India China Border चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद पर बातचीत का प्रस्ताव रखा, सीमा विवाद के हल के लिए दोनों देशों के बीच चर्चा संभव।

चीन ने जताई भारत से सीमा विवाद पर बातचीत की इच्छा

India China Border: भारत का अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन के साथ लंबे समय से विभिन्न मुद्दों को लेकर तनाव जारी है। भारत और चीन के मध्य सीमा विवाद बने रहने के कारण कई बार दोनों देशों की सेना में हिंसक झड़प भी देखने को मिली है लेकिन अब चीन के द्वारा सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही चीन  ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा विवाद काफी जटिल है। इसे हल होने में समय लगेगा। चीन के द्वारा की गई इस पहल के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत का दौर शुरू हो सकता है।

चीन बोला -चाहते हैं क्रॉस बॉर्डर सहयोग को बढ़ाना

चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से भारत के साथ बातचीत को लेकर प्रस्ताव की जानकारी देते हुए कहा गया कि चीन लगातार क्रॉस बॉर्डर सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। दोनों देशों के बीच स्पेशल प्रतिनिधि वार्ता का सिस्टम विकसित किया गया है जिससे भारत और चीन की सीमा का विवाद निपटाया जा सके। अलग-अलग लेवल पर चीन और भारत के बीच मिलिट्री और डिप्लोमेटिक कम्युनिकेशन सिस्टम भी मौजूद हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा की सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए तथा भारत चीन बॉर्डर के विवाद जैसे मुद्दों पर बातचीत बनाए रखने के लिए हम तैयार हैं। इससे कुछ समय पहले भारत के द्वारा भी चीन से सीमा विवाद पर बातचीत का प्रस्ताव रखा गया था। ऐसे में अब दोनों देशों के बीच एक बार फिर सीमा विवाद को लेकर बातचीत का दौर शुरू हो सकता है।

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लंबे समय से बना हुआ भारत चीन सीमा विवाद

भारत और चीन के मध्य सीमा विवाद लंबे समय से बना हुआ है। दोनों ही देश के प्रतिनिधियों के बीच 23 बार स्पेशल बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी तक इस  विवाद को लेकर कोई समाधान नहीं निकला है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत और चीन की सीमा का विवाद काफी जटिल है। इस समाधान तक पहुंचने में काफी समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम उम्मीद करते हैं भारत सीमा पर शांति और स्थिरता के लिए हमारा सहयोग करेगा। इससे पहले कई बार भारत और चीन की सेना सीमा विवाद के कारण आमने-सामने हो चुकी हैं।

चीन के रक्षा मंत्री से मिले थे राजनाथ सिंह

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन में हिस्सा लेने के लिए चीन पहुंचे थे। शंघाई सहयोग संगठन का आयोजन चीन में किया गया था। इस बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे राजनाथ सिंह के द्वारा चीन के रक्षा मंत्री से भी मुलाकात की गई थी। भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात में दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर बातचीत हुई थी। चीन के द्वारा सीमा विवाद को लेकर बातचीत का प्रस्ताव इसी वार्ता का नतीजा माना जा रहा है। हालांकि इससे पहले भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी चीन के मंत्री से मुलाकात की थी जिसके बाद भारत और चीन के बीच 2024 में हुए समझौते को लागू किया गया था।

India China Border चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद पर बातचीत का प्रस्ताव रखा, सीमा विवाद के हल के लिए दोनों देशों के बीच चर्चा संभव।
India China Border चीन ने भारत के साथ सीमा विवाद पर बातचीत का प्रस्ताव रखा, सीमा विवाद के हल के लिए दोनों देशों के बीच चर्चा संभव।

शंघाई सहयोग संगठन में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे को मजबूती से उठाया गया था। उन्होंने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन में घेरा था। भारतीय रक्षा मंत्री के द्वारा चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात की गई लेकिन सम्मेलन में मौजूद होने के बावजूद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुलाकात नहीं की थी।

चीन से झड़प में 20 सैनिक हुए थे शहीद

आपको बता दे कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से बना हुआ है। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हो गए थे। दोनों ही देश के बीच सीमा का विवाद होने के कारण यह स्थिति बनी थी। सैनिकों के आपस में उलझने के कारण भारत के 20 सैनिक इस घटना में शहीद हो गए थे जिसके बाद लगातार भारत और चीन के बीच तनाव बना हुआ था। चीन की सेना  के द्वारा लगातार विवाद वाले क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की जाती रही है। हालांकि भारतीय सेना के द्वारा मजबूती से चीन के इस कदम का विरोध किया जाता रहा है लेकिन अब एक बार फिर भारतीय रक्षा मंत्री की चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात होने के बाद चीन के द्वारा सीमा विवाद पर बातचीत के प्रस्ताव से इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद जताई जा रही है।

भारत और चीन का सीमा विवाद नया नहीं है। बल्कि दोनों देशों के बीच यह सीमा विवाद लंबे समय से जारी है। चीन के द्वारा भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर अपना अधिकार जताया जाता रहा है जबकि भारत चीन के दावे को लगातार खारिज करता रहा है। चीन के द्वारा इससे पहले भारत चीन सीमा के आसपास बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया था जिसका भारत ने विरोध किया था। भारत भी लगातार चीन से टकराव  को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों में सेना के लिए महत्वपूर्ण सड़क तथा अन्य सुविधाएं विकसित कर रहा है।

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