Kashmir issue debate पर पाकिस्तान और तुर्किये ने संयुक्त राष्ट्र में भारत पर आरोप लगाए जबकि भारत ने कश्मीर को अपना अभिन्न अंग बताया।

पाक ने फिर उठाया कश्मीर मुद्दा

Kashmir issue debate : भारत और पाकिस्तान में लंबे समय से तनाव बना हुआ है। दोनों ही देश के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर पैदा हुए तनाव के कारण दोनों देशों के रिश्ते लगभग खत्म हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के द्वारा एक बार फिर पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को उठाया गया। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के द्वारा कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी की गई हो। लंबे समय से पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को खत्म करने की मांग करता आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा है कि वह कश्मीर के लोगों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे।

‘कश्मीर में एक दिन होगा निष्पक्ष जनमत संग्रह’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र तथा दूसरे देशों की भूमिका के आधार पर एक दिन कश्मीर मुद्दा हल हो जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के कानून के तहत एक निष्पक्ष जनमत संग्रह के बाद कश्मीर के लोगों को आजादी मिलेगी और कश्मीर के लोगों को खुद अपने फैसले लेने का अधिकार प्राप्त होगा। हम इसमें पूरी तरह से कश्मीर के लोगों का साथ देंगे। पाकिस्तान के द्वारा बार-बार कश्मीर मुद्दे को लेकर अमेरिका तथा दूसरे देशों से मध्यस्थता की अपील की जा रही है जबकि भारत स्पष्ट कर चुका है कि कश्मीर उसका अभिन्न अंग है और इसमें किसी भी तीसरे देश की टिप्पणी स्वीकार नहीं है।

भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान की हुई जीत : शरीफ

संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्किये ने उठाया कश्मीर मुद्दा

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पाकिस्तान लगा रहा भारत पर झूठे आरोप

लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में तुर्किये के द्वारा पाकिस्तान को खुले तौर पर समर्थन किया जाता है। तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी इसकी झलक दिखाई दी। तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भाग लिया गया। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे को खत्म करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि अप्रैल में भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहने के बाद संघर्ष विराम हुआ। कश्मीर में हमारे बहन और भाइयों की सुरक्षा के लिए इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मदद से हल करना आवश्यक है।

2019 से लगातार कर रहा तुर्किये वकालत

कश्मीर मुद्दे को लेकर यह पहली बार नहीं है जब तुर्किये के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसका जिक्र किया गया हो। 2019 के बाद से लगातार उसके द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का जिक्र किया गया है। सिर्फ 2024 में उसके द्वारा यह जिक्र नहीं किया गया था। ऐसा करते हुए पाकिस्तान के प्रति अपना समर्थन दिखाना चाहता है जबकि भारत के द्वारा यह बार-बार स्पष्ट कर दिया गया है कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और वह इस मामले में किसी भी दूसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव संघर्ष में बदल जाने के बाद तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा खुलेआम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बातचीत करते हुए पाकिस्तान को समर्थन दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए वह हर संभव कोशिश करेंगे।

Kashmir issue debate पर पाकिस्तान और तुर्किये ने संयुक्त राष्ट्र में भारत पर आरोप लगाए जबकि भारत ने कश्मीर को अपना अभिन्न अंग बताया।
Kashmir issue debate पर पाकिस्तान और तुर्किये ने संयुक्त राष्ट्र में भारत पर आरोप लगाए जबकि भारत ने कश्मीर को अपना अभिन्न अंग बताया।

पाकिस्तान के द्वारा भारत पर लगाए जा रहे विभिन्न आरोपों को लेकर भारत के द्वारा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाया गया। भारत की तरफ से भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के द्वारा खुद अपनी जनता पर हवाई हमले किए जा रहे हैं जबकि वह लगातार भारत पर झूठे आरोप लगा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की जमीन पर कब्जा छोड़ो तथा मानवाधिकार और राजनीति तथा अर्थव्यवस्था में सुधार पर ध्यान देना चाहिए। अपने ही लोगों पर बम बारिश करने में व्यस्त नहीं रहना चाहिए तथा आतंकवाद को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत की तरफ से यह बयान ऐसे समय पर दिया गया है जब पाकिस्तान के द्वारा अपनी ही देश में की गई एयर स्ट्राइक में पाकिस्तानी नागरिकों की बड़े स्तर पर मौत हुई थी। पाकिस्तान की सेना के द्वारा की गई इस एयर स्ट्राइक में 30 से अधिक पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे।

दूसरे देश को कश्मीर पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं : भारत

संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्किये के राष्ट्रपति के द्वारा कश्मीर मुद्दे को लेकर की गई। चर्चा पर भारत के द्वारा आपत्ति जताई गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और किसी भी दूसरे देश को इस मुद्दे पर चर्चा करने का कोई अधिकार नहीं है। किसी दूसरे देश के आंतरिक मामलों पर चर्चा करने से अच्छा होता सीमा के पार लगातार बढ़ रहे आतंकवाद को रोकने पर चर्चा की जाती। जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद बना हुआ है।

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