India China flights : भारत और उसके पड़ोसी मुल्क चीन के बीच जल्द ही सीधी उड़ान सेवा देखने को मिल सकती है। भारत और चीन के द्वारा लगातार इसे लेकर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही थी। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात की थी। संभावना जताई जा रही है कि अगले महीने से भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी। भारत के द्वारा एयरलाइन कंपनियों को इससे संबंधित तैयारी करने को कहा गया है। भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवा कोरोना काल के बाद से बंद है। गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के आमने-सामने हो जाने के बाद चीन और भारत में तनाव पैदा हो गया था। अब धीरे-धीरे चीन और भारत के रिश्तों में सुधार देखने को मिल रहा है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान शुरू होने को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
गलवान झड़प के बाद पैदा हुआ था तनाव
भारत और चीन के बीच लंबे समय से विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव बना रहता है। दोनों देशों की सीमा एक दूसरे से लगने के कारण कई बार दोनों देशों की सेना एक दूसरे के आमने-सामने हो जाती हैं। 15 जून को भारत और चीन की सेना एक दूसरे के आमने-सामने हो गई थी। जिसके बाद गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारतीय सेना के द्वारा चीन को इसका मुंह तोड़ जवाब दिया गया था। भारतीय पलटवार में चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। इसके बाद लगातार भारत और चीन के बीच तनाव देखने को मिला था। भारत और चीन के द्वारा की जा रही कोशिश के बाद अब लगातार दोनों देशों के रिश्तों में सुधार देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा पिछले साल चीन के राष्ट्रपति से कजान में मुलाकात के बाद लगातार स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है। भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान शुरू होने की जल्द संभावना जताई जा रही है जबकि इससे पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा को लंबे समय बाद शुरू किया जा चुका है।
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन के दौरे पर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी के संभावित चीन दौरे को देखते हुए चीन की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। चीन ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी का चीन दौरे पर स्वागत करते हैं। लंबे समय बाद भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा चीन का दौरा किया जा रहा है। गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के आपसी टकराव के बाद प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा चीन की पहली यात्रा की जा रही है। अंतिम बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात 2024 में हुई थी। 2024 के ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों की मुलाकात रूस में हुई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि चीन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में 31 अगस्त से 1 सितंबर तक 20 से अधिक देशों के नेता हिस्सा लेंगे जबकि 10 अंतरराष्ट्रीय संगठन के प्रमुख भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन दौरे पर जाएंगे। शंघाई सहयोग संगठन के समिट में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा चीन जाया जाएगा। 31 अगस्त और 1 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी चीन दौरे पर रहेंगे। लंबे समय बाद भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा चीन का दौरा किया जा रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा लंबे समय तक चीन का दौरा नहीं किया गया था। चीन और भारत की सेना के बीच चल रहे तनाव को इसका कारण माना गया था। 2020 में भारत और चीन की सीमा गलवान घाटी में एक दूसरे के आमने-सामने हो गई थी। जिसके बाद दोनों देश में तनाव पैदा हो गया था। आखरी बार चीन के राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री के मुलाकात 2024 में हुई थी। 2024 में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान रूस में यह मुलाकात हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी इसके बाद 2018 में अप्रैल के महीने में चीन यात्रा पर थे। हालांकि इस दौरान उनका औपचारिक दौरा नहीं था। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति ने कई मुलाकात की थी। इस दौरान किसी भी तरह की घोषणा या समझौते नहीं हुए थे। अंतिम बार भारतीय प्रधानमंत्री चीन यात्रा पर 2018 में पहुंचे थे। चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में शामिल होने के लिए मोदी चीन गए थे। जहां पर चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से उनकी मुलाकात हुई थी। इसी दौरान रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी भारतीय प्रधानमंत्री ने मुलाकात की थी। एक बार फिर भारतीय प्रधानमंत्री 31 अगस्त और 1 सितंबर को चीन दौरे पर हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जाएगा। इसके लिए वह 30 अगस्त को जापान पहुंचेंगे।
अमेरिका से तनाव के कारण यात्रा महत्वपूर्ण
वर्तमान में व्यापार को लेकर भारत का अमेरिका के साथ टकराव जारी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया गया था। साथ ही साथ रूस से व्यापार करने के कारण भारत पर जुर्माना भी लगाया गया था। बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे बढ़ाकर 50% कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगातार भारत को अलग-अलग तरह की धमकी दी जा रही है। ऐसे में भारत के द्वारा रूस और चीन के साथ संबंध बनाए जा सकते हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कि रूस यात्रा के साथ-साथ आगामी समय में होने वाली प्रधानमंत्री मोदी की चीनी यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की चीनी यात्रा के दौरान उनकी चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात हो सकती है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन जाने से पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी चीन दौरे पर जा चुके हैं। एस जयशंकर ने इस दौरान चीन के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी। चीन में आयोजित हुई शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ-साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी चीन पहुंचे थे।