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भारत की 6 कंपनियों पर अमेरिका ने लगाया बैन; ईरान से गुप्त व्यापार का आरोप

India US Sanctions : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत और इससे संबंधित निर्णय को लेकर सख्त नजर आ रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा करने के कुछ समय बाद ही भारतीय छह कंपनियों को बैन कर दिया गया। डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि इन कंपनियों के द्वारा ईरान के साथ प्रतिबंधित रसायन और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का व्यापार किया जाता है। ट्रंप के द्वारा प्रतिबंध की गई कुल 24 कंपनियां हैं जिनमें भारतीय कंपनियों की संख्या 6 बताई जा रही है। भारत के अतिरिक्त इन कंपनियों में एक-एक कंपनी रूस और तुर्की की, तीन हांगकांग की, 6 यूएई की और 7 कंपनी चीन की बताई जा रही है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के द्वारा इन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी गई है। आपको बता दे कि ईरान के पास दुनिया में चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार मौजूद है। ईरान की इकोनॉमी तेल पर निर्भर होने के कारण दुनिया के दूसरे देश भी ईरान के साथ तेल व्यापार करते हैं।

ईरान पर परमाणु परीक्षण में उपयोग का आरोप

अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा 24 कंपनियों को प्रतिबंध से दंडित किए जाने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्रालय के द्वारा इन प्रतिबंधों की घोषणा की गई। अमेरिका के विदेश मंत्रालय का कहना है कि इन कंपनियों के द्वारा ईरान के साथ 2024 में 1000 करोड रुपए से भी ज्यादा के उत्पाद खरीदे गए। खरीदे गए उत्पाद को यूएई के रास्ते से मंगाया गया था। ईरान के द्वारा इस सौदे से प्राप्त हो रहे पैसे का उपयोग परमाणु प्रोग्राम तथा आतंकी फंडिंग के लिए किया जा रहा है। अमेरिका के द्वारा ईरान पर पहले से ही प्रतिबंध लगा रखा है। ईरान पर 2018 से लगातार प्रतिबंध जारी है।

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इकोनॉमी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा अमेरिका -ईरान

विश्व की विभिन्न कंपनियों पर ईरान के साथ व्यापार करने के कारण प्रतिबंध लगाने के बाद ईरान का इस पर बयान सामने आया है। ईरान का कहना है कि अमेरिका के द्वारा इकोनॉमी को हथियार के तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। ईरान के दूतावास से जारी बयान के मुताबिक अमेरिका, ईरान और भारत जैसे आजाद देश पर पाबंदी लगाते हुए इन देशों की प्रगति और विकास को रोकने की भरपूर कोशिश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय कानून और देश की संप्रभुता के खिलाफ जाकर अमेरिका के द्वारा यह कदम उठाए जा रहे हैं। आधुनिक आर्थिक साम्राज्यवाद का यह एक उदाहरण है। एक मजबूत ग्लोबल साउथ के लिए हमें इन नीतियों के खिलाफ खड़ा होना जरूरी हो गया है।

 

अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी चल रही

अमेरिका के द्वारा ईरान के साथ व्यापार करने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले भी अमेरिका के द्वारा लगातार ईरान को विभिन्न मोर्चो पर दबाव डालने की कोशिश की गई है। अमेरिका चाहता है कि ईरान पर शिकंजा कस रहे। अमेरिका का आरोप है कि ईरान के द्वारा तेल और पेट्रोल केमिकल उत्पाद से प्राप्त होने वाली आय का उपयोग आतंकी संगठनों को फंडिंग के लिए किया जाता है। यह अपनी ताकत का इस्तेमाल मध्य पूर्व में अस्थिरता फैलाने में करता है। अमेरिका के द्वारा लगातार लगाए जा रहे प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान को सजा देना नहीं है बल्कि वह चाहता है कि ईरान के व्यवहार में बदलाव हो। साथ ही अमेरिका के द्वारा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जिन कंपनियों को प्रतिबंधित सूची से बाहर आना है। उन्हें अमेरिकी ट्रेजरी विभाग में इसके खिलाफ प्रार्थना पत्र पेश करना होगा।

India US Sanctions: अमेरिका ने ईरान से व्यापार करने पर भारत की 6 कंपनियों सहित 24 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, डोनाल्ड ट्रंप ने जताई सख्ती।
India US Sanctions: अमेरिका ने ईरान से व्यापार करने पर भारत की 6 कंपनियों सहित 24 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध, डोनाल्ड ट्रंप ने जताई सख्ती।
कंपनियों पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव

अमेरिका के द्वारा ईरान से व्यापार करने का आरोप लगाते हुए विश्व की कुल 24 कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अमेरिका के द्वारा उठाए गए इस कदम से ऐसी कंपनियों पर विपरीत प्रभाव भविष्य में देखने को मिलेगा। प्रतिबंधों के साथ या अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है। ऐसे में इन कंपनियों के साथ किसी भी प्रकार का लेन-देन अमेरिका में नहीं किया जाएगा। प्रतिबंधित कंपनियों की अमेरिका में भागीदारी समाप्त हो जाएगी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इन कंपनियों के अतिरिक्त यदि दूसरी कंपनियों में भी इनकी हिस्सेदारी 50% से अधिक है तो उन कंपनियों पर भी अमेरिका के द्वारा प्रतिबंध लगाया जाएगा। ऐसे में लंबे समय से ईरान से आयल का कारोबार कर रही कंपनियों के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत के खिलाफ बयान देते हुए नजर आ रहे हैं। भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा करने के कुछ समय बाद ही अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को डेड करार दिया है। उन्होंने कहा है भारत और रूस दोनों अपनी अर्थव्यवस्था को एक साथ ले डूबे हैं लेकिन मुझे क्या। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए बयान के बाद रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने इसे अमेरिका के राष्ट्रपति की घबराहट करार दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने के साथ-साथ जुर्माने का भी ऐलान किया गया था। अमेरिका का आरोप है कि भारत के द्वारा रूस के साथ व्यापार किया जा रहा है। ऐसे में भारत पर यह जुर्माना लगाना उचित है। दूसरी तरफ अमेरिका के द्वारा पाकिस्तान के साथ तेल भंडार विकसित करने के लिए समझौता किया गया है।

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