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चीन के राष्ट्रपति ने 12 साल में दूसरी बार किया तिब्बत का दौरा

Xi Jinping Tibet : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लंबे समय बाद एक बार फिर तिब्बत का दौरा किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 20 अगस्त को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहुंचे थे। चीन की सेना के द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने की वर्षगांठ पर चीन के राष्ट्रपति शामिल हुए थे। चीन के राष्ट्रपति का यह तिब्बत दौरा लंबे समय बाद हुआ है। अब तक 12 साल में चीन के राष्ट्रपति के द्वारा दो बार तिब्बत का दौरा किया गया है। इस दौरे के दौरान उन्होंने तिब्बत में कार्य कर रहे प्रतिनिधियों के साथ-साथ पीपल सेलिब्रेशन आर्मी के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। चीन के राष्ट्रपति के द्वारा इससे पहले इस क्षेत्र का दौरा 2021 में किया गया था। भारत और चीन की सेना के बीच गलवान घाटी में झडप हो जाने के बाद उन्होंने दौरा किया था। चीन के द्वारा 1950 में तिब्बत पर कब्जा किया गया था जबकि 1965 से आधिकारिक तौर पर चीन इस क्षेत्र में शासन कर रहा है।

चीन के विदेश मंत्री इस समय भारतीय दौरे पर हैं। भारत और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर सहमति बनी है। लिपुलेख दर्रे से एक बार फिर भारत और चीन के द्वारा व्यापार शुरू करने पर समझौता किया गया है। यह दर्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। भारत और चीन के द्वारा किए गए समझौते पर नेपाल के द्वारा विरोध जताया जा रहा है। नेपाल का कहना है कि लिपुलेख दर्रे वाले क्षेत्र में भारत और चीन के द्वारा किसी भी प्रकार की एक्टिविटी नहीं की जानी चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब नेपाल के द्वारा इस क्षेत्र को लेकर विरोध जताया गया हो लगभग 10 साल पहले भी लिपुलेख दर्रे के रास्ते होने वाले व्यापार को लेकर नेपाल ने विरोध जताया था। नेपाल का आरोप है कि नेपाल से सलाह लिए बिना भारत और चीन ने यह निर्णय लिया है।

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‘बातचीत और डिप्लोमेसी से हल होगा विवाद भारत’

भारत और चीन के द्वारा लिपुलेख दर्रे से व्यापार करने पर सहमति जताये जाने के बाद नेपाल के द्वारा उठाए जा रहे विरोध पर भारत ने जवाब दिया है। भारत का कहना है कि नेपाल के साथ चल रहे इस विवाद को बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए हल किया जाएगा। नेपाल के प्रधानमंत्री जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं। शंघाई सहयोग संगठन में हिस्सा लेने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री के द्वारा 16 सितंबर से भारत की यात्रा की जाएगी। इसी बीच भारत और चीन के संबंध लगातार सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।

भारत और चीन दोनों एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं लेकिन लंबे समय से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद तथा दूसरे मुद्दों को लेकर लगातार तनाव बना रहता है। चीन के विदेश मंत्री इस समय भारत दौरे पर हैं। उनके द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की गई। इसी दौरान भारत और चीन के द्वारा लंबे समय से चल रहे एक दूसरे के साथ विवाद को खत्म करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। इसी के साथ-साथ चीन के द्वारा भारत को सहयोग करने का भी आश्वासन दिया गया है। एक बार फिर चीन के द्वारा रेयर अर्थ मैटल भारत को प्रदान करने पर सहमति जताई गई है।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ चीन के विदेश मंत्री की लंबी चर्चा हुई। दोनों के बीच भारतीय सीमा पर चल रहे विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय में जो घटनाएं हुई है वह दोनों ही देश के हित में नहीं है। इस दौरान उनके द्वारा चीन के राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात का जिक्र भी किया गया। चीन के विदेश मंत्री के द्वारा इस मुलाकात को दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा देने वाली और सीमा विवाद को सुलझाने में नया जोश देने वाली करार दिया गया। दूसरी तरफ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी भरोसा जाता है कि उनकी यह वार्ता सफल रहेगी।

Xi Jinping Tibet दौरे और भारत-चीन समझौते ने लिपुलेख विवाद को फिर चर्चा में ला दिया। नेपाल ने विरोध जताया, जबकि भारत ने बातचीत से हल का भरोसा दिया।
Xi Jinping Tibet दौरे और भारत-चीन समझौते ने लिपुलेख विवाद को फिर चर्चा में ला दिया। नेपाल ने विरोध जताया, जबकि भारत ने बातचीत से हल का भरोसा दिया।
2 दिन के दौरे पर चीन विदेश मंत्री

चीन के विदेश मंत्री इस समय भारतीय दौरे पर हैं। चीन के विदेश मंत्री दो दिवसीय भारतीय दौरे पर हैं। पहले दिन उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ही बॉर्डर समस्या को खत्म करने के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया। इसी के साथ-साथ चीन के विदेश मंत्री ने भारत को रेयर अर्थ मेटल तथा फर्टिलाइजर उपलब्ध कराने पर भी सहमति जताई। इससे पहले चीन के द्वारा भारत को इन पदार्थों की सप्लाई पर रोक लगा दी गई थी। जुलाई में चीन ने यह कदम उठाया था।

भारत और चीन को करना होगा एक दूसरे का सहयोग

चीन के विदेश मंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि दुनिया में हालात लगातार बदलते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था तथा फ्री ट्रेड समझौते को लेकर विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देश चीन और भारत को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। दोनों देशों की आबादी लगभग तीन अरब है। ऐसे में भारत और चीन को जिम्मेदारी दिखाते हुए एक दूसरे का सहयोग करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात करने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्होंने कहा कि चीन के विदेश मंत्री से मिलकर काफी खुशी हुई। चीन के राष्ट्रपति से कजान में मुलाकात होने के बाद लगातार भारत और चीन के संबंधों में सुधार देखने को मिल रहा है। इसी के साथ उन्होंने अगली मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान होने वाली अगली मुलाकात का मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

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