Pakistan China Relations पर शरीफ और चीन के नेताओं की मुलाकात, CPEC, ग्वादर बंदरगाह और क्षेत्रीय सहयोग को लेकर बड़े फैसले लिए गए।

चीन की राह पर चलने की कोशिश करेगा पाकिस्तान : शरीफ

Pakistan China Relations : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इस समय चीन में है। शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में सम्मिलित होने के बाद उनके द्वारा चीन के द्वारा आयोजित विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लिया गया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा इसके बाद चीन के प्रधानमंत्री से मुलाकात की गई। चीन के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भी चीन की राह पर आगे बढ़ना चाहता है। चीन तथा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मुलाकात में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के अगले चरण पर कार्य करने को लेकर चर्चा हुई। दोनों देशों ने मिलकर भविष्य में कार्य करने को लेकर भी सहमति जताई है। इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा चीन के राष्ट्रपति को पाकिस्तान को प्रदान किये समर्थन के लिए धन्यवाद कहा।

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शरीफ ने CPEC को बताया पाकिस्तान के लिए जरूरी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का विकास जल्द से जल्द कैसे हो इसे लेकर चर्चा की। शरीफ ने बताया कि यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान के लिए काफी आवश्यक है। ग्वादर बंदरगाह रेलवे तथा काराकोरम हाईवे के कार्य को जल्द से जल्द शुरू करना आवश्यक है। इसी दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह जानकारी दी की एक बिजनेस मीटिंग में बड़े स्तर पर पाकिस्तान तथा चीन की कंपनियों के द्वारा हिस्सा लिया गया था जिसमें आपसी सहयोग प्रदान करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का निर्णय लिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मुलाकात के दौरान मीडिया खेती विज्ञान तकनीक तथा दूसरे मुद्दों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री 6 दिन के चीन दौरे पर पहुंचे थे।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए वर्तमान में चीन दौरे पर है। शंघाई सहयोग संगठन समिट के दूसरे दिन भारत के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे को उठाया गया। आतंकवाद के मुद्दे को दुनिया के द्वारा भी समर्थन दिया गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई। शंघाई सहयोग संगठन के घोषणा पत्र में भी पहलगाम हमले का जिक्र किया गया। इसमें कहा गया कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले अपराधियों उनका समर्थन करने वालों और आयोजकों को सजा दिलाना जरूरी हो गया है। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों के द्वारा पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।

रक्षा मंत्रियों की बैठक में भी भारत उठा चुका मुद्दा

शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में आतंकवाद के मुद्दे को उठाया गया। इससे पहले रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान भी शंघाई सहयोग संगठन में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे को उठाया गया था। हालाँकि उस समय घोषणा पत्र में पहलगाम हमले का जिक्र नहीं किया गया था। इसे लेकर भारत के द्वारा नाराजगी जताई गई थी। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।

आतंकवाद दुनिया के लिए खतरा मोदी

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर सवाल खड़े किए। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का सबसे बुरा रूप करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार दशक से लगातार आतंकवाद की मार से जूझ रहा है। कुछ देशों के द्वारा आतंकवाद को खुले रूप से समर्थन दिया जा रहा है। यह किस तरह स्वीकार किया जा रहा है? समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन को लेकर भारत की सोच और नीति बिल्कुल स्पष्ट है। हमें मिलकर आतंकवाद का विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा दायित्व है। भारत हमेशा से मजबूत कनेक्टिविटी के जरिए विश्वास और विकास पैदा करने की कोशिश के समर्थन में है।

Pakistan China Relations पर शरीफ और चीन के नेताओं की मुलाकात, CPEC, ग्वादर बंदरगाह और क्षेत्रीय सहयोग को लेकर बड़े फैसले लिए गए।
Pakistan China Relations पर शरीफ और चीन के नेताओं की मुलाकात, CPEC, ग्वादर बंदरगाह और क्षेत्रीय सहयोग को लेकर बड़े फैसले लिए गए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने SCO में उठाया सिंधु समझौते का मुद्दा

चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दुनिया के विभिन्न नेता चीन पहुंचे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ-साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सहबाज़ शरीफ भी शंघाई सहयोग संगठन के समिट में शामिल हुए। एक तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे को लेकर बैठक में समर्थन की मांग की। दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा भारत पर निशाना साधा गया। उन्होंने बैठक में कहा कि पाकिस्तान के द्वारा क्षेत्रीय शांति और सहयोग पर कार्य किया जाता है। लगातार हम अपने पड़ोसी देशों की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते रहे हैं। इसके बावजूद पिछले कुछ समय से लगातार हमारे क्षेत्र में परेशान करने वाली घटनाएं हो रही हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का इशारा भारत की तरफ था।

पानी के हिस्से तक बने उचित पहुंच -शरीफ

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संगठन की बैठक में संबोधन देते हुए कहा कि सभी शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों को एक दूसरे के साथ चल रहे समझोतो का पालन करना चाहिए। सिंधु जल समझौते के तहत भारत के व्यवहार का उनके द्वारा जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के सुचारू कामकाज को मजबूत करने के लिए पानी के उचित हिस्से तक पहुंच जरूरी है। भारत के द्वारा पाकिस्तान से तनाव पैदा होने के बाद में सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था।

पाकिस्तान में बाढ़ का किया जिक्र

पाक प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में संबोधन देते हुए कहा कि पाकिस्तान में इस समय बाढ़ से हालात बेकाबू है। अचानक आई बाढ़ के कारण विभिन्न स्तर पर नुकसान झेलना पड़ा है। पाकिस्तान सरकार के द्वारा लगातार लोगों की सहायता के लिए कोशिश की जा रही है। उन्होंने पाकिस्तान और चीन के आर्थिक सहयोग से बना रहे गलियारे को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट पूरा होने पर पाकिस्तान और चीन के बीच कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। दोनों देशों के बीच विभिन्न स्तर पर होने वाला आदान-प्रदान काफी आसान हो जाएगा। पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक गलियारे को शुरू करने को लेकर हाल ही में सहमति बनी थी।

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