Palestine Recognition : कुछ दिनों पहले फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई थी। इसके बाद अब खबर आ रही है कि जल्द ही ब्रिटेन भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करेगा। ब्रिटेन की सरकार पर इसे लेकर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। बड़ी मात्रा में सांसदों के द्वारा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को इसे लेकर पत्र लिखा जा रहा है । गाजा में लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। दोनों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण वहां भुखमरी की हालात पैदा हो गए हैं। भूख से लोग परेशान है। भूख से पीड़ित बच्चों की तस्वीर सामने आने के बाद बड़ी मात्रा में ब्रिटेन के सांसदों के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने के लिए ब्रिटेन की सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है।
‘इजराइल और फिलीस्तीन के लिए शांति होनी चाहिए सुनिश्चित’
बड़ी मात्रा में सांसदों के द्वारा फिलिस्तीन के लिए स्वतंत्र देश की मान्यता देने का दबाव बनाने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि एक व्यापक दो राष्ट्र समाधान के हिस्से के तौर पर ही किया जाना चाहिए। संघर्ष के बीच इजराइल और फिलिस्तीन दोनों के लिए स्थाई शांति सुनिश्चित करनी होगी। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि फ्रांस के बाद ब्रिटेन भी जल्द ही फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने जा रहा है। अब तक अलग-अलग दलों के 250 से भी अधिक सांसद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को इसे लेकर पत्र लिख चुके हैं और वह लगातार इसके पक्ष में लामबंद होते हुए नजर आ रहे हैं।
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विपक्ष के साथ-साथ ब्रिटेन सरकार के कई मंत्री भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने के पक्ष में है। हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की अमेरिका के राष्ट्रपति से स्कॉटलैंड में मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों के बीच गाजा में चल रही स्थिति को लेकर चर्चा हुई थी। ब्रिटेन गाजा में चल रही स्थिति को लेकर पहले ही आपातकालीन सत्र का आह्वान कर चुका है। इजराइल के दो मंत्रियों पर ब्रिटेन के द्वारा प्रतिबंध लगाया जा चुका है। ऐसे में ब्रिटेन के द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों से यह स्पष्ट हो रहा है कि ब्रिटेन अब जल्द ही निर्णायक भूमिका की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।
फ़्रांस कर चुका घोषणा
फ्रांस के द्वारा बड़ी घोषणा की गई है। फ्रांस का कहना है कि उसके द्वारा जल्द ही फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी जाएगी। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा यह ऐलान किया गया है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फ्रांस के द्वारा औपचारिक रूप से फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाएगी। सोशल मीडिया पर यह जानकारी देते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि मिडिल ईस्ट में स्थाई शांति की तरफ कदम बढ़ाते हुए फ्रांस की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाए। फ्रांस की प्रतिबद्धता के तहत उन्होंने यह फैसला लिया है। गाजा में लंबे समय से चल रही जंग को रोकना जरूरी हो गया है ताकि नागरिकों की जान बचाई जा सके। फ्रांस के द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद फिलिस्तीन में बड़े स्तर पर खुशी जताई जा रही है। दूसरी तरफ इजरायल के द्वारा इस फैसले का विरोध किया जा रहा है।
इजराइल ने बताया फैसले को आतंकवाद का इनाम
फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने की घोषणा करने के बाद लगातार इस पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक तरफ फिलिस्तीन के द्वारा इसका समर्थन करते हुए खुशी जताई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसराइल इसे आतंकवाद को इनाम बता रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री के द्वारा फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की गई। इसराइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला गाजा और ईरान के समर्थन से प्राप्त प्रोक्सी को जन्म देगा। फ्रांस के द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद फिलिस्तीन एक राष्ट्र की भांति कार्य करने के बजाय इसराइल को मिटाने के लिए कार्य करेगा।

फिलीस्तीन ने किया फ्रांस के फैसले का स्वागत
फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने का ऐलान किए जाने के बाद फिलीस्तीन ने फ्रांस के इस कदम को प्रशंसा योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के निर्णय की हम प्रशंसा करते हैं जो लगातार लंबे समय से फिलिस्तीन की जनता के लिए आवश्यकता थी। अंतरराष्ट्रीय कानून और फिलिस्तीन जनता के अधिकारों के प्रति फ्रांस की यह प्रतिबद्धता को दिखाता है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति के द्वारा इसे लेकर एक औपचारिक पत्र भी सोपा गया है। फिलिस्तीन लंबे समय से अपने आप को स्वतंत्र देश के रूप में दुनिया के सामने पेश कर रहा था।
युद्ध रोकने के लिए फ्रांस करेगा बैठक
लंबे समय से गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को रोकने के लिए फ्रांस के द्वारा कोशिश की जा रही है। आने वाले समय में जर्मनी और ब्रिटेन के साथ फ्रांस के द्वारा एक बैठक आयोजित की जाएगी। यह बैठक लंबे समय से गाजा में बिगड़ रहे हालातो को लेकर होगी। भूख से जूझ रहे विभिन्न पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाने और युद्ध रोकने को लेकर मंथन किया जाएगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के द्वारा हाल ही में यह कहा गया था कि फिलीस्तीन की जनता का जन्म सिद्ध अधिकार राज्य का दर्जा प्राप्त करना है। दोनों के बीच संघर्ष विराम हो जाने पर फिलिस्तीन राष्ट्रीय मान्यता की दिशा में आगे बढ़ेगा जबकि दो पक्षों में चल रहे संघर्ष का भी समाधान निकलेगा।
मिडिल ईस्ट में तनाव का असर फ्रांस पर
मिडिल ईस्ट में लंबे समय से तनाव देखने को मिल रहा है। गाजा में इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण फ्रांस पर भी इसका असर देखने को मिलता है क्योंकि फ्रांस में यूरोप की सबसे बड़ी यहूदी और मुस्लिम आबादी निवास करती है। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा इससे पहले भी इसे लेकर बयान दिया जा चुका है लेकिन इसराइल के द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर अब फ्रांस के राष्ट्रपति इसराइल से नाराज बताए जा रहे हैं। अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में होने वाले टू स्टेट सॉल्यूशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन फ्रांस और सऊदी अरब के द्वारा किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही कि इसमें गाजा और हमास के बीच चल रहे संघर्ष का मुद्दा उठाया जा सकता है।