Trump India Tariff : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका का दोस्त है लेकिन भारत के द्वारा लंबे समय से अमेरिका पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया जाता है। यह संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका के द्वारा भारत पर 20 से 25% तक टैरिफ लगाया जा सकता है। मीडिया से बातचीत के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा यह जानकारी दी गई है। उनका कहना है कि भारत लंबे समय से दूसरे देशों की तुलना में अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगा रहा है। अब मैं इंचार्ज हूं इसलिए यह सब खत्म होने वाला है। इसी दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को खत्म करने का दावा किया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगभग 30 बार भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को लेकर बयान दे चुके हैं।
1 अगस्त से लागू होगा टैरिफ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि विभिन्न देशों के साथ अमेरिका की ट्रेड डील 1 अगस्त से पहले होगी। 1 अगस्त से अमेरिका के द्वारा टैरिफ लागू कर दिया जाएगा। अमेरिका के द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों को टैरिफ लगाए जाने के बाद लेटर भेजते हुए जानकारी दी जा रही है लेकिन भारत के साथ अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। अमेरिका के द्वारा भारत पर लगाए जाने वाले टैरिफ को लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। 2 अप्रैल को अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा 100 से भी ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी जिसमें भारत भी शामिल था। इसमें भारत पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा हुई थी लेकिन बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि 1 अगस्त से पहले विभिन्न देशों के द्वारा अमेरिका के साथ समझौता किया जा सकता है।
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भारत और अमेरिका के बीच नहीं हुई ट्रेड डील
लंबे समय से यह संभावना जताई जा रही थी कि भारत और अमेरिका के बीच एक बड़ा समझौता होने वाला है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह बयान दिया था कि चीन से समझौता हो जाने के बाद अब जल्द ही भारत और अमेरिका के बीच बड़ा व्यापार समझौता होगा लेकिन अभी तक दोनों देशों के बीच यह समझौता संभव नहीं हो पा रहा है। बताया जा रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर पेंच अटका हुआ है। भारत नहीं चाहता कि अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाया जाए। दूसरी तरफ भारत अमेरिका के दबाव के आगे झुकना भी नहीं चाहता है। इसी कारण अभी तक दोनों देशों के बीच ट्रेड डील संपन्न नहीं हुई है।
कम से कम टैरिफ चाहता है भारत
भारत लगातार अमेरिका के साथ में ट्रेड डील को लेकर बातचीत कर रहा है। भारत की कोशिश है कि अमेरिका के साथ होने वाली ट्रेड डील में टैरिफ की मात्रा को कम से कम रखा जाए। रिपोर्ट के मुताबिक भारत अपने टैरिफ को 10% से कम रखना चाहता है इसके लिए वह अमेरिका के कुछ उत्पादों में रियायत करने के लिए भी तैयार है। दूसरी तरफ भारत के द्वारा कुछ क्षेत्रों में विदेशी कंपनियां के निवेश को भी स्वीकार नहीं किया जा रहा है। कृषि और डेयरी क्षेत्र में विदेशी कंपनियों के लिए भारत जगह नहीं दे रहा है। दूसरी तरफ गैर कृषि क्षेत्र में समझौता करने के लिए भारत तैयार बताया जा रहा है। यदि अमेरिका के द्वारा टैक्स कम कर दिया जाता है तो भारत अमेरिकी औद्योगिक सामानों पर पूरी तरह से टैक्स को खत्म करने के लिए भी तैयार है।

भारतीय कंपनियों के लिए होगी मुश्किल
अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा बार-बार टैरिफ लगाने की धमकी दी जा रही है। 1 अगस्त से पहले यदि भारत और अमेरिका के बीच समझौता नहीं होता है तो अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में भारत के ऊपर टैरिफ लगाया जाएगा। इस स्थिति में भारतीय कंपनियों को अमेरिका में सामान बेचना काफी महंगा हो जायेगा। संभावना जताई जा रहा है कि अमेरिका के द्वारा भारतीय सामान पर 16% अतिरिक्त टैक्स लगाया जा सकता है। यह टेक्स पहले से लागू 10% बेसलाइन टैरिफ के अतिरिक्त होगा। ऐसे में भारत जल्द से जल्द अमेरिका के साथ समझौता करने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ भारत यह भी स्पष्ट कर चुका है कि अमेरिका के द्वारा दी गई डेडलाइन के मुताबिक भारत समय सीमा की वजह से समझौते को मंजूर नहीं करेगा। भारत के उद्योग मंत्री यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक भारत पूरी तरह से समझौते पर सहमत नहीं होगा वह समझौते के लिए तैयार नहीं होगा। भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए समझौता किया जाएगा।
अमेरिका के द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों पर लगातार टैरिफ लगाए जाने की घोषणा की जा रही है। यह टैरिफ एक बॉर्डर शुल्क या टैक्स के रूप में लिया जाता है। विदेश से आने वाले सामानों पर अमेरिका में यह टैक्स लगाया जाता है। यह टेक्स लगाए जाने के बाद विदेश का सामान अमेरिका में काफी महंगा हो जाता है। दूसरी तरफ इससे घरेलू मार्केट का भी बचाव होता है। घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा देना तथा देसी उद्योगों की रक्षा करने के उद्देश्य से अमेरिका यह कदम उठा रहा है। साथ ही साथ टैरिफ की प्रक्रिया से सरकार को आय प्राप्त होती है।