Nitin Gadkari statement गडकरी ने कहा भारत को विश्व गुरु बनने के लिए इंपोर्ट घटाना और एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा, साइंस टेक्नोलॉजी और नॉलेज से समस्याओं का हल संभव।

झुकती है दुनिया झुकने वाला चाहिए : नितिन गडकरी; ‘आर्थिक रूप से संपन्न देश कर रहे दादागिरी’

Nitin Gadkari Statement : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा वर्तमान में चल रही टैरिफ तथा दूसरी वैश्विक आर्थिक समस्याओं को लेकर बड़ा बयान दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि भारत को आने वाले समय में विश्व गुरु बनना है तो इंपोर्ट को कम करना होगा जबकि इसकी तुलना में एक्सपोर्ट को बढ़ाना होगा। उन्होंने अमेरिका और टैरिफ का नाम लिए बगैर कहा कि दुनिया झुकती है लेकिन इसको झुकाने वाला चाहिए। नितिन गडकरी के द्वारा दिया गया यह बयान नागपुर में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान दिया गया। उन्होंने कहा कि दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से संपन्न है। आर्थिक रूप से संपन्न होने के कारण उनके द्वारा दुनिया के दूसरे देशों पर दादागिरी की जा रही है। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 25% टैरिफ को बढ़ाकर 50% कर दिया था। अमेरिका के द्वारा भारत को विभिन्न तरह की धमकी भी लगातार दी जा रही है।

दुनिया की सभी समस्याओं का हल साइंस टेक्नोलॉजी और नॉलेज -गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे देश में बड़े स्तर पर देशभक्ति को लेकर चर्चा की जाती है लेकिन सबसे बड़ी राष्ट्रभक्ति तब सफल होगी जब इंपोर्ट को कम करते हुए एक्सपोर्ट को लगातार बढ़ाया जाए। यदि भारत को विश्व गुरु बनना है तो यह करना आवश्यक होगा। दुनिया में किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान मौजूद होता है लेकिन उसके लिए साइंस टेक्नोलॉजी और नॉलेज का होना आवश्यक है। यदि हमारे पास नॉलेज और पावर है और उसका इस्तेमाल किया जाए तो दुनिया के सामने भारत को झुकना हीं पड़ेगा। इंपोर्ट को घटाते हुए यदि एक्सपोर्ट को बढ़ाया जाता है तो देश की इकोनॉमी काफी मजबूत हो जाएगी और हमें नहीं लगता फिर किसी भी देश के पास जाकर हमें कोई चीज मंगानी पड़ेगी।

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इजराइल के साथ व्यापक समझौता करने को तैयार हमास; लंबे समय से जारी है दोनों में जंग

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया के विभिन्न देशों पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाते हुए उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दबाव बनाने के बाद समझौता करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि बड़े देशों में चीन को छोड़कर अभी तक किसी दूसरे देश के द्वारा अमेरिका के साथ समझौता नहीं किया गया है। भारत पर भी अमेरिका के द्वारा 50% टैरिफ का ऐलान किया जा चुका है। भारत का अभी तक अमेरिका के साथ किसी भी तरह का व्यापार समझौता नहीं हुआ है। भारत के साथ-साथ अमेरिका के द्वारा ब्राज़ील पर भी 50% टैरिफ का ऐलान किया गया है। अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण अमरीका मार्केट को बड़ा नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा 2 अप्रैल को विभिन्न देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी लेकिन बाद में इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था।

अमेरिका के सामने झुका ब्रिटेन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को ब्रिटेन पर 41% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इससे घबराकर ब्रिटेन के द्वारा अमेरिका के साथ समझौता कर लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन नेअमेरिका के बीफ और एथेनॉल को टैक्स फ्री कर दिया है। जिसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ने टेरिफ को घटाकर 10% कर दिया है। ब्रिटेन के द्वारा इसके अतिरिक्त खेल; शराब और जैतून के तेल से जुड़े सामानों पर भी कम टैरिफ लगाने का दावा किया है। अमेरिका के द्वारा ब्रिटेन के स्टील और एल्यूमीनियम पर शुरुआत में 50% टैरिफ लगाया था लेकिन बाद में इसे घटाकर 25% कर दिया गया था। ब्रिटेन की तरह ही जापान पर भी अमेरिका के द्वारा शुरुआत में 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी लेकिन जापान के द्वारा अमेरिका से बोइंग विमान खरीदने तथा अमेरिकी कंपनियों के साथ रक्षा खर्च को बढ़ाने पर सहमति जता देने के बाद इसे घटाकर 15% करने का ऐलान किया है।

Nitin Gadkari statement गडकरी ने कहा भारत को विश्व गुरु बनने के लिए इंपोर्ट घटाना और एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा, साइंस टेक्नोलॉजी और नॉलेज से समस्याओं का हल संभव।
Nitin Gadkari statement गडकरी ने कहा भारत को विश्व गुरु बनने के लिए इंपोर्ट घटाना और एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा, साइंस टेक्नोलॉजी और नॉलेज से समस्याओं का हल संभव।
भारत और ब्राजील जैसे देशों के साथ जारी है तनाव

अमेरिका के द्वारा टैरिफ का डर दिखाकर दुनिया के विभिन्न देशों को झुका दिया गया है लेकिन अभी भी भारत चीन ब्राजील जैसे देश अमेरिका के सामने खड़े हुए हैं। भारत पर अमेरिका के द्वारा 25% से बढ़कर 50% टैरिफ किया जा चुका है। अमेरिका लगातार भारत के डेरी और कृषि सेक्टर में एंट्री करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है। भारत अपने किसानो और छोटे उद्योगों को ध्यान में रखते हुए हर कदम बड़ी सावधानी से बढ़ा रहा है। अमेरिका के द्वारा भारत पर रूस से हथियार और तेल खरीदने के कारण जुर्माना भी लगाया गया था।

ट्रंप के फैसले को बताया ‘भारी भूल’

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले को बड़ी भूल करार दिया है। उन्होंने आशंका जाहिर कि अमेरिका के द्वारा रूस को कमजोर करने की कोशिश में गलत कदम उठाए जा रहे हैं। भारत पर लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ का असर अमेरिका पर भारी पड़ सकता है। लंबे समय तक भारत को रूस और चीन से दूर रखने के लिए अमेरिका के द्वारा कोशिश की गई थी लेकिन अब ट्रंप के द्वारा किए जा रहे व्यवहार से वह कोशिश कमजोर पड़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन भारत और रूस मिलकर टैरिफ का विरोध जता सकते हैं।  उन्होंने कहा कि अमेरिका के द्वारा दोस्त और दुश्मन दोनों के साथ समान व्यवहार किया जा रहा है।अमेरिका के द्वारा किए जा रहे ऐसे फैसलों के कारण आत्मविश्वास कमजोर होता जा रहा है। जिस आत्मविश्वास को बनाने में लंबा समय लगा था और उसके बदले में बहुत कम आर्थिक फायदा मिला जबकि नुकसान लगातार अमेरिका के लिए बढ़ता जा रहा है।

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