China Pakistan Corridor : चीन -पाकिस्तान इकोनामीक कॉरिडोर के नए प्रोजेक्ट पर जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। इसे लेकर पाकिस्तान और चीन के मध्य सहमति बन गई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री के द्वारा चीन के विदेश मंत्री से की गई मुलाकात के बाद यह सहमति बनी है। चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर के तहत पाकिस्तान में रेल लिंक इलेक्ट्रिसिटी प्लांट और सड़कों का निर्माण किया गया है जो चीन के प्रमुख क्षेत्र को पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने का कार्य करते हैं। इन सबके अतिरिक्त पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में उद्योग कृषि विज्ञान तकनीक आदि के क्षेत्र में भी सहयोग करने का भरोसा दिया गया है। चीन और पाकिस्तान के द्वारा शुरू किए जाने वाले नए प्रोजेक्ट की जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
चीन ने मांगी पाकिस्तान से सुरक्षा
चीन के विदेश मंत्री के द्वारा पाकिस्तान के विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान में सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया। उन्होंने पाकिस्तान में चीन के कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। लंबे समय से पाकिस्तान में रह रहे चीन के कर्मचारियों के ऊपर बलूचिस्तान तथा दूसरे क्षेत्रों में लगातार हमले किए जा रहे हैं। इसी कारण चीन के विदेश मंत्री के द्वारा यह मांग की गई है। पाकिस्तान लंबे समय से चीन का समर्थक रहा है लेकिन अब चीन की जगह पाकिस्तान के द्वारा अमेरिका के साथ संबंध बनाए जा रहे हैं।
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चीन के विदेश मंत्री इस समय भारतीय दौरे पर हैं। भारत और चीन के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर सहमति बनी है। लिपुलेख दर्रे से एक बार फिर भारत और चीन के द्वारा व्यापार शुरू करने पर समझौता किया गया है। यह दर्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। भारत और चीन के द्वारा किए गए समझौते पर नेपाल के द्वारा विरोध जताया जा रहा है। नेपाल का कहना है कि लिपुलेख दर्रे वाले क्षेत्र में भारत और चीन के द्वारा किसी भी प्रकार की एक्टिविटी नहीं की जानी चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब नेपाल के द्वारा इस क्षेत्र को लेकर विरोध जताया गया हो लगभग 10 साल पहले भी लिपुलेख दर्रे के रास्ते होने वाले व्यापार को लेकर नेपाल ने विरोध जताया था। नेपाल का आरोप है कि नेपाल से सलाह लिए बिना भारत और चीन ने यह निर्णय लिया है।
बातचीत और डिप्लोमेसी से हल होगा विवाद भारत
भारत और चीन के द्वारा लिपुलेख दर्रे से व्यापार करने पर सहमति जताये जाने के बाद नेपाल के द्वारा उठाए जा रहे विरोध पर भारत ने जवाब दिया है। भारत का कहना है कि नेपाल के साथ चल रहे इस विवाद को बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए हल किया जाएगा। नेपाल के प्रधानमंत्री जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं। शंघाई सहयोग संगठन में हिस्सा लेने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री के द्वारा 16 सितंबर से भारत की यात्रा की जाएगी। इसी बीच भारत और चीन के संबंध लगातार सुधार के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।
भारत और चीन दोनों एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं लेकिन लंबे समय से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद तथा दूसरे मुद्दों को लेकर लगातार तनाव बना रहता है। चीन के विदेश मंत्री इस समय भारत दौरे पर हैं। उनके द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की गई। इसी दौरान भारत और चीन के द्वारा लंबे समय से चल रहे एक दूसरे के साथ विवाद को खत्म करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। इसी के साथ-साथ चीन के द्वारा भारत को सहयोग करने का भी आश्वासन दिया गया है। एक बार फिर चीन के द्वारा रेयर अर्थ मैटल भारत को प्रदान करने पर सहमति जताई गई है।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ चीन के विदेश मंत्री की लंबी चर्चा हुई। दोनों के बीच भारतीय सीमा पर चल रहे विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय में जो घटनाएं हुई है वह दोनों ही देश के हित में नहीं है। इस दौरान उनके द्वारा चीन के राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात का जिक्र भी किया गया। चीन के विदेश मंत्री के द्वारा इस मुलाकात को दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा देने वाली और सीमा विवाद को सुलझाने में नया जोश देने वाली करार दिया गया। दूसरी तरफ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी भरोसा जाता है कि उनकी यह वार्ता सफल रहेगी।

2 दिन के दौरे पर चीन विदेश मंत्री
चीन के विदेश मंत्री इस समय भारतीय दौरे पर हैं। चीन के विदेश मंत्री दो दिवसीय भारतीय दौरे पर हैं। पहले दिन उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ही बॉर्डर समस्या को खत्म करने के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया। इसी के साथ-साथ चीन के विदेश मंत्री ने भारत को रेयर अर्थ मेटल तथा फर्टिलाइजर उपलब्ध कराने पर भी सहमति जताई। इससे पहले चीन के द्वारा भारत को इन पदार्थों की सप्लाई पर रोक लगा दी गई थी। जुलाई में चीन ने यह कदम उठाया था।
भारत और चीन को करना होगा एक दूसरे का सहयोग
चीन के विदेश मंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि दुनिया में हालात लगातार बदलते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था तथा फ्री ट्रेड समझौते को लेकर विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देश चीन और भारत को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। दोनों देशों की आबादी लगभग तीन अरब है। ऐसे में भारत और चीन को जिम्मेदारी दिखाते हुए एक दूसरे का सहयोग करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात करने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उन्होंने कहा कि चीन के विदेश मंत्री से मिलकर काफी खुशी हुई। चीन के राष्ट्रपति से कजान में मुलाकात होने के बाद लगातार भारत और चीन के संबंधों में सुधार देखने को मिल रहा है। इसी के साथ उन्होंने अगली मुलाकात का हवाला देते हुए कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान होने वाली अगली मुलाकात का मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।