Apache Helicopter Deal : भारत की अमेरिका के साथ अपाचे हेलीकॉप्टर को लेकर डील हुई थी। इस डील के मुताबिक भारतीय सेना को तीन अपाचे हेलीकॉप्टर मिल गए हैं। अमेरिका से मिले तीन अपाचे हेलीकॉप्टर गाजियाबाद जिले के हिंडन एयरबेस पर पहुंचे। अमेरिका से एक ट्रांसपोर्ट विमान के द्वारा इन्हें भारत लाया गया। सेना से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका से कुल 6 अपाचे हेलीकॉप्टर भारत को मिलने वाले हैं। जिनमें से तीन हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं। भारत में बड़े क्षेत्रफल में रेगिस्तान मौजूद होने के कारण इनके रंग को रेगिस्तान के रंग के समान रंगा गया है। जिससे इन्हें रेगिस्तानी इलाकों में छिपने में आसानी रह सके।
बताया जा रहा है कि अपाचे हेलीकॉप्टर के मिलने के बाद भारतीय सेना की क्षमता और बढ़ जाएगी। भारत और अमेरिका के बीच अपाचे हेलीकॉप्टर को लेकर समझौता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हुआ था। भारत और अमेरिका के बीच कुल 6 अपाचे हेलीकॉप्टर को लेकर बातचीत हुई थी। 4168 करोड रुपए के इस समझौते के तहत अमेरिका भारत को 6 अपाचे हेलीकॉप्टर देगा। जिनमें से तीन भारत को मिल चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा 2020 में की गई यात्रा के दौरान यह समझौता किया गया था। समझौते के तहत अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली डिलीवरी जून 2024 में होने वाली थी। लेकिन लगातार हुए विभिन्न घटनाक्रमों के कारण इसकी डिलीवरी में देरी रही।
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जोधपुर में की जाएगी तैनाती
अमेरिका से मिले अपाचे हेलीकॉप्टर की तैनाती पाकिस्तान से सटी हुई सीमा पर की जाएगी। अपाचे हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान से लगती हुई सीमा के तहत जोधपुर में तैनात करने की संभावना बताई जा रही है। दुनिया के सबसे एडवांस लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी पहली बार भारतीय थल सेना को की गई है। भारतीय वायु सेवा के पास अपाचे हेलीकॉप्टर पहले से ही मौजूद हैं। भारतीय वायु सेवा के पास वर्तमान में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हैं। इससे पहले अपाचे हेलीकॉप्टर की दो स्क्वाड्रन चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात की जा रही है। अमेरिका के द्वारा भारत को 2020 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर डिलीवर किए गए थे। भारतीय थल सेना को डिलीवरी करने के लिए पहुंच गए अपाचे हेलीकॉप्टर को अमेरिका से एंटोनी ट्रांसपोर्ट विमान के द्वारा लाया गया।
सेना की ऑपरेशनल क्षमता होगी मजबूत
अमेरिका से अपाचे हेलीकॉप्टर मिल जाने के बाद भारतीय सेना के द्वारा इसे लेकर जानकारी दी गई। अपाचे हेलीकॉप्टर को हवाई टैंक के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय सेना के द्वारा अपाचे हेलीकॉप्टर की तस्वीर शेयर करते हुए कहा गया कि भारतीय सेना के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर का पहला बैच आज भारत पहुंच चुका है। यह सेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण समय है। इससे लगातार सेना को मजबूती मिलेगी और भारतीय सेना की ऑपरेशनल क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी।

बोइंग कंपनी ने किया निर्माण
अपाचे हेलीकॉप्टर का निर्माण बोईंग कंपनी के द्वारा किया गया है। भारत पहुंचने के बाद इनको विभिन्न टेस्ट प्रक्रिया से गुजरना होगा। लगभग 18 फीट चौड़े और 16 फीट ऊंचे अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट की आवश्यक होती है।अपनी खास डिजाइन के कारण अपाचे हेलीकॉप्टर को रडार के द्वारा पकड़ना काफी मुश्किल होता है। बड़े विंग को चलाने के लिए इस हेलीकॉप्टर में दो इंजन होते हैं। जिससे इसकी स्पीड लगभग 300 किलोमीटर प्रति घंटा के आसपास रहती है। अपाचे हेलीकॉप्टर की उड़ान क्षमता लगभग 550 किलोमीटर है। 1 समय में यह लगभग 3 घंटे तक उड़ान भर सकता है। हेलीकॉप्टर में लगी विशेष राइफल के द्वारा एक बार में 1200 से भी अधिक गोलियां दागी जा सकती हैं। इस हेलीकॉप्टर का उपयोग दुश्मनों पर हमला करने के साथ-साथ शांति अभियान तथा अन्य उपयोग के लिए भी किया जाता है। हर प्रकार के मौसम में सटीक जानकारी देने वाला अत्यधिक टेक्नोलॉजी से लैस अपाचे हेलीकॉप्टर में सेंसर और हथियार प्रणाली मौजूद हैं।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में हुआ था समझौता
भारत और अमेरिका के बीच अपाचे हेलीकॉप्टर को लेकर समझौता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हुआ था। भारत और अमेरिका के बीच कुल 6 अपाचे हेलीकॉप्टर को लेकर बातचीत हुई थी। 4168 करोड रुपए के इस समझौते के तहत अमेरिका भारत को 6 अपाचे हेलीकॉप्टर देगा। जिनमें से तीन भारत को मिल चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा 2020 में की गई यात्रा के दौरान यह समझौता किया गया था। समझौते के तहत अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली डिलीवरी जून 2024 में होने वाली थी। लेकिन लगातार हुए विभिन्न घटनाक्रमों के कारण इसकी डिलीवरी में देरी रही।
इससे पहले भारतीय वायु सेना के पास अपाचे स्कवाड्रन मौजूद है। भारतीय वायुसेना पंजाब के पठानकोट और असम के जोरहाट में दो अपाचे स्क्वाड्रन है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अपने इस कार्यकाल में भारत के साथ सख्त नजर आ रहे हैं।। जबकि पिछले कार्यकाल में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छी बॉन्डिंग नजर आई थी। दोनों देशों के बीच उस समय काफी अच्छे संबंध रहे थे। लेकिन वर्तमान में बदलती परिस्थितियों में लगातार अमेरिका भारत के साथ दूरी बनाता हुआ नजर आ रहा है।