Kartarpur Corridor Closure : पाकिस्तान में आई बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। बाढ़ का असर बड़े क्षेत्र में देखा जा रहा था जिसके बाद पाकिस्तान में स्थित ऐतिहासिक श्री करतारपुर साहिब को भी बंद करना पड़ा था। परिसर में बड़े स्तर पर पानी भर जाने के बाद यह निर्णय लिया गया था लेकिन अब साफ सफाई हो जाने तथा मरम्मत का कार्य पूरा हो जाने के बाद श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा को वापस से खोल दिया गया है। अब यह गुरुद्वारा श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध होगा लेकिन भारतीय श्रद्धालुओं के लिए अभी भी रोक जारी है। केंद्र सरकार के द्वारा इसे लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। भारत सरकार का कहना है कि श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर की सेवाओं को मौजूदा सुरक्षा हालातो को देखते हुए अगले आदेश तक रोका जा रहा है। बता दे की श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर 7 मई 2025 से लगातार बंद है। पाकिस्तान में स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में दर्शन करने को लेकर भारतीय श्रद्धालुओं पर लगाई गई रोक को लेकर अब केंद्र सरकार पर आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि एक तरफ भारत सरकार के द्वारा भारत और पाकिस्तान को क्रिकेट खेलने की अनुमति दी जा रही है जबकि श्रद्धालुओं को पवित्र स्थलों पर जाने से रोका जा रहा है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बीच श्रद्धालुओं को पाकिस्तान भेजना उचित नहीं है। तनाव के कारण सुरक्षा खतरा अभी भी लगातार जारी है।
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बंद है कॉरिडोर
पाकिस्तान में स्थित श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ जाने के कारण 7 मई 2025 को बंद कर दिया गया था। कश्मीर में हुए पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया था। 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के द्वारा पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना के द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में स्थित बड़े स्तर पर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था। जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक युद्ध की स्थिति बनी रही थी। हालांकि कई दिन बाद भारत और पाकिस्तान दोनों संघर्ष विराम पर से सहमत हुए थे। ऑपरेशन सिंदूर प्रारंभ होने के साथ ही करतारपुर कॉरिडोर को भी बंद कर दिया गया था। भारत ने श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक लगा दी थी।
2019 में हुआ था उद्घाटन
श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का उद्घाटन 9 नवंबर 2019 को किया गया था। करतारपुर कॉरिडोर में गुरदासपुर जिले से एंट्री पॉइंट रखा गया है। इसे श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था के तौर पर जाना जाता है। इसमें भारतीय नागरिकों के द्वारा बड़े स्तर पर भाग लिया जाता है। करतारपुर कॉरिडोर जाने हेतु पासपोर्ट की आवश्यकता है लेकिन वीजा इसमें जरूरी नहीं किया गया है। श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के माध्यम से श्रद्धालुओं के द्वारा पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक पहुंचा जा सकता है। भारत और पाकिस्तान में लंबे समय से तनाव बना रहता है लेकिन कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद यह तनाव और ज्यादा बढ़ गया था। श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोल देने के बाद अब 22 सितंबर को भोग डाला जाएगा। अखंड पाठ की शुरुआत 20 सितंबर को हो चुकी है। गुरुद्वारे के हेड ग्रंथी गोविंद सिंह के द्वारा यह बताया गया कि श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में इस समय गुरु नानक देव का ज्योति दिवस मनाया जा रहा है।

श्रद्धालुओं में दिख रही निराश
श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोल देने के बाद बड़े स्तर पर सिख श्रद्धालुओं के द्वारा परिसर में दर्शन किए जा रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा रोक होने के कारण भारतीय श्रद्धालु अभी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे भारतीय श्रद्धालुओं में निराशा देखी जा रही है। श्रद्धालुओं तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों की इसको लेकर अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर इसे खोल दिया जाना चाहिए। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भी इससे संबंधित अपील की है। आम आदमी पार्टी की तरफ से भी केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कॉरिडोर को खोलने तथा मरम्मत करने की मांग की गई है।
केंद्र सरकार पर लग रहे दोहरी नीति के आरोप
पाकिस्तान में स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में दर्शन करने को लेकर भारतीय श्रद्धालुओं पर लगाई गई रोक को लेकर अब केंद्र सरकार पर आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि एक तरफ भारत सरकार के द्वारा भारत और पाकिस्तान को क्रिकेट खेलने की अनुमति दी जा रही है जबकि श्रद्धालुओं को पवित्र स्थलों पर जाने से रोका जा रहा है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के बीच श्रद्धालुओं को पाकिस्तान भेजना उचित नहीं है। तनाव के कारण सुरक्षा खतरा अभी भी लगातार जारी है।