India Pakistan Tensions : एक तरफ भारत लगातार पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरता हुआ नजर आ रहा है। भारत के विदेश मंत्री रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री के द्वारा विभिन्न वैश्विक स्तर की बैठकों में पाकिस्तान के द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने की बात कही। इससे परेशान होकर पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत बिना किसी जांच के पाकिस्तान पर इल्जाम लगा रहा है। बिना ठोस जांच के इल्जाम लगाना गलत बात है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसाक डार ने आतंकवाद को लेकर आरोप लगाने के लिए भारत की आलोचना की। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए चीन पहुंचे जहां पर उन्होंने यह बात कही।
शंघाई सहयोग संगठन में भारतीय विदेश मंत्री ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा, पहलगाम हमले की करी निंदा
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सिंधु जल समझौते पर जताई पाकिस्तान ने चिंता
चीन में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में विदेश मंत्री पाकिस्तान इसाक डार ने भारत के द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों को लेकर भारत की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत के द्वारा पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर लगाए जा रहे इल्जाम के कारण दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया लेकिन उन्होंने कहा की मनमानी ढंग से सैन्य बल का उपयोग किया गया तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के द्वारा स्थगित की गई सिंधु जल संधि को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए दोनों देशों में बातचीत और कूटनीति जरूरी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री के द्वारा यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवाद के मुद्दे पर शंघाई सहयोग संगठन में आवाज उठा चुके हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने की चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात
शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान चीन के विदेश मंत्री ने दोनों देशों के विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की। व्यापार और पर्यटन से जुड़े हुए मुद्दों पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री और चीन के राष्ट्रपति के बीच चर्चा हुई। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच विभिन्न मुद्दों के कारण तनाव बना हुआ है।
लगातार आतंकवाद के मुद्दे को उठा रहा भारत
पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद लगातार वैश्विक मंचों पर भारत के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे को उठाया जा रहा है। ब्रिक्स सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे और पहलगाम हमले का जिक्र किया था। इसके बाद भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन में रक्षा मंत्रियों की बैठक में भी पाकिस्तान को लेकर आतंकवाद पर तंज कसा था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था की सीमा के पार विभिन्न देशों के द्वारा आतंकवाद को समर्थन दिया जा रहा है। आतंकवाद के मुद्दे पर डबल स्टैंडर्ड नहीं होना चाहिए।
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में साझा बयान पर भारत ने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिए थे क्योंकि इस बयान में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया गया था। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी चीन में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन के सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के मुद्दे पर मिलकर लड़ाई लड़ने की बात कही थी। यही कारण है कि भारत के द्वारा लगातार आतंकवाद के मुद्दे को उठाने के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भारत पर आरोप लगा रहे हैं।

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा तनाव
भारत और पाकिस्तान दोनों एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं लेकिन इनके बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। सीमा विवाद तथा आतंकवाद जैसे मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान में लंबे समय से विवाद जारी है। कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी ज्यादा बिगड़ गए थे। दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। हालांकि कुछ दिनों तक संघर्ष की स्थिति बने रहने के बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए हमला किया था।
सिंधु जल संधि स्थगित होने से पाकिस्तान परेशान
कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कठोर कदम उठाए थे। आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना के द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया था। दूसरी तरफ भारत सरकार ने लंबे समय से चली आ रही पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था जिसके बाद से लगातार पाकिस्तान सिंधु जल संधि को बहाल करने के लिए याचना कर रहा है।
सिंधु जल संधि स्थगित होने से पाकिस्तान में पानी की कमी पैदा हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ इलाको में बाढ़ की समस्या बनी हुई है। सिंधु जल संधि स्थगित होने के कारण जल से जुड़े हुए आंकड़े पाकिस्तान को भारत के द्वारा उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। सिंधु जल संधि स्थगित करने के बाद भारत ने पाकिस्तान की तरफ पानी ले जाने वाली नदियों के पानी को रोक दिया था। पाकिस्तान के द्वारा बार-बार जल संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखते हुए सिंधु जल संधि को बहाल करने की मांग की जा रही है लेकिन भारत यह स्पष्ट कर चुका है कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।