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अमेरिका के दबाव में रूस से कच्चे तेल की खरीद भारतीय कंपनियों ने रोकी; मिडिल ईस्ट से हो सकती है खरीद

India Russia Oil : अमेरिका के द्वारा लगातार भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था जिसके साथ जुर्माना भी लगाया गया था। अमेरिका का आरोप है कि भारत के द्वारा रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बाद लगातार रूस से कच्चे तेल का व्यापार किया जा रहा है जिससे रूस की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान हो रही है। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ और अतिरिक्त लगाया था। इस तरह भारत पर कुल 50% अमेरिका के द्वारा लगा दिया गया है। सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के बढ़ते दबाव के कारण भारत ने अब रूस से कच्चे तेल का व्यापार बंद कर दिया है। भारत के द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद प्रभावित होने पर मिडल ईस्ट से तेल की खरीद की जा सकती है। हालांकि से इसे लेकर अभी तक किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

कंपनियों ने लिया तेल नहीं खरीदने का फैसला

अमेरिका के द्वारा लगातार बनाए जा रहे दबाव के बाद हिंदुस्तान पैट्रोलियम इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियों के द्वारा रूस से कच्चा तेल नहीं खरीदने का निर्णय लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक स्पॉट मार्केट से तेल नहीं खरीदा जाएगा। कंपनियों के द्वारा लिया गया यह फैसला अक्टूबर में लोड होने वाले कच्चे तेल की खरीद पर लागू हो सकता है। अमेरिका के द्वारा लगातार भारत पर रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। अमेरिका यह कोशिश कर रहा है कि भारत रूस के साथ कच्चे तेल की खरीद को पूरी तरह से खत्म कर दे। यह भी सामने आ रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज नायरा एनर्जी जैसी कंपनी लगातार रूस से तेल खरीद जारी रख रही है। रूस से जुड़े होने के कारण पुराने समझौते के तहत इन कंपनियों के द्वारा खरीदारी की जा रही है।

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कंपनियों के द्वारा स्पॉट मार्केट से तेल खरीद पर रोक लगाई गई है। यह एक ऐसा बाजार होता है जहां पर तेल और गैस जैसे सामानों की खरीद और बिक्री काफी जल्दी होती है। डिलीवरी भी इस प्रक्रिया में काफी जल्दी होती है। प्रक्रिया में काफी तेजी होने के कारण कीमतों का निर्धारण मौजूदा बाजार दरों पर किया जाता है। अमेरिका के द्वारा लगातार भारत पर बनाए जा रहे दबाव के बाद भारत रूस से तेल खरीद को बंद कर सकता है लेकिन वह इसकी जगह विकल्प भी तलाश रहा है। भारतीय कंपनियों के द्वारा इस स्थिति में अफ्रीकी देशों अमेरिका और मिडिल ईस्ट से तेल खरीद को लेकर समझौता किया जा सकता है। रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत के द्वारा रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद में बढ़ोतरी की गई थी लेकिन अब ट्रंप प्रशासन के द्वारा दिखाई जा रही सख्ती के बाद कंपनियों में डर का माहौल पैदा हो गया है

भारत पर लगाया गया 50% टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो जाएगा। लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण इसका असर दुनिया के दूसरे देशों पर भी देखा जा रहा है। अमेरिका के द्वारा रूस और यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद 2022 में रूस से आने वाले तेल और दूसरे उत्पादों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि प्रतिबंधों के बावजूद भारत के द्वारा रूस से तेल व्यापार किया जा रहा है। इस कारण रूस को आर्थिक मदद पहुंच रही है। जिसका उपयोग वह यूक्रेन के साथ युद्ध में कर रहा है। अमेरिका के द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भारत ने भी अमेरिका पर रूस से व्यापार करने की बात कही थी।

 

रूस से तेल खरीद को बताया अधिक टैरिफ का कारण

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर रूस से तेल व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान करते हुए कहा कि भारत के द्वारा रूस के साथ किये जा रहे तेल व्यापार के कारण यह कार्रवाई की जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा इससे पहले भारत पर 25% टैरिफ की घोषणा 23 जुलाई को की गई थी। अब अतिरिक्त 25% टैरिफ की घोषणा कर देने के कारण भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ समय से लगातार भारत को लेकर विवादित बयान और कठोर शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय तक अच्छे संबंध रहे थे लेकिन पिछले कुछ समय से चल रही उठा पटक के बीच भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव देखने को मिल रहा है। आने वाले समय में दोनों के संबंधों में दरार और बढ़ सकती है।

India Russia Oil को लेकर अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया। ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर दबाव बनाना तेज कर दिया है।
India Russia Oil   को लेकर अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया। ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर दबाव बनाना तेज कर दिया है।
राष्ट्र हित की रक्षा के लिए उठाया जाएगा कदम -भारत

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने के बाद अतिरिक्त 25% टैरिफ का ऐलान करने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया दी गई। भारतीय विदेश मंत्रालय के द्वारा अमेरिका को जवाब दिया गया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत के रूस से किये जा रहे तेल आयात को लेकर अमेरिका के द्वारा भारत को निशाना बनाया जा रहा है जबकि भारत के द्वारा यह पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि हम बाजार की स्थिति और 140 करोड़ भारतीय लोगों की ऊर्जा आवश्यकता के आधार पर तेल खरीदते हैं। अमेरिका के द्वारा भारत द्वारा अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कई दूसरे देश भी लगातार अपने हित में यही कार्य कर रहे हैं। हम एक बार फिर इस कदम को गलत और नाजायज ठहराते हैं। आने वाले समय में भारत के द्वारा अपने राष्ट्रीय हित और सुरक्षा को देखते हुए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

 

अमेरिका 2022 में लगा चुका रूसी व्यापार पर प्रतिबंध

लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण इसका असर दुनिया के दूसरे देशों पर भी देखा जा रहा है। अमेरिका के द्वारा रूस और यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद 2022 में रूस से आने वाले तेल और दूसरे उत्पादों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि प्रतिबंधों के बावजूद भारत के द्वारा रूस से तेल व्यापार किया जा रहा है। इस कारण रूस को आर्थिक मदद पहुंच रही है। जिसका उपयोग वह यूक्रेन के साथ युद्ध में कर रहा है। अमेरिका के द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद भारत ने भी अमेरिका पर रूस से व्यापार करने की बात कही थी। जिस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।

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