Finland President India : इंग्लैंड के राष्ट्रपति के द्वारा भारत को लेकर बड़ा बयान दिया गया है। फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर ने भारत को उभरती हुई महाशक्ति करार दिया है। रूस तथा चीन से भारत की तुलना करने को उन्होंने गलत बताया है। अलेकजेंडर ने पश्चिमी देशों को दिल्ली के साथ मजबूत संबंध बनाने की सलाह दी है। फिनलैंड के राष्ट्रपति के द्वारा यह बयान फोरम 2025 की बैठक में दिया। उन्होंने लंबे समय से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने में भारत की भूमिका को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा की गई। भारत के इस युद्ध में काफी हित है इसलिए उन्हें शांति प्रयासों में शामिल करना अच्छा रह सकता है। अमेरिका तथा यूरोपीय संघ के करीब होने के कारण भारत को एक ही श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।
एशिया कप में हो सकता है भारत-पाकिस्तान फाइनल मुकाबला!
वैश्विक संघर्षों को समझने में भारत निभा सकता है महत्वपूर्ण भूमिका : जॉर्जिया
संयुक्त राष्ट्र महासभा में गूंजा ओम शांति ओम नमो बुद्धाय:
जाफर एक्सप्रेस को बलूचिस्तान में हमलावरों ने बनाया निशाना
रूस पर जारी रखें आर्थिक प्रतिबंध
फोरम 2025 में बोलते हुए फिनलैंड के राष्ट्रपति ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए रूस पर दबाव बनाना जरूरी है। इसके लिए रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगातार जारी रखने होंगे। साथ ही यूक्रेन को मजबूत करने के लिए यूक्रेन की सहायता करनी होगी। शांति प्रक्रिया की शुरुआत से पहले संघर्ष विराम होना काफी आवश्यक है। संघर्ष विराम हो जाने के बाद ही यूक्रेन के राष्ट्रपति तथा रूस के राष्ट्रपति की मुलाकात के लिए तारीखों का निर्धारण होना चाहिए। फिनलैंड के राष्ट्रपति को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी लोगों में शामिल किया जाता है। उनकी दोस्ती काफी अच्छी है। छोटे देशो में फिनलैंड के राष्ट्रपति के अतिरिक्त किसी भी नेता की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक पहुंचे नहीं है। किसी भी छोटे देश को इससे पहले इतनी ज्यादा तवज्जो नहीं मिली थी। फिनलैंड के राष्ट्रपति के द्वारा भारत को लेकर दिए गए बयान में उन्होंने कहा कि भारत के साथ सहयोग सम्मान दिखाना काफी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो अमेरिका इस खेल में हार जाएगा। चीन में आयोजित हुए शंघाई सहयोग संगठन की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को यह याद रखना चाहिए और सब कुछ दांव पर नहीं लगाना चाहिए।
ट्रंप ने फिर लगाया भारत पर रूस से व्यापार को लेकर आरोप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए एक बार फिर रूस के साथ व्यापार करने को लेकर भारत पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के द्वारा रूस के साथ तेल व्यापार किया जा रहा है जिससे रूस को आर्थिक मदद प्राप्त हो रही है। उन्होंने नाटो देशों से रूस से तेल और गैस से खरीद को पूरी तरह से बंद करने की अपील की। ट्रंप का मानना है कि नाटो देशों के द्वारा तेल गैस की खरीद करने से युद्ध को फंडिंग प्राप्त हो रही है। किसी के द्वारा भी यह नहीं सुना गया है कि आप दुश्मन से तेल और गैस खरीद कर उसकी मदद प्रदान करें। नाटो देशों के द्वारा भी अभी तक रूस की ऊर्जा पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई गई है। ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर सवाल खड़े करते हुए कहा की मॉस्को अब सिर्फ कागजी शेर बन गया है। एक खराब नेतृत्व के कारण कोई देश कैसे कमजोर हो सकता है। यह इस लड़ाई से स्पष्ट हो रहा है। इसी के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि रूस समझौते के लिए तैयार नहीं होता है तो अमेरिका के द्वारा आने वाले समय में और भी ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के द्वारा परमाणु हथियार संधि को लेकर बड़ा बयान दिया गया है। उन्होंने अमेरिका से परमाणु हथियार संधि के कार्यकाल को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया है। अमेरिका और रूस के बीच परमाणु हथियार संधि अगले साल फरवरी में खत्म हो जाएगी। इसे लेकर ही रूस के राष्ट्रपति के द्वारा यह बात कही गई है। रूस और अमेरिका के परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने वाली संधि न्यू स्टार्ट का कार्यकाल 5 फरवरी 2026 को खत्म होने जा रहा है। जिसे 1 साल बढ़ाने की पेशकश पुतिन के द्वारा की गई है।
कश्मीर के पहलगांव में आतंकी हमला हो जाने के बाद भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान में युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। बाद में दोनों देश से संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम को लेकर बार-बार चर्चा उठती रहती है। एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह बयान देते आए हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराया था जबकि भारत उनकी बात को स्वीकार नहीं कर रहा है। एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत पाकिस्तान संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने दोनों देशों के बीच युद्ध रोकने का काम किया जबकि यह कार्य संयुक्त राष्ट्र को करना चाहिए था।