GPS Hacking Threat : जीपीएस हैकिंग का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष के विमान के द्वारा कुछ समय पहले छेड़छाड़ करने के बाद अब एक बार फिर जीपीएस हैकिंग मीडिया जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। संभावना बताई जाती है कि यूरोपीय यूनियन के अध्यक्ष के विमान से रूस के द्वारा छेड़छाड़ की गई थी। ऐसे में जीपीएस हैकिंग कितना खतरनाक हो सकता है इसे लेकर लगातार तर्क वितर्क किये जा रहे हैं। लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध में यूरोपीय यूनियन के द्वारा यूक्रेन को समर्थन किया जा रहा है। इससे नाराज होकर रूस के द्वारा यह कदम उठाए जाने की संभावना है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इस खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है। सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम के तहत जीपीएस कार्य करता है। किसी भी स्थान की सटीक जानकारी देने के लिए जीपीएस की सहायता ली जाती है। पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले सेटेलाइट के द्वारा रेडियो सिग्नल के माध्यम से यह कार्य किया जाता है। संसार के किसी भी हिस्से में किसी कार मोबाइल हवाई जहाज जैसे उपकरण को इन सिगनलों के द्वारा पकड़ लिया जाता है।
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जीपीएस हैकिंग को हथियार बना सकते देश
संघर्ष की स्थिति में किसी भी दूसरे देश के द्वारा जीपीएस की सहायता ली जाती है। लड़ाकू विमान मोबाइल कार या दूसरे वाहनों को उनकी स्थिति का पता लगाने के लिए कम से कम 4 सेटेलाइट से सिग्नल पकड़ने होते हैं। ऐसा होने पर उस से वहां की गति लोकेशन तथा समय का सही अनुमान लगाना आसान हो जाता है। जीपीएस हैकिंग से सेना के संचालन तथा सुरक्षा के प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है।रेलवे टाइमिंग बैंकिंग ट्रांजैक्शन मिसाइल ड्रोन सभी जीपीएस पर निर्भर होते हैं। ऐसे में जीपीएस हैकिंग भविष्य में दुनिया के सामने बड़ा खतरा बनकर उभर सकता है। किसी भी डिवाइस के लोकेशन सिग्नल को बाधित कर देना या उसमें परिवर्तन कर देना ही जीपीएस हैकिंग कहलाता है। जीपीएस हैकिंग के माध्यम से सिग्नल को ब्लॉक कर दिया जाता है। ऐसा होने पर रेडियो सिग्नल जैमिंग के जरिए नहीं पहुंच पाते। एक दूसरे तरीके में जीपीएस हैकिंग कर लिए जाने के बाद नकली जीपीएस सिगनल भेज कर डिवाइस को भ्रमित कर दिया जाता है। ऐसा होने पर जहाज तथा दूसरे वाहन अपनी स्थिति खो देते हैं।
‘तेल खरीद से रूस को मिल रहा पैसा’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड सलाहकार ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के बाद भारत के द्वारा बड़े स्तर पर रूस से व्यापार किया जा रहा है। कच्चे तेल की खरीद करते हुए भारतीय कंपनियों के द्वारा उसे रिफाइन करने के बाद महंगे दाम पर बेचा जा रहा है। इस तरह युद्ध में रूस को आर्थिक समर्थन मिल रहा है। दूसरी तरफ भारत लगातार मुनाफा कमा रहा है। भारत अमेरिका को सामान बेचकर जो पैसा मिलता है उस से रूसी तेल खरीदने का कार्य कर रहा है। उन्होंने बड़ा दावा किया कि रूस और यूक्रेन युद्ध में शांति का रास्ता भारत से होकर गुजरता है। अगर देखा जाए तो भारत को रूस के तेल की आवश्यकता नहीं है लेकिन मुनाफा कमाने के कारण भारत के द्वारा ऐसा किया जा रहा है।
रूस की सुरक्षा सबसे जरूरी -पुतिन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि रूस के लिए रूस की सुरक्षा सबसे पहले है। पुतिन इससे पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर अपना मत स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने आने वाले समय में होने वाली मीटिंग को रूस के मास्को में आयोजित करने का सुझाव दिया। रूस और अमेरिका के राष्ट्रपति प्रेस कांफ्रेंस करने के कुछ समय पश्चात ही तुरंत मंच से रवाना हो गए।

ट्रंप बोले- यूक्रेन पर निर्भर रहेगी लड़ाई
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के युद्ध का भविष्य यूक्रेन के राष्ट्रपति पर निर्भर है। यदि यूक्रेन के राष्ट्रपति चाहे तो यह युद्ध जल्दी ही खत्म हो सकता है। सब कुछ अब यूक्रेन के राष्ट्रपति पर निर्भर है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के द्वारा शांति का रास्ता अपनाया जाता है या फिर लड़ाई को जारी रखा जाता है। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौर को याद करते हुए कहा गया की 12 साल पहले बिना किसी दबाव और युद्ध के क्रीमिया को रूस को सौंप दिया गया था और यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं हुआ था। ऐसे में बहुत सारी चीज कभी बदलने वाली नहीं है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा बार-बार दुनिया में चल रहे विभिन्न संघर्षों को लेकर अपनी भूमिका को लेकर बयान दिया जाता रहा है। डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह अब तक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कई युद्धों को समाप्त कर चुके हैं। इसके लिए वह नोबेल पुरस्कार तक के लिए बोल चुके हैं। लंबे समय से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए भी अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की गई थी। इसके बाद उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी लेकिन पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के एजेंट की तरह कार्य कर रहे हैं।
रूस यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता का कार्य करते हुए वह लगातार रूस को फायदा पहुंचा रहे हैं। अमेरिका के द्वारा की जा रही कोशिश से यूक्रेन को कोई मदद नहीं मिल पा रही है। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा सिर्फ बयान दिए जाते हैं। अमेरिका के द्वारा अब तक रूस पर किसी भी तरह के कोई प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं जबकि ट्रंप के द्वारा रोज धमकी दी जाती है। पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ एक पक्ष के साथ ही बातचीत करते हैं जबकि कोई भी शांति समझौता दोनों पक्षों से बातचीत किए बना नहीं हो सकता। पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए यूक्रेन तथा यूरोपीय देशों को मिलकर अपने स्तर पर बातचीत करने की कोशिश करनी चाहिए।