Afghanistan Foreign Minister : अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान की पाकिस्तान यात्रा प्रस्तावित थी लेकिन बताया जा रहा है कि अमेरिका के द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद यह यात्रा रद्द कर दी गई है। अमेरिका ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की इस यात्रा को संयुक्त राष्ट्र परिषद के प्रतिबंधों के कारण रद्द करने का फैसला लिया है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लगातार नजदीकी बढ़ रही है । अमेरिका लगातार बढ़ रही नजदीकियों के कारण परेशान है। वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान को करीब नहीं देखना चाहता। इसी कारण अमेरिका के द्वारा संयुक्त राष्ट्र की विशेष अनुमति को रोक दिया गया। इसके बिना अफगानिस्तान के विदेश मंत्री किसी भी देश की विदेश यात्रा नहीं कर पाएंगे।
लंबे समय से यह देखा जाता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमेटी में चीन और रूस के द्वारा तालिबान पर लगे प्रतिबंधों में छूट देने का समर्थन किया जाता है जबकि अमेरिका के द्वारा इसका विरोध किया जाता है। जिसके कारण इसके सदस्य देशों में तनाव पैदा हो जाता है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा को रोक कर अमेरिका ने इसे एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा को इसी से ही जोड़कर देखा जा रहा था। उनकी यात्रा का उद्देश्य इस्लामाबाद और काबुल के बीच संबंधों को और बेहतर करना था। इससे पहले पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसक डार अफगानिस्तान यात्रा पर गए थे।
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तालिबान के कारण लगा प्रतिबंध
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध तालिबान से जुड़े होने के कारण लगाए गए हैं। उन पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण वह किसी भी दूसरे देश की यात्रा तभी कर पाएंगे जब इनको संयुक्त राष्ट्र के द्वारा मंजूरी प्रदान की गई हो। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनुमति के बिना उनकी विदेश यात्रा संभव नहीं है। अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा रद्द होने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की यह यात्रा अन्य समस्याओं के कारण रद्द की गई है। पाकिस्तान अभी भी अमेरिका के हस्तक्षेप को नहीं मान रहा है।
यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के संबंध बेहतर बनाना
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के द्वारा कुछ समय बाद ही पाकिस्तान का दौरा किया जाना था लेकिन अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद इसे रद्द कर दिया गया है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लगातार संबंध मजबूत होते हुए दिखाई दे रहे हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा को इसी से ही जोड़कर देखा जा रहा था। उनकी यात्रा का उद्देश्य इस्लामाबाद और काबुल के बीच संबंधों को और बेहतर करना था। इससे पहले पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसक डार अफगानिस्तान यात्रा पर गए थे।
2001 से लगा है प्रतिबंध
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा 2001 में प्रतिबंध लगाया गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उनकी किसी भी विदेश यात्रा से पहले अनुमति आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रबंध समिति का निर्माण 1988 में किया गया था। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य हैं जिनमें अमेरिका चीन फ्रांस रूस और यूनाइटेड किंगडम शामिल है जबकि 10 देश इस संगठन के अस्थाई सदस्य हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा तालिबान से जुड़े लोगों पर विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं जिनमें यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति जब्ती और हथियारों पर रोक जैसे कदम शामिल हैं। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा को लेकर अमेरिका के द्वारा पहले मंजूरी देने में आनाकानी की गई और अंत में उन्होंने इसे पूरी तरह रोक दिया। जिसके परिणाम स्वरुप अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा रद्द करनी पड़ी।

अमेरिका लगातार जता रहा चिंता
पिछले कुछ समय से लगातार अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंधों में मजबूती देखने को मिल रही है। दोनों देश एक दूसरे के करीब आते जा रहे हैं। इसे लेकर अमेरिका बेचैन है। लंबे समय से यह देखा जाता है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमेटी में चीन और रूस के द्वारा तालिबान पर लगे प्रतिबंधों में छूट देने का समर्थन किया जाता है जबकि अमेरिका के द्वारा इसका विरोध किया जाता है। जिसके कारण इसके सदस्य देशों में तनाव पैदा हो जाता है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा को रोक कर अमेरिका ने इसे एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री 1994 में तालिबान आंदोलन में शामिल हुए थे जिसके बाद उन्हें 2000 में अफगानिस्तान का शिक्षा मंत्री बना दिया गया। उन्होंने यह पद अमेरिका के आक्रमण होने तक 2001 तक संभाला। 2001 में संयुक्त राष्ट्र के तालिबान प्रतिबंध के तहत 25 जनवरी को उन पर यात्रा प्रतिबंध संपत्ति जपती और हथियारों पर रोक लगा दी गई। पिछले कुछ समय से लगातार अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार हो रहा था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री के द्वारा अफगानिस्तान की यात्रा करने के बाद अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भी पाकिस्तान दौरे पर आने वाले थे। यदि यह संभव होता तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विभिन्न समझौते होने की भी संभावना थी लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान की उम्मीदों को धक्का लगा है।