Bangladesh Interim Govt : बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिर जाने के बाद लगातार अंतरिम सरकार कार्य कर रही है। अंतरिम सरकार लगातार भारत पर आरोप लगा रही है कि भारत की सरजमी से बांग्लादेश के खिलाफ साजिश रची जा रही है लेकिन भारत के द्वारा इसका करारा जवाब दिया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अंतरिम सरकार के द्वारा जताई जा रही चिंताओं को पूरी तरह से खारिज कर दिया। बांग्लादेश के द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा भारत से बांग्लादेश के खिलाफ राजनीतिक एक्टिविटी की जा रही है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहता है भारत
भारतीय विदेश मंत्रालय के द्वारा बांग्लादेश को दिए गए जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार को आवामी लीग की तरफ से भारत में किसी भी तरह की बांग्लादेश विरोधी गतिविधि की जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। भारत कभी भी अपनी जमीन से किसी भी देश के खिलाफ साजिश रचने की इजाजत प्रदान नहीं करता है। अंतरिम सरकार के द्वारा दिए जा रहे बयान गलत हैं। भारत की यह कोशिश है कि बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने के बाद ही जनता की इच्छा का पता चल पाएगा।
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भारत में संचालित ऑफिस बंद करने की मांग
बांग्लादेश में कार्य कर रही अंतरिम सरकार के द्वारा लगातार शेख हसीना और उसकी पार्टी पर दबाव बनाया जा रहा है। बांग्लादेश कि अंतरिम सरकार के द्वारा अवामी लीग पार्टी के भारत में संचालित हो रहे ऑफिस को बंद करने की मांग की गई। बताया जा रहा है कि दिल्ली और कोलकाता में अवामी लीग के ऑफिस चल रहे हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि भारत में चल रहे इन ऑफिस से अवामी लीग के नेता और कार्यकर्ताओं के द्वारा बांग्लादेश के खिलाफ गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। बांग्लादेश के सेना प्रमुख के द्वारा भी हाल ही में यह बयान दिया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष कराने में सेना के द्वारा सरकार की मदद की जाएगी।
बांग्लादेश सरकार के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है। अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पुराने आधिकारिक घर को म्यूजियम में परिवर्तित करने का फैसला लिया है। बांग्लादेश सरकार के द्वारा न सिर्फ शेख हसीना के घर को म्यूजियम में बदलने का फैसला लिया है बल्कि इसका नाम भी परिवर्तित किया जाएगा। बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री के निवास को अब तक गणभवन के नाम से जाना जाता था लेकिन अब इसे बदलकर जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय के नाम से जाना जाएगा। बांग्लादेश में 1 वर्ष पहले छात्रों के द्वारा शुरू किए गए आंदोलन के कारण शेख हसीना को अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
5 अगस्त 2024 को उग्र भीड़ के द्वारा प्रधानमंत्री का तख्तापलट कर दिया गया था। जुलाई में शुरू हुई इस क्रांति को आधार बनाते हुए ही पूर्व प्रधानमंत्री के घर का नाम जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय रखा जाएगा। बांग्लादेश सरकार के द्वारा यह म्यूजियम पिछले वर्ष हुए प्रदर्शन में मारे गए प्रदर्शनकारियों की याद में बनाया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री के कुशासन की निशानी बताते हुए इस घर को अब म्यूजियम में बदला जा रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया जा रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री के घर को म्यूजियम में परिवर्तित करने का निर्णय लेने के साथ-साथ इस में कार्य मैनेजमेंट करने के लिए 200 पदों का भी प्रस्ताव दिया गया है।

15 साल घर में रही शेख हसीना
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने घर को छोड़कर तख्तापलट हो जाने के बाद भारत की शरण में चली गई थी। गण भवन में सबसे पहले शेख हसीना के द्वारा 2010 में निवास किया गया था। 2010 से 2024 तक लगातार बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री इसी घर में रही थी। ऐसे में यह स्पष्ट है कि लगभग 15 साल बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री जिस घर में रही उसे अब बांग्लादेश सरकार के द्वारा म्यूजियम में परिवर्तित किया जाएगा। बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन के बाद हिंषक हुई भीड़ के द्वारा प्रधानमंत्री आवास तक को लूट लिया गया था। प्रदर्शनकारियों के द्वारा प्रधानमंत्री आवास के विभिन्न सामान को लूट लिया गया था। प्रदर्शनकारी घर के अंदर तथा ऊपर चढ़ते हुए प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए थे।
आन्दोलनकारियो की याद में बनेगा म्यूजियम
बांग्लादेश सरकार के द्वारा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के निवास को म्यूजियम में बदलने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश सरकार के द्वारा यह म्यूजियम पिछले वर्ष हुए प्रदर्शन में मारे गए प्रदर्शनकारियों की याद में बनाया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री के कुशासन की निशानी बताते हुए इस घर को अब म्यूजियम में बदला जा रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया जा रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री के घर को म्यूजियम में परिवर्तित करने का निर्णय लेने के साथ-साथ इस में कार्य मैनेजमेंट करने के लिए 200 पदों का भी प्रस्ताव दिया गया है।