिसर्च के मुताबिक बच्चों की परवरिश करने के मामले में चीन दुनिया के सबसे महंगे देश में से एक है। एक बच्चे को पालने के लिए चीन में 17 साल की उम्र तक औसतन 56 लख रुपए खर्च किए जाते हैं। दूसरी तरफ यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन की आबादी 2021 के बाद कम होना शुरू हो जाएगी। इसे देखते हुए ही चीन के द्वारा जन्म वृद्धि दर को लेकर योजना शुरू की गई है।