India Pakistan Ceasefire: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह दोहरा रहे हैं कि उन्होंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराया था। इसी बीच पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसाक डार का एक नया बयान सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम करने में सऊदी प्रिंस की अहम भूमिका थी। उनका कहना है कि सऊदी प्रिंस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से बातचीत की थी।
सऊदी प्रिंस ने की बातचीत की पहल
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसाक डार का कहना है कि भारत के द्वारा किए गए हमले के बाद सऊदी के प्रिंस ने फोन करते हुए भारत से बातचीत का प्रस्ताव पाकिस्तान को दिया था। पाकिस्तान के द्वारा सऊदी प्रिंस को सहमति देने के बाद उनके द्वारा भारत से बातचीत की गई थी। पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री का दावा है कि उनकी पहल के बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा संघर्ष रोका था।
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एयरबेस नुकसान को पाकिस्तान ने किया स्वीकार
भारत के द्वारा की गई एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के एयर बेस को नुकसान पहुंचने की खबर का एक बार फिर पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसाक डार ने पुष्टि की है। उनका कहना है कि भारत के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान भारत पर जवाबी हमला करने की तैयारी कर रहा था। जिससे पहले भारत के द्वारा एक बार फिर एयर स्ट्राइक कर दी गई। जिससे नूर खान और शोरकोट एयरबेस को बड़ी मात्रा पर नुकसान पहुंचा है। इससे पहले भारत के द्वारा की गई यह स्ट्राइक में पाकिस्तान के विभिन्न एयरबेस को नुकसान पहुंचने की बात को पाकिस्तान के अधिकारियों के द्वारा गलत बताया जा रहा था।
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से भारत पर हमला करने की बातचीत हो गई थी और किस तरह भारत पर हमला करना है इन सब बातों को लेकर फैसला हो गया था लेकिन उससे पहले ही भारत के द्वारा हमारे ऊपर हमला कर देने से विभिन्न एयरबेस को नुकसान पहुंचा। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत पर सुबह 4:00 बजे के लगभग हमला करने की तैयारी में था।
भारत की एयर स्ट्राइक के बाद किया सऊदी प्रिंस ने फोन
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इसाक डार ने कहा कि भारत के द्वारा नूर खान एयरबेस पर एयर स्ट्राइक कर देने के 45 मिनट बाद सऊदी प्रिंस का फोन उनके पास आया था। सऊदी प्रिंस ने उन्हें फोन पर बताया कि यदि आप सहमत हो तो भारत के विदेश मंत्री से संघर्ष विराम को लेकर बातचीत की जाए। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को कहा जाएगा की पाकिस्तान संघर्ष विराम के लिए तैयार है और भारत भी इस पर तैयार हो। मेरे द्वारा सहमति दिए जाने के बाद उन्होंने भारत से बातचीत की और बातचीत करने के बाद मुझे वापस बात की।

भारत ने तबाह किए थे पाकिस्तान के एयर बेस
पहलगाम के आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के द्वारा आतंकियों को सबक सिखाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के द्वारा आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था जिसमें सैकड़ो आतंकी भी मारे गए थे।
पाकिस्तान सरकार के द्वारा आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले के बाद भारत पर की गई कार्रवाई के जवाब में भारत की सेना ने पाकिस्तान की विभिन्न एयरबेस को निशाना बनाते हुए उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा भी इस बात को स्वीकार किया जा चुका है। भारतीय सेना ने सटीक हमला करते हुए पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दी थी। भारत के द्वारा किए गए हमलो में पाकिस्तान के बुलारी, नूर खान और रहीम यार खान एयर बेस के अलावा और विभिन्न ठिकाने क्षतिग्रस्त हो गए थे।
ट्रंप बार-बार ले रहे संघर्ष विराम का क्रेडिट
एक तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच चले संघर्ष को किसी और के कहने से नहीं बल्कि पाकिस्तान की गुजारिश पर रोका गया था। दूसरी तरफ पाकिस्तान के द्वारा समय-समय पर अलग-अलग बयान दिए जा रहे हैं।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख संघर्ष विराम को रोकने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका बता रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिएभारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए जबकि पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री के द्वारा अब सऊदी प्रिंस को संघर्ष विराम का श्रेय दिया जा रहा है।
इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार यह दोहरा चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष को रुकवाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान को व्यापार समझोतो की धमकी देने के बाद दोनों देश संघर्ष विराम के लिए राजी हुए थे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर हुई बातचीत में भी इस बात को स्पष्ट नकार दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित मुद्दों में तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी।