US Tariff Dispute : ब्राजील के राष्ट्रपति के द्वारा ब्रिक्स संगठन के सदस्य देशों की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न देशों के सदस्य देशों के द्वारा हिस्सा लिया गया। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर बड़ी बात बोली। उन्होंने कहा है कि कुछ देशों के द्वारा टैरिफ को हथियार की तरह उपयोग में लिया जा रहा है। ऐसा होने से विश्व अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और विभिन्न नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। नियम लगातार कमजोर पड़ते जा रहे हैं। इस परिस्थिति में हमें एक जुट होकर समस्याओं का समाधान ढूंढना होगा। अमेरिका के द्वारा ब्रिक्स संगठन के विभिन्न सदस्य देशों पर बड़ी मात्रा में टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। ट्रंप ने चीन पर भी बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने का ऐलान किया था लेकिन चीन के द्वारा करारा जवाब मिलने के बाद उन्होंने इसको 90 दिन के लिए टाल दिया था।
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निष्पक्ष और पारदर्शी हो ट्रेड पॉलिसी : जयशंकर
अमेरिका ने की थी किम जोंग की जासूसी की कोशिश; नहीं हुआ कामयाब
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ट्रेड पॉलिसी पर बयान देते हुए कहा कि ट्रेड पॉलिसी निष्पक्ष होनी चाहिए। निष्पक्ष होने के साथ-साथ यह पारदर्शी तथा सभी को लाभ पहुंचाने वाली होनी चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री के द्वारा यह बयान ब्रिक्स सम्मेलन की इमरजेंसी वर्चुअल समिट के दौरान दिया गया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में एस जयशंकर इस समिट में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। अमेरिका के राष्ट्रपति का नाम लिए बगैर उन्होंने अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि व्यापार में मुश्किल पैदा करने से कोई फायदा नहीं होगा। व्यापार को आसान से आसान बनाना चाहिए ताकि दोनों पक्षों को समान रूप से लाभ मिल सके।
बैठक में शामिल नहीं हुए मोदी
ब्रिक्स समिट के इमरजेंसी वर्चुअल समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भाग नहीं लिया गया। उनकी अनुपस्थिति में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सम्मेलन में हिस्सा लिया। भारत केअतिरिक्त दूसरे देशों के प्रमुख नेता भी सम्मेलन में वर्चुअल रूप से जुड़े। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्राजील के राष्ट्रपति रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी वर्चुअल रूप से इसमें दिखाई दिए। इस सम्मेलन का उद्देश्य अमेरिका के द्वारा लगातार विभिन्न देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा करने के साथ-साथ उससे लड़ने की रणनीति बनाना था। अमेरिका के द्वारा ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल विभिन्न देशों पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की जा चुकी है। भारत पर अमेरिका के द्वारा 50% टैरिफ लगाया गया है जिसमें 25% टैरिफ के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। भारत के अतिरिक्त अमेरिका के द्वारा ब्राजील के ऊपर भी 50% टैरिफ लगाया गया है जिसके बाद ब्राजील और अमेरिका में तनातनी देखने को मिली थी। ब्राजील के राष्ट्रपति ने अमेरिका के द्वारा टैरिफ लगा देने के बाद यह बयान दिया था कि वह अब अमेरिका के राष्ट्रपति से किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं करेंगे। वर्चुअल रूप से बुलाई गई इस बैठक का आयोजन ब्राजील के राष्ट्रपति के द्वारा किया गया था।

लंबे समय से अमेरिका के द्वारा भारत पर रूस से तेल व्यापार को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं। अमेरिका का आरोप है कि भारत के द्वारा रूस से कम दाम में तेल खरीद कर मुनाफा खोरी की जा रही है। इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने भारत के पक्ष में बयान दिया है। एक्स के द्वारा लिखे एक नोट में बताया गया कि भारत अपनी जरूरत के हिसाब से रूस से तेल व्यापार कर रहा है। साथ ही अमेरिका भी रूस से यूरेनियम व्यापार कर रहा है। एक तरफ अमेरिका खुद रूस के साथ व्यापार कर रहा है। दूसरी तरफ वह भारत पर प्रतिबंध लगा रहा है। यह उसका डबल स्टैंडर्ड है। भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा के आधार पर तेल की खरीद कर रहा है। मुनाफे के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का यह किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं है। अमेरिका के द्वारा खुद यूरेनियम तथा दूसरी चीजों की खरीद रूस से की जा रही है यह सही नहीं है।
भारत को बताया ‘रूस की धुलाई मशीन’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार ने भारत को रूस की धुलाई मशीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के द्वारा लगातार अमेरिका से दूरी बनाई जा रही है। भारत लगातार वैश्विक स्तर पर व्यापार असंतुलन पैदा कर रहा है। व्यापार असंतुलन पैदा करने के साथ-साथ भारत के द्वारा ऐसे देश के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया जा रहा है जो अमेरिका के खिलाफ है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत को माना जाता है। ऐसे में चीन और रूस से संबंध बनाने पर दुनिया में अशांति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस के कम्युनिस्ट से आखिर प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा हाथ क्यों मिलाया जा रहा है यह समझ से बाहर है।