Dream11 Sponsorship Exit : आगामी 9 सितंबर से शुरू होने वाली एशिया कप से पहले बीसीसीआई के द्वारा नई स्पॉन्सर की तलाश की जा रही है। भारत सरकार के द्वारा फेंटेसी टीम गेम पर प्रतिबंध लगा देने के बाद dream11 तथा बीसीसीआई एक दूसरे से अलग हो गए थे। इसके बाद बीसीसीआई को अब नए स्पॉन्सर की तलाश है। इसके लिए बीसीसीआई के द्वारा आवेदन मांगे गए हैं। नए स्पॉन्सर के लिए बीसीसीआई के द्वारा मंगलवार को आधिकारिक रूप से सूचना भी जारी कर दी गई है लेकिन साथ ही बीसीसीआई की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किसी भी क्रिप्टोकरंसी तंबाकू सट्टेबाजी जुआ ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े हुए ब्रांड को इस बार स्पॉन्सर के लिए नहीं चुना जाएगा। किसी भी कंपनी को बीसीसीआई की स्पॉन्सर बनने के लिए 5 लाख रुपए की नॉन रिफंडेबल फीस जमा करनी होगी। नई स्पॉन्सर के लिए बीसीसीआई के द्वारा डॉक्यूमेंट खरीदने की अंतिम तारीख 12 सितंबर तय की गई है। 16 सितंबर तक बोली लगाई जाएगी। ऐसे में यह स्पष्ट है कि आगामी समय में होने वाले एशिया कप में टीम इंडिया बिना स्पॉन्सर के नजर आ सकती है।
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ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने वाला बिल पास हो जाने के साथ ही यह संभावना जताई जा रही थी कि अब आने वाले समय में टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप की जिम्मेदारी संभाल रही dream11 अलग हो सकती है। dream11 ने उम्मीद के अनुरूप ही फैसला लेते हुए अब टीम से अलग होने का निर्णय लिया है। एशिया कप 2025 से पहले dream11 के द्वारा यह फैसला लिया गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव के द्वारा यह जानकारी दी गई। इसी के साथ बीसीसीआई के द्वारा यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में अब टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप के लिए किसी भी ऑनलाइन गेमिंग कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया जाएगा।
Dream11 पर नहीं लगेगा जुर्माना
एशिया कप 2025 के आयोजन से ठीक पहले dream11 के द्वारा टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप को छोड़ दिया गया है। समय से पहले अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बावजूद dream11 पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। dream11 और बीसीसीआई के बीच कॉन्ट्रैक्ट में एक स्पेशल क्लोज होने के कारण ऐसा किया जा रहा है। इस स्पेशल क्लोज के कारण पहले ही यह तय कर लिया गया था कि यदि सरकार के द्वारा बनाए गए किसी भी कानून का असर स्पॉन्सर के व्यापार पर होता है तो वह स्पॉन्सरशिप से अलग हो सकता है। ऐसा होने से उस पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
सरकार के द्वारा हाल ही में रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसका असर सीधे तौर पर ड्रीम 11 पर दिखाई देने वाला था। इसी कारण dream11 ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप से अलग होने का निर्णय लिया है।
ड्रीम 11 के टीम इंडिया से अलग होने के बाद अब दूसरी कंपनियों के बीच टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप को लेकर दौड़ शुरू हो गई है।संभावना जताई जा रही है कि अब टाटा ग्रुप अदानी ग्रुप या रिलायंस ग्रुप के द्वारा टीम इंडिया से करार किया जा सकता है। इंडियन प्रीमियर लीग के ऑफिशियल स्पॉन्सरशिप के रूप में टाटा के पास पहले ही अधिकार मौजूद हैं। स्पॉन्सरशिप और प्रसारण के अधिकारों में रिलायंस का जिओ भारत भी शामिल है। दूसरी तरफ अदानी ग्रुप के भी इसमें शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
लंबे समय से भारतीय टीम की स्पॉन्सर के तौर पर dream11 का नाम दिखाई देता था लेकिन अब संभावना जताई जा रही है कि dream11 औDream11 Sponsorshipर भारतीय टीम का रिश्ता खत्म हो जाएगा। भारत सरकार के द्वारा ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पास कर देने के बाद dream11 ने स्पॉन्सर से हटने का फैसला लिया है। लगातार रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है लेकिन अभी तक बीसीसीआई और dream11 की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। बताया जा रहा है कि 9 सितंबर से शुरू होने वाले एशिया कप 2025 से पहले dream11 टीम इंडिया से अलग हो जाएगी। इसी कारण एशिया कप में भारतीय टीम की जर्सी पर dream11 का लोगो नजर आना मुश्किल है।

2026 तक का था कॉन्ट्रैक्ट
बीसीसीआई के द्वारा dream11 के साथ 2023 में कॉन्ट्रैक्ट किया गया था। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत 358 करोड रुपए में dream11 को 3 साल का स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था जो 2026 में खत्म होने वाला था। बीसीसीआई और dream11 के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक dream11 के द्वारा हर घरेलू मुकाबले में बीसीसीआई को 3 करोड़ जबकि विदेशों में खेले गए मुकाबले के लिए एक करोड रुपए मिलते थे। यदि dream11 से कॉन्ट्रेक्ट खत्म होता है तो जल्दी बीसीसीआई के द्वारा नई टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बीसीसीआई के सचिव के द्वारा यह जानकारी दी गई कि बीसीसीआई केंद्र सरकार की सभी नीतियों का पालन करता है। ऐसे में सरकार के द्वारा बिल पास कर देने के बाद नियमों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।