Palestine Recognition : लंबे समय से हमास और इजरायल के बीच संघर्ष चल रहा है। इस बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। फिलीस्तीन को तीन देशों के द्वारा एक साथ राष्ट्र की मान्यता दे दी गई है जिसमें ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करने के बाद अब जल्द शांति स्थापित की जा सकेगी। आने वाले समय में इजराइल के साथ मिलकर फिलिस्तीन सरकार के द्वारा कार्य किया जाएगा। हमास की दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की कोई भूमिका नहीं होगी। फिलीस्तीन को आजाद देश की मान्यता देने में कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी कदम बढ़ाए हैं। दोनों ही देश के द्वारा भी स्वतंत्र देश की मान्यता की घोषणा कर दी गई है। फिलीस्तीन को अब तक विभिन्न देशों के द्वारा स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की जा चुकी है जिसमें भारत और चीन भी शामिल है। अब तक फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करने वाले देशों की संख्या 140 से भी अधिक हो चुकी है।
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इजराइल बोला देंगे जवाब
विभिन्न देशों के द्वारा फिलीस्तीन को आजाद देश की मान्यता प्रदान करने की घोषणा करने के बाद इस पर इजरायल ने आपत्ति जताई। इजरायल के प्रधानमंत्री का कहना है कि कनाडा, आस्ट्रेलिया तथा ब्रिटेन के द्वारा उठाए जा रहा यह कदम आतंकवाद को इनाम देना जैसा है। उन्होंने बताया कि फिलिस्तीन देश जॉर्डन नदी के पश्चिम में कभी नहीं बनेगा। इसी के साथ उन्होंने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करने वाले देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका से लौटने के बाद इस कदम का जवाब दिया जाएगा।
इजराइल और अमेरिका में लगातार बढ़ रही दूरी
एक समय था जब इजराइल और अमेरिका को एक दूसरे का काफी खास माना जाता था। लगातार दोनों देशों के द्वारा एक दूसरे का सहयोग किया जाता था लेकिन अब स्थिति बदल रही है। इजराइल और अमेरिका के बीच लगातार दूरी बढ़ती जा रही है। हमास और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान कई बार यह देखने को मिला है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा इजराइल को फटकार लगाई गई है जबकि कुछ समय पहले ईरान और इजरायल के बीच चले संघर्ष के दौरान अमेरिका के द्वारा खुले आम इसराइल को समर्थन किया गया था। ईरान इजरायल संघर्ष के दौरान अमेरिका के द्वारा सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया था। हमास के साथ चल रहे संघर्ष में इजरायल के द्वारा अमेरिका की सलाह का पालन नहीं किया जा रहा है। इसी वजह से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर नाराज बताएं जा रहे हैं और कभी एक दूसरे के खास रहे अमेरिका और इजरायल के बीच दूरी पैदा हो रही है।
इजरायल की सेना के द्वारा कतर की राजधानी दोहा में बड़े हमले किए गए। इजरायल की सेना के द्वारा किए गए हमले में हमास लीडर के बाल बाल बचने की खबर सामने आ रही है जबकि इस हमले में 5 से अधिक लोग मौत का शिकार हुए हैं। हमला हो जाने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री के द्वारा इस हमले की जिम्मेदारी ली गई। इजरायल की सेना के द्वारा यह जानकारी दी गई कि हमास के बड़े नेताओं को निशाना बनाते हुए यह हमले किए गए थे। हमास के नेताओ को निशाना बनाते हुए कतर की राजधानी दोहा में हमला किया गया था लेकिन वह इसमें बच निकला जबकि दूसरे कई नागरिक मौत का शिकार हुए। इजरायल के प्रधानमंत्री के द्वारा इस हमले की पूरी जिम्मेदारी लेने की बात कही गई है। इसराइल के द्वारा कतर की राजधानी दोहा पर यह हमला ऐसे समय पर किया गया है जब अमेरिका के द्वारा हमास के नेताओं के साथ युद्ध विराम को लेकर चर्चा की जा रही है।

संगठन की गतिविधियों में शामिल नेताओं पर हमला इजरायल
कतर की राजधानी दोहा पर हमला कर देने के बाद इजरायल की सुरक्षा एजेंसी की तरफ से इसे लेकर बयान दिया गया। उन्होंने कहा कि हमास संगठन की गतिविधियों में लंबे समय से शामिल नेताओं को निशाना बनाने की सेना के द्वारा कोशिश की गई थी। इसराइल के अधिकारी के द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक कतर की राजधानी दोहा में यह हमला किया गया। इसराइल के द्वारा यह हमला करने के संकेत पहले ही दे दिए गए थे।
1967 में इजरायल ने किया था कब्जा
फिलिस्तीन लंबे समय से अपने आप को स्वतंत्र देश के रूप में दुनिया के सामने पेश करता रहा है। अब तक दुनिया के 140 से अधिक देश फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश का दर्जा दे चुके हैं लेकिन फ्रांस के द्वारा ऐलान कर देने के बाद अब एक बड़े पश्चिमी देश के द्वारा यह मान्यता प्राप्त हो जाएगी। फिलीस्तीन को अब तक स्वतंत्र देश की मान्यता देने वाले देशों में कई यूरोपीय देश भी शामिल है। आपको बता दे की फिलिस्तीन पर 1967 के मिडिल ईस्ट युद्ध के दौरान इजरायल के द्वारा कब्जा किया गया था। फिलिस्तीन में गाजा पट्टी पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक का क्षेत्र शामिल है। गाजा में लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। दोनों के बीच चल रहे इस युद्ध के कारण गाजा में हालत काफी खराब हो चुके हैं और आने वाले समय में यदि यह संघर्ष नहीं रुक तो भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है।