Khalistani Terror Groups : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही गुरदासपुर दौरे पर जाने वाले हैं। इससे पहले खालिस्तानी आतंकवादियों के द्वारा युवाओं को भड़काने का कार्य किया जा रहा है। बेअंत यूनिवर्सिटी के बाहर सिख फॉर जस्टिस तथा दूसरे भड़काऊ नारे लिखने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि सरदार बेअंत सिंह यूनिवर्सिटी की दीवार पर पन्नू आतंकी के द्वारा खालिस्तान रेफरेंडम जिंदाबाद के नारे लिखवाए गए। इससे पहले आतंकी पन्नू के द्वारा भारतीय जनता पार्टी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए यह आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार के द्वारा पंजाब के साथ साजिश रची गई है। नदियों को हथियार बनाते हुए वाटर बम गिराया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने सिखों से विरोध करने की भी अपील की थी।
पन्नू के बयान के बाद तेज हलचल
खालिस्तानी आतंकी पन्नू के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बयान देने के बाद क्षेत्र में हलचल देखी जा रही है। खालिस्तान एजेंडा को बार-बार उछाला जा रहा है। युवाओं में अशांति पैदा करते हुए साजिश फ़ैलाने की कोशिश की जा रही है। आतंकी पन्नू के द्वारा इससे पहले भी कई बार ऐसी कोशिश की जा चुकी है। पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में खालीस्थान समर्थन में नारे दिखाए जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में भी पंजाब की भांति बाढ़ को लेकर पन्नू के द्वारा वीडियो जारी किया गया था जिसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि यह हिंदुओं के खिलाफ और प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि केंद्र सरकार का हाइड्रो टेरर है।
लंबे समय से कनाडा में खालिस्तानी आतंकी संगठन सक्रिय है लेकिन इसे कनाडा की सरकार के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा था। अब कनाडा की सरकार ने पहली बार यह स्वीकार कर लिया है कि उसकी जमीन पर खालिस्तानी आतंकी संगठन लगातार कार्य कर रहे हैं। इन आतंकी संगठनों को कनाडा से फंडिंग भी प्राप्त हो रही है। हिंसा के जरिए इनके द्वारा राजनीतिक तथा दूसरे सिस्टम में बदलाव की कोशिश की जा रही है। कनाडा सरकार के द्वारा जिन खालिस्तानी आतंकी संगठनों को लेकर यह बयान दिया गया है उनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल और सिख यूथ फेडरेशन भी शामिल हैं। कनाडा की सरकार के द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें यह बात स्वीकार की गई है। खालिस्तानी आतंकी संगठन कनाडा में लगातार सक्रिय है। कई बार देखा गया है जब भारतीय नागरिक तथा दूतावास पर खालिस्तान संगठनों के द्वारा प्रदर्शन किया गया था। भारत सरकार लगातार इन संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए कनाडा सरकार पर दबाव बना रही थी लेकिन इसे कनाडा के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा था।
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कनाडा की जमीन का उपयोग खालिस्तानी आतंकियों के द्वारा फंडिंग जुटाने तथा अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। जिसके लिए भारत बार-बार चिंता जताता रहा है। कनाडा सरकार के द्वारा इसके बावजूद इन संगठनों पर किसी भी तरह का कोई कदम नहीं उठाया गया था। भारत तथा कनाडा सरकार के बीच इन मुद्दों को लेकर मतभेद बना रहता है। 2023 में एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या हो जाने के बाद कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री के द्वारा भारत पर आरोप लगाया गया था। कनाडा का आरोप था कि इस हत्या में भारत शामिल है जबकि भारत ने इन बयानों को निराधार बताया था। दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था और इसके बाद कनाडा और भारत ने अपने-अपने राजदूत वापस बुला लिए थे। कनाडा में सत्ता परिवर्तन हो जाने के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में सुधार देखने को मिला है।
कनाडा के साथ दूसरे देशों से भी जुटाते हैं फंडिंग
कनाडा सरकार के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे संगठनों के द्वारा लगातार कनाडा में फंडिंग प्राप्त की जा रही है। इन आतंकी संगठनों के द्वारा न सिर्फ कनाडा बल्कि दूसरे देशों से भी लगातार चंदा एकत्रित किया जा रहा है। इन में प्रवासी भारतीय भी शामिल हैं। कनाडा सरकार के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में इन खालिस्तानी संगठनों को आतंकी समूह में रखा गया है जिनका मकसद राजनीति से हिंसा फैलाना है। संगठनों के पास मौजूद मजबूत नेटवर्क तथा दूसरे तरीकों से फंडिंग जुटाने का कार्य किया जाता है। कुछ देशों में इन आतंकी संगठनों के लिए सीधे तौर पर फंडिंग होती है जबकि कुछ में क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल बैंकिंग मनी सर्विस चैरिटी तथा गैर लाभकारी संगठनों का दुरुपयोग करते हुए यह कार्य किया जा रहा है।

आतंकी संगठनों की सूची में खालिस्तानी समूह
कनाडा की सरकारी एजेंसी के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में खालिस्तानी आतंकी संगठनों को हमास तथा हिजबुल्ला जैसे संगठनों की सूची में शामिल किया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि खालिस्तान नेटवर्क भले ही कनाडा में सक्रिय हो लेकिन अब पहले की तुलना में उनके द्वारा कार्य कम किया जा रहा है। इन खालिस्तान संगठनों के द्वारा 1980 के दशक से लगातार कनाडा में हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। हिंसा के माध्यम से यह कनाडा में लगातार सक्रिय और पंजाब में एक अलग देश बनाने की कोशिश की जा रही है।
भारत और कनाडा में खालिस्तान पर तनातनी
खालिस्तानी आतंकी संगठन कनाडा में लगातार सक्रिय है। कई बार देखा गया है जब भारतीय नागरिक तथा दूतावास पर खालिस्तान संगठनों के द्वारा प्रदर्शन किया गया था। भारत सरकार लगातार इन संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए कनाडा सरकार पर दबाव बना रही थी लेकिन इसे कनाडा के द्वारा स्वीकार नहीं किया जा रहा था। कनाडा की जमीन का उपयोग खालिस्तानी आतंकियों के द्वारा फंडिंग जुटाने तथा अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। जिसके लिए भारत बार-बार चिंता जताता रहा है। कनाडा सरकार के द्वारा इसके बावजूद इन संगठनों पर किसी भी तरह का कोई कदम नहीं उठाया गया था। भारत तथा कनाडा सरकार के बीच इन मुद्दों को लेकर मतभेद बना रहता है।