Trump India Tariff : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस को लेकर सख्त दिखाई दे रहे हैं। रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की गई थी। दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में हुई थी। इसके बावजूद इस युद्ध को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। अमेरिका के द्वारा रूस के साथ व्यापार करने के कारण भारत तथा दूसरे देशों के ऊपर टैरिफ लगाया जा चुका है। इसके साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। मीडिया के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति से रूस को लेकर जो सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं रूस पर सेकंड स्टेज के सेक्शंस लगाने की तैयारी में हूं। उनके द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया कि रूस पर सेकेंडरी प्रतिबंध कब लगाए जाएंगे। अगर यह लागू होते हैं तो इसका बड़ा असर दिखाई देगा। रूस पर सेकेंडरी प्रतिबंध लागू होने के बाद बैंकिंग सेक्टर तेल सप्लाई तथा दूसरे क्षेत्रों में इसका प्रभाव दिखाई देगा।
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अमेरिका के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की जा चुकी है। दूसरे देशों की तुलना में भारत पर अमेरिका के द्वारा अधिक टैरिफ लगाया गया है। भारत पर कुल 50% टैरिफ अमेरिका के द्वारा लगाया गया है जिसमें 25% टैरिफ के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। दूसरी तरफ पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देशों पर अमेरिका के द्वारा भारत की तुलना में काफी कम टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका के द्वारा अब भारत पर टैरिफ हटाने को लेकर बयान दिया गया है। अमेरिका का कहना है कि यदि भारत के द्वारा तीन शर्तों का पालन किया जाए तो उसे टैरिफ से मुक्ति मिल सकती है। अमेरिका के उद्योग मंत्री के द्वारा यह बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि 25% अतिरिक्त टैरिफ को हटाने के लिए भारत को तीन शर्तों का पालन करना होगा। भारत लंबे समय से ब्रिक्स संगठन का हिस्सा है। ब्रिक्स संगठन से भारत को अलग होना पड़ेगा, रूस के साथ चल रही भारत की तेल खरीद को बंद करना होगा तथा अमेरिका को सपोर्ट करना होगा।
भारत करें अमेरिका को समर्थन
अमेरिका के उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत के द्वारा लगातार चीन और रूस के बीच सेतु का कार्य किया जा रहा है लेकिन इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। भारत को डॉलर या अमेरिका का समर्थन करना चाहिए। अपने सबसे बड़े ग्राहक का ध्यान रखते हुए सपोर्ट करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो भारत को 50% टैरिफ चुकाना होगा। अमेरिका के द्वारा भारत पर टैरिफ लगा देने के बाद भारत ने अपनी व्यापार वार्ता को भी स्थगित कर दिया था। जिसके बाद अब अमेरिका के उद्योग मंत्री ने यह उम्मीद जताई है कि भारत व्यापार समझौते की बातचीत को जल्द ही शुरू करेगा अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मिजाज कब बदल जाए इसका किसी को पता नहीं है। कभी भारत और अमेरिका दोनों एक दूसरे के खास दोस्त होते थे लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए भारत और अमेरिका के बीच दूरी पैदा कर दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 50% टैरिफ की घोषणा कर चुके हैं जिसके बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में लगातार दूरी बढ़ती जा रही है लेकिन अब एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ संबंधों को लेकर पिघलते हुए नजर आ रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को रिसेट करने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा मेरे दोस्त रहेंगे। व्हाइट हाउस में की गई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उनके द्वारा यह बयान दिया गया। इससे पहले वह लगातार भारत के खिलाफ बयान बाजी कर रहे थे लेकिन भारत रूस तथा चीन के घटजोड़ को देखते हुए अब उन्होंने एक बार फिर भारत के साथ संबंधों को पटरी पर लाने की दिशा में बयान दिया है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि भारत और रूस से लगातार हमारे हाथ से दूर होते जा रहे हैं और चीन के साथ संबंध बना रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि इनका भविष्य अच्छा होगा।

मोदी ने किया ट्रंप का समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत के साथ संबंधों को रिसेट करने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोस्त के तौर पर रखूंगा। इसे लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप की भावना और हमारे संबंधों को लेकर विचारों की तहे दिल से सराहना करता हूं। मैं अमेरिका के राष्ट्रपति का पूर्ण समर्थन करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच पॉजिटिव और दूरदर्शी रणनीतिक साझेदारी है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अच्छा प्रधानमंत्री बताया था। उन्होंने कहा कि उनके कुछ कार्य उन्हें पसंद नहीं आ रहे हैं। इसके बावजूद और भारत के साथ अपने रिश्तों को लेकर चिंतित हैं। दोस्त होने की वजह से हम जल्द ही रिश्तो को सुधार लेंगे।