BRICS Summit 2025 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री को स्टेट डिनर का न्योता मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।

स्टेट डिनर में मोदी को आमंत्रित करने से नाराज जिनपिंग नहीं होंगे ब्रिक्स समिट में शामिल

BRICS Summit 2025: ब्राजील के रियो डी जनेरियो में होने वाले BRICS  के सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे। बताया जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी  जिनपिंग भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर पर न्योता प्राप्त होने से नाराज बताए जा रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री को बुलाए जाने के कारण उन्होंने जुलाई में होने वाले इस समिट में नहीं जाने का फैसला लिया है। हालांकि उन्होंने अपने व्यस्त शेड्यूल का हवाला देते हुए सम्मेलन में भाग नहीं लेने की जानकारी दी है।

6 से 7 जुलाई तक चलेगा ब्रिक्स समिट

ब्रिक्स सम्मेलन का 17 वा समिट  6 से 7 जुलाई तक ब्राजील में आयोजित किया जाएगा। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर में आयोजित होने वाले इस समिट में ब्राजील के प्रधानमंत्री के द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर के लिए आमंत्रित किया गया था। बताया जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति के द्वारा मोदी के साथ कम तव्वज्जो  मिलने को लेकर समिट में नहीं जाने का फैसला लिया गया है।

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पहली बार शामिल नहीं होंगे चीन के राष्ट्रपति

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में यह पहली बार होगा जब वह BRICS सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। उनके कार्यकाल में अब तक हुए हर समिट में चीन के राष्ट्रपति के द्वारा हिस्सा लिया गया था लेकिन इस वर्ष होने वाले समिट में उनके हिस्सा नहीं लेने की खबर सामने आ रही है। 2013 से लगातार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के द्वारा BRICS सम्मेलन में भाग लिया जा रहा है कोरोना काल के दौरान वह 2 साल तक सम्मेलन से वर्चुअल रूप से जुड़े थे ।

राष्ट्रपति की जगह प्रधानमंत्री को भेज सकता है चीन

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर पर आमंत्रित किए जाने से नाराज बताए जा रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। लेकिन यह खबर सामने आ रही है कि चीन के राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में चीन अपने प्रधानमंत्री को सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भेज सकता है। भारत में 2023 में आयोजित G20 सम्मेलन में भी चीन के राष्ट्रपति ने हिस्सा नहीं लिया था उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री भारत आए थे।

चीन के राष्ट्रपति के द्वारा BRICS  सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने की खबर को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन सूत्रों से यह खबर सामने आ रही है कि वह हिस्सा लेने ब्राज़ील नहीं जाएंगे। ब्राजील के रियो डी जनेरियो में होने वाले BRICS  के सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे। बताया जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति शी  जिनपिंग भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर पर न्योता प्राप्त होने से नाराज बताए जा रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री को बुलाए जाने के कारण उन्होंने जुलाई में होने वाले इस समिट में नहीं जाने का फैसला लिया है। हालांकि उन्होंने अपने व्यस्त शेड्यूल का हवाला देते हुए सम्मेलन में भाग नहीं लेने की जानकारी दी है।

 

पांच प्रमुख देशों का समूह है ब्रिक्स

जुलाई में ब्रिक्स का सम्मेलन ब्राजील में आयोजित होने जा रहा है। ब्रिक्स एक पांच देशों का समूह है जिसमें दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, रूस, चीन और भारत शामिल हैं। इस संगठन का उद्देश्य इसके सदस्य देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सहयोग को मजबूत बनाते हुए बढ़ाना है। BRICS  की स्थापना 2009 में ब्राजील, रूस ,भारत और चीन के द्वारा की गई थी। 2010 में दक्षिण अफ्रीका भी इस संगठन का हिस्सा बन गया। इसके बाद कई अन्य देशों को भी इस संगठन से जोड़ा जा चुका है।

BRICS Summit 2025 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री को स्टेट डिनर का न्योता मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।
BRICS Summit 2025 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री को स्टेट डिनर का न्योता मिलने से नाराज बताए जा रहे हैं।
लंबे समय से भारत चीन संबंध में तनाव

भारत का अपने पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के साथ लंबे समय से तनाव चल रहा है। एक तरफ पाकिस्तान के साथ कश्मीर तथा आतंकवाद जैसे मुद्दों को लेकर भारत का टकराव बना रहता है तो वहीं चीन के साथ सीमा विवाद होने के कारण भारत के संबंध चीन से मजबूत नहीं रहे हैं। सीमा विवाद होने के कारण भारत और चीन की सेना में गलवान घाटी झड़प जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। दोनों ही देश लगातार एक दूसरे के खिलाफ कूटनीति कदम उठाते रहे हैं।

चीन लगातार भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का सहयोग करता नजर आ रहा है जबकि भारत चीन के द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों का विरोध करता है। कुछ समय पहले भारत और पाकिस्तान में पैदा हुए तनाव के समय भी चीन के द्वारा पाकिस्तान को समर्थन किया गया था। भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम में आतंकी हमला होने के बाद युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। ऐसे में दुनिया के विभिन्न देशों के द्वारा भारत और पाकिस्तान को लेकर अलग-अलग मत व्यक्त किए गए। चीन जैसे देश ने ऐसे समय में पाकिस्तान का साथ दिया था।

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