India China Talks 2025 में सीधी उड़ान, मानसरोवर यात्रा और ब्रह्मपुत्र नदी डाटा साझा करने पर सहमति बनी, रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी।

जल्द शुरू होगी भारत-चीन उड़ान सेवा, दोनों देशों के बीच बनी सहमति

India China Talks 2025: दो पड़ोसी देश भारत और चीन एक दूसरे के साथ लंबे समय से चल रहे तनाव को कम करने को लेकर कार्य करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नजर आए हैं| जल्द ही भारत और चीन के मध्य सीधी उड़ान सेवा देखने को मिल सकती है| भारत और चीन के मध्य हुई बातचीत में इसको लेकर सहमति बनी है|

India China Talks 2025 में सीधी उड़ान, मानसरोवर यात्रा और ब्रह्मपुत्र नदी डाटा साझा करने पर सहमति बनी, रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी।
India China Talks 2025 में सीधी उड़ान, मानसरोवर यात्रा और ब्रह्मपुत्र नदी डाटा साझा करने पर सहमति बनी, रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी।
भारतीय विदेश सचिव ने की चीन के विदेश उप मंत्री से मुलाकात

भारत और चीन के मध्य संबंधों को एक बार फिर पटरी पर लाने के लिए भारत और चीन की तरफ से दिल्ली में महत्वपूर्ण मुलाकात हुई है| चीन के विदेश उप मंत्री 2 दिन की भारत यात्रा पर आए हुए हैं| इस दौरान उन्होंने दिल्ली में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री से मुलाकात की| दोनों की मुलाकात के बाद भारत और चीन के मध्य विभिन्न मुद्दों को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत हुई| दोनों के मध्य हुई मुलाकात के बाद एक दूसरे के सहयोग का भरोसा दिया गया है|
दोनों देशों के बीच उड़ान सेवा जब से स्थगित की गई है उससे पहले काफी फ्लाइट भारत और चीन को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य करती थी| भारत की तरफ से 19 उड़ान संचालित होती थी, जबकि चीन की तरफ से 42 साप्ताहिक उड़ान रहती थी| भारत लंबे समय से उड़ान सेवा को शुरू करने से पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा का मुद्दा उठता रहा है|

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भारत ने किया मानसरोवर यात्रा के रास्ते में परिवर्तन

लंबे समय से मानसरोवर यात्रा जिस  रूट के सहारे तय की जाती थी उसमें भारत के द्वारा अब हम बदलाव किए गए हैं| मानसरोवर यात्रा अभी दो रास्तों से संभव है एक रास्ता सिक्किम में नाथूला से होकर जाता है तो वहीं दूसरा रास्ता उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे से गुजरता है| भारत ने विभिन्न सड़कों और अन्य ढांचों का निर्माण करते हुए मानसरोवर यात्रा के रास्ते में महत्वपूर्ण बदलाव किया है जिससे यात्रियों को कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान परेशान नहीं होना पड़ेगा|

आखरी बार 2020 में हुई थी मानसरोवर यात्रा

दिल्ली में चीन के मंत्री के द्वारा भारतीय विदेश सचिव से मुलाकात करने के साथ ही लगभग 5 साल बाद मानसरोवर यात्रा के लिए जत्थे  को रवाना किया गया है| भारत और चीन में सीमा पर तनातनी हो जाने के बाद इस यात्रा को स्थगित कर दिया गया था| कोरोना महामारी तथा बॉर्डर पर चीन से हुए मतभेद के कारण भारत और चीन के आपसी संबंध ठीक नहीं चल रहे थे| दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव के कारण ही 2020 के बाद से मानसरोवर यात्रा को स्थगित किया जा रहा था |अब एक बार फिर इस यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में उम्मीद जगी है|

नदियों के हाइड्रोलॉजिकल डाटा पर भी बनी सहमति

भारत और चीन के मध्य हुई बातचीत में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं| लंबे समय से भारत और चीन के मध्य तनाव होने के कारण नदियों से संबंधित हाइड्रोलॉजिकल डाटा एक दूसरे को साझा  नहीं किया जा रहे थे| अब नदियों के पानी से संबंधित आंकड़ों को एक दूसरे को प्रदान करने को लेकर सहमति बनी है| चीन से आकर  भारत आने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के आंकड़ों को चीन के द्वारा भारत को प्रदान नहीं किए जाने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जिसे अब सुलझा  लिया जाएगा| पाकिस्तान से तकरार होने के बाद भारत ने लंबे समय से चला आ  रहा सिंधु जल समझौता रद्द करते हुए पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया था| सिंधु जल समझौते के रद्द  होने  से पाकिस्तान को इन नदियों के पानी से संबंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं कराये  जा रहे थे| इसके बदले में यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि पाकिस्तान का सहयोग करने के लिए चीन भारत के साथ भी ऐसा ही बर्ताव कर सकता है| चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर विश्व का सबसे बड़ा बांध बनाने की तैयारी में है| अगर चीन ऐसा करने में सफल रहता है तो यह भारतीय नदी तंत्र को बड़े स्तर पर प्रभावित करेगा।

चीन का झुकाव पाकिस्तान की तरफ

लंबे समय से भारत का पड़ोसी देश चीन पाकिस्तान के प्रति नरम रुख  अपनाते हुए देखा गया है भारत और चीन के बीच सीमा पर कई बार टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी| दोनों देशों के बीच सीमा पर चल रहे विवाद और अन्य कारणों   से चीन और भारत के बीच की दूरी वर्तमान में बढ़ गई है जबकि पाकिस्तान और चीन लगातार एक दूसरे का सहयोग करते हुए नजर आ रहे हैं| भारत की अमेरिका के साथ नजदीकियों के कारण भी चीन लगातार भारत से चिढ़ता  रहता है| चीन नहीं चाहता कि भारत और अमेरिका के मध्य संबंध और अच्छे हो पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते लंबे समय से ठीक नहीं है और दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी रहती है| इस स्थिति में चीन लगातार पाकिस्तान को समर्थन करता हुआ आ रहा है|

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