Sheikh Hasina Crisis के तहत बांग्लादेश में पूर्व पीएम पर मुकदमा शुरू, छात्र आंदोलन और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर बढ़ी कानूनी कार्रवाई।

शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में शुरू हुआ मुकदमा; बढ़ेगी मुश्किल

Sheikh Hasina Crisis : बांग्लादेशी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की अनुपस्थिति में उनके खिलाफ एक मुकदमा शुरू कर दिया गया है। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के द्वारा 2024 में हुए छात्र आंदोलन के मद्देनजर हिंसक दमन से संबंधित मानवता के खिलाफ अपराधों पर रविवार को मुकदमा शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सभी अपराधों का मुख्य कारण माना गया है और सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री को ज्यादा से ज्यादा सजा की मांग लगातार की जा रही है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बांग्लादेश में शिकंजा मजबूत हो सकता है। नौकरियों में आरक्षण को लेकर पैदा हुए छात्र आंदोलन के कारण शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

बांग्लादेश की राजनीति में लंबे समय तक एक तरफ़ा राज करने वाली सेख हसीना की कुर्सी के लिए यह पतन का कारण बना था। बांग्लादेश में उनके इस्तीफा देने के बाद से लगातार अंतरिम सरकार के द्वारा कार्य किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि 2026 में बांग्लादेश में आम चुनाव आयोजित कराए जाएंगे। बांग्लादेश चुनाव आयोग के द्वारा लगातार इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। विपक्षी पार्टियों के द्वारा लगातार बांग्लादेश में चुनाव कराए जाने की मांग की जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने अगस्त के महीने को काला अगस्त के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उनकी पार्टी के द्वारा 50 साल पहले हुई एक घटना की याद में ऐसा करने का फैसला लिया गया है। बताया जाता है कि 50 साल पहले हुए नरसंहार में देश के संस्थापक और बांग्लादेश के पहले प्रधानमंत्री की हत्या हो गई थी। दूसरी तरफ बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटाने और अंतिम सरकार के गठन को भी अगस्त में एक वर्ष पूरा होने वाला है।

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पूर्व गृहमंत्री और पुलिस महानिरीक्षक भी सह आरोपी

बांग्लादेश में 2024 में हुए छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ-साथ तत्कालीन गृहमंत्री और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक को भी सह आरोपी बनाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री और तत्कालीन गृहमंत्री इस समय बांग्लादेश में मौजूद नहीं है जबकि पुलिस महानिरीक्षक को हिरासत में ले रखा है।बताया जा रहा है कि पुलिस महानिरीक्षक के द्वारा इस मामले में सरकारी गवाह बनने पर सहमति जता दी गई है। अभियोजन पक्ष के द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जाएं। लंबे समय से बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ बांग्लादेश में अपराध को लेकर सुनवाई जारी है। लेकिन अब इस प्रक्रिया में तेजी सामने आ रही है जिसके बाद जल्द सेख हसीना को सजा सुनाई जा सकती है।

शेख हसीना की पार्टी मनाएगी काला अगस्त

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने अगस्त के महीने को काला अगस्त के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। उनकी पार्टी के द्वारा 50 साल पहले हुई एक घटना की याद में ऐसा करने का फैसला लिया गया है। बताया जाता है कि 50 साल पहले हुए नरसंहार में देश के संस्थापक और बांग्लादेश के पहले प्रधानमंत्री की हत्या हो गई थी। दूसरी तरफ बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटाने और अंतिम सरकार के गठन को भी अगस्त में एक वर्ष पूरा होने वाला है। प्रतिबंधित पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया पर जारी की गई टिप्पणी के मुताबिक बंगबंधु ने समानता पर आधारित एक भूख एवं गरीबी मुक्त समाज का सपना देखा था। लेकिन यह बांग्लादेश में संभव नहीं हो पाया। उनकी बेटी सेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश ने एक विकासशील और गरीबी से मुक्त राष्ट्र के रूप में विश्व में पहचान बनाई थी। 50 साल पुरानी घटना के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी के द्वारा अंतरिम सरकार के विरोध के तौर पर काला अगस्त मनाने का निर्णय लिया गया है।

Bangladesh Elections 2026 से पहले जमात ए इस्लामी ने ढाका में बड़ा प्रदर्शन किया और निष्पक्ष चुनाव सहित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग की।
Sheikh Hasina Crisis   के तहत बांग्लादेश में पूर्व पीएम पर मुकदमा शुरू, छात्र आंदोलन और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर बढ़ी कानूनी कार्रवाई।
इस्तीफे के बाद हसीना भारत की शरण में

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से लगातार भारत में शरण ली हुई है। बांग्लादेश में छात्रों के द्वारा शुरू किए गए आंदोलन के हिंसक होने के बाद उनके द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिया गया था। उग्र भीड़ के द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय तक को लूट लिया गया था जिसके बाद सेख हसीना अपने पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़कर भारत रवाना हुई थी। इसके बाद लगातार वह भारत में ही शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश के द्वारा बार-बार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है। लेकिन भारत के द्वारा अभी इस पर फैसला नहीं लिया गया है। बांग्लादेश में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विभिन्न मुकदमे लंबित हैं। आगामी समय में इन मुद्दों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री को सजा भी सुनाई जा सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री पर यह आरोप है कि उन्होंने छात्र आंदोलन को कुचलने के लिए हिंसा का सहारा लिया था।

नौकरियों में आरक्षण को लेकर पैदा हुए छात्र आंदोलन के कारण शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बांग्लादेश की राजनीति में लंबे समय तक एक तरफ़ा राज करने वाली सेख हसीना की कुर्सी के लिए यह पतन का कारण बना था। बांग्लादेश में उनके इस्तीफा देने के बाद से लगातार अंतरिम सरकार के द्वारा कार्य किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि 2026 में बांग्लादेश में आम चुनाव आयोजित कराए जाएंगे। बांग्लादेश चुनाव आयोग के द्वारा लगातार इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। विपक्षी पार्टियों के द्वारा लगातार बांग्लादेश में चुनाव कराए जाने की मांग की जा रही है।

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