Donald Trump Nobel : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार की मांग जोर पकड़ने लगी है। पाकिस्तान और इजरायल के द्वारा पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार की मांग की जा चुकी है। अमेरिका के व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी के द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा विश्व में चल रहे 6 संघर्षों को खत्म किया गया है। ऐसे में उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं।
व्हाइट हाउस की तरफ से यह दावा किया गया कि उन्होंने 6 महीने के कार्यकाल में हर महीने एक शांति समझौता करने में अहम भूमिका निभाई। उनके द्वारा कराए गए शांति समझौता में भारत-पाकिस्तान, ईरान- इजरायल, थाईलैंड- कंबोडिया, रवांडा -कांगो, सर्बिया- कोसावो, मिश्र- इथोपिया शामिल हैं। एक तरफ अमेरिका के व्हाइट हाउस की तरफ से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल के शांति पुरस्कार की मांग की जा रही है। दूसरी तरफ अमेरिका और इसराइल जैसे अमेरिका के समर्थक भी लगातार डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए शांति के नोबेल पुरस्कार का हकदार उन्हें बता रहे हैं। दूसरी तरफ खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें कभी भी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि उनके द्वारा शांति के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के बावजूद यह पुरस्कार उन्हें नहीं दिया जाएगा।
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पाकिस्तान भी कर चुका नोबेल के लिए नॉमिनेट
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए पाकिस्तान भी मांग कर चुका है। पाकिस्तान के द्वारा डोनाल्ड ट्रंप को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट भी किया जा चुका है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को रोकने में अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा सबसे बड़ी भूमिका निभाई गई थी। उनके द्वारा संभावित परमाणु युद्ध को खत्म किया गया था। ऐसे में उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच पर मुलाकात करने के बाद यह बयान दिया गया था। अमेरिका और पाकिस्तान में वर्तमान में लगातार नजदीकी बढ़ती जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान पर मेहरबान दिख रहे हैं। दूसरी तरफ पाकिस्तान डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा करता हुआ दिखाई देता है। डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख को अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा महत्वपूर्ण कार्य भी सौंपा गया था। पाकिस्तान के द्वारा शांति के नोबेल पुरस्कार की डोनाल्ड ट्रंप के लिए मांग किए जाने के बाद अब अमेरिका के व्हाइट हाउस के द्वारा की गई। इस मांग से पाकिस्तान के दावे को मजबूती मिली है।

इजराइल भी कर चुका समर्थन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग पाकिस्तान के साथ-साथ इजरायल के द्वारा भी की जा चुकी है। इसराइल ने भी पाकिस्तान की भांति शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हकदार बढ़ाया है। इजराइल का कहना है कि ईरान और इजरायल के बीच पैदा हुए तनाव को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भूमिका निभाते हुए खत्म कराया था। ऐसे में उन्हें यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए। आपको बता दी कि ईरान और इजरायल के बीच पिछले महीने 12 दिनों तक संघर्ष चला था। दोनों ही देश एक दूसरे पर बड़ी मात्रा में हमला करने पर उतारू हो गए थे। दोनों देशों के बीच चले संघर्ष में अमेरिका के द्वारा भी सक्रिय भागीदारी निभाई गई थी। इसराइल के प्रधानमंत्री के द्वारा इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग की गई थी।
मुझे कभी नहीं मिलेगा नोबेल पुरस्कार -ट्रंप
एक तरफ अमेरिका के व्हाइट हाउस की तरफ से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल के शांति पुरस्कार की मांग की जा रही है। दूसरी तरफ अमेरिका और इसराइल जैसे अमेरिका के समर्थक भी लगातार डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को देखते हुए शांति के नोबेल पुरस्कार का हकदार उन्हें बता रहे हैं। दूसरी तरफ खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि उन्हें कभी भी शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि उनके द्वारा शांति के क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने के बावजूद यह पुरस्कार उन्हें नहीं दिया जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे संघर्षों को रोकने में अपनी भूमिका का दावा बार-बार करते हुए नजर आते हैं। भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगभग 30 बार बयान दिया जा चुका है। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव के समय उन्होंने दोनों ही देश पर व्यापार का दबाव बनाते हुए इस संघर्ष को खत्म करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी।
डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा दिए जा रहे इस बयान का समर्थन पाकिस्तान के द्वारा भी किया जा रहा है। दूसरी तरफ भारत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान से सहमत नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए बयान के बाद विपक्ष लगातार भारतीय सरकार से इसे लेकर जवाब की मांग करता रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पाकिस्तान की गुजारिश पर किया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे विवादों को किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता से हल नहीं किया जाएगा।